Sarangarh: नेवता भोज के साथ प्रारंभ हुआ बच्चों का स्कूल

Update: 2024-06-26 11:56 GMT

सारंगढ़ बिलाईगढ़ Sarangarh Bilaigarh। जिले के स्वामी आत्मानंद शासकीय इंग्लिश मीडियम स्कूल बरमकेला baramkela में हर्षोल्लास के साथ शाला प्रवेश उत्सव मनाया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगर पंचायत अध्यक्ष हेमसागर नायक, विशिष्ट अतिथि नगर पंचायत उपाध्यक्ष रामकुमार नायक एवं जिला शिक्षा अधिकारी एस.एन.भगत, सीएमओ अनिल सोनवानी, पार्षद सहित पालक एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। अतिथियों का पुष्प गुछ से स्वागत किया गया। सर्वप्रथम नन्हे-मुन्ने बच्चों विद्यार्थियों को आरती उतारकर तिलक लगाकर स्वागत किया गया।

school entrance ceremony शाला प्रवेशोत्सव का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करना, उनकी आत्मविश्वास को बढ़ाना और उन्हें नए सत्र में सफलता की कामना करना होता है। यह उत्सव छात्रों के बीच एक मेलजोल वातावरण है। हमारे जीवन का यादगार पलों में से एक यह भी है कि दो माह की छुट्टी के बाद बच्चों को विद्यालय में आने की उत्सुकता देखी गई। इस शाला प्रवेश उत्सव में अतिथियों द्वारा किताब , सायकल का भी वितरण किया गया। नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा सभी बच्चों को नेवता भोज के तहत खाना खिलाया गया जिसमें विद्यार्थियों में भी काफी उत्साह देखा गया वही पालक अपने बच्चों को स्कूल शाला प्रवेश उत्सव के दौरान छोड़ने के लिए आए हुए थे जिससे स्कूल के वातावरण एवं वहां के शिक्षकों को देखकर उत्साहित नजर आए।

एस.एन.भगत जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि भाग्य नहीं कड़ी मेहनत पक्का इरादा सफलता की कुंजी होती है।परीक्षा में सफल होने के लिए उचित कार्य योजना बनाकर , समय प्रबंधन के साथ-साथ सही दिशा में मेहनत की आवश्यकता होती है। विद्यार्थियों को सफलता के गुर सिखाते हुए उचित मार्गदर्शन प्रदान किया। नव प्रवेशी विद्यार्थियों को तिलक लगाकर तथा मिठाई खिलाकर स्वागत किया गया। नगर पंचायत अध्यक्ष हेमसागर नायक ने नए शैक्षणिक सत्र के शुरू होने पर छात्र छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी बच्चे मन लगाकर पढ़ाई करें और अपने परिवार बरमकेला सहित पूरे छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करें। प्राचार्य नरेश कुमार चौहान ने सभी विद्यार्थियों को नए सत्र 2024-25 में प्रवेश के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि स्कूल शिक्षा का मंदिर होता है और इस मंदिर को भी हमेशा साफ-सुथरा रखना है, बच्चे हमारा भविष्य हैं। इन बच्चों को शिक्षा का उचित वातावरण देना हमारी जिम्मेदारी है, ताकि उनका पढ़ाई में मन लगा रहे।


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