छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण पर बवाल:सुकमा एसपी ने पत्र लिखकर जताई थी टकराव की आशंका, भाजपा सांसद रामविचार नेताम ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर की हस्तक्षेप की मांग

Update: 2021-07-16 01:24 GMT

फाइल फोटो 

छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के धर्मांतरण के मुद्दे पर नया बवाल खड़ा हो गया है। पिछले दिनों सुकमा एसपी ने अपने मातहतों को एक पत्र लिखकर क्षेत्र में इस मुद्दे पर टकराव की संभावना जताई थी। राज्य सरकार धर्मांतरण की ऐसी किसी गतिविधि से इन्कार कर रही है। अब भाजपा से राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप की मांग कर डाली है।

भाजपा सांसद रामविचार नेताम ने इस पत्र में सुकमा एसपी के 12 जुलाई को लिखे पत्र का हवाला दिया है। नेताम ने केंद्रीय गृहमंत्री को बताया है कि ऐसी ही स्थिति छत्तीसगढ़ के सभी क्षेत्रों में है। उन्होंने लिखा, धर्मांतरण पर जिला पुलिस अधीक्षक की स्वीकारोक्ति को प्रकाश में लाया जाना अत्यंत गंभीर एवं चिंतनीय है। भाजपा सांसद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में यथोचित कार्रवाई के लिए संबंधितों को आदेशित करने का आग्रह किया है।

रामविचार नेताम ने पत्र के संदर्भ में कहा, प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में हो रहे धर्मान्तरण में प्रदेश सरकार का संरक्षण और संलिप्तता स्पष्ट है। यह स्थिति केवल सुकमा जिले में ही नहीं है, कमोबेश यही स्थिति पूरे प्रदेश में है। प्रदेश सरकार के मंत्रियों द्वारा धर्मान्तरण के पक्ष में बयान देकर आदिवासियों की मूल संस्कृति, अस्तित्व एवं अस्मिता को नष्ट करने का कुत्सित प्रयास़ किया जा रहा है। इस पर आने वाले समय में आदिवासी समाज एकजुट होकर करारा जवाब देगा।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, सरकार के संरक्षण में हो रहा धर्मांतरण

विधानसभा मे भाजपा विधायक दल के नेता धरमलाल कौशिक ने कहा, छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण तेजी से हो रहा है। ऐसा कह सकते हैं कि यह सरकार के संरक्षण में हो रहा है। सुकमा एसपी के पत्र में बाकायदा ऐसे गांवों का जिक्र है। यह उसकी मौन स्वीकृति है। अम्बिकापुर के महामाया तालाब क्षेत्र में बाहर के लोग आकर बस रहे हैं और धर्मांतरण कर रहे हैं। बस्तर से लेकर सरगुजा तक जहां भी ऐसे लोग आए हुए हैं, उनके पहचानपत्र और अन्य दस्तावेजों की समुचित रूप से जांच होनी चाहिए। इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनानी चाहिए। ऐसा नहीं हुआ तो छत्तीसगढ़ की संस्कृति सुरक्षित नहीं रहेगी।

कृषि मंत्री बोले, ऐसी कोई परिस्थिति नहीं बनी

भाजपा के इन आरोपों के जवाब में राज्य कैबिनेट के प्रवक्ता और कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, मुझे लगता है कि प्रदेश में कहीं भी ऐसी परिस्थिति नहीं बनी है। एकाध घटनाओं की जानकारी के बाद सुकमा एसपी का जो पत्र सामने आया है। छत्तीसगढ़ में कहीं भी इस तरह की परिस्थिति का निर्माण नहीं हुआ है।

सुकमा एसपी के पत्र में क्या है

सुकमा के पुलिस अधीक्षक सुनील शर्मा ने 12 जुलाई को अपने एसडीओपी और थाना प्रभारियों को लिखे पत्र में इसाई मिशनरियों की गतिविधियों का उल्लेख किया था। उन्होंने लिखा, जिले के अंदरूनी क्षेत्रों में मिशनरियों द्वारा स्थानीय आदिवासियों को बहला-फुसलाकर और इसाई समुदाय में होने वाले लाभ का लालच देकर धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। छिंदगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम गुड़रा पतिनाइकरास, काकड़ीआमा, लौण्डीपारा, बारूपाटा में इनकी गतिविधियों की आसूचना है। इसके कारण भविष्य में स्थानीय आदिवासी और धर्मांतरित लोगों के बीच विवाद की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। एसपी ने अपने मातहत अधिकारियों ने मिशनरियों और धर्मांतरित लोगों की गतिविधियों पर नजर रखने का निर्देश दिया है। साथ ही कोई अवांछनीय गतिविधि दिखने पर तत्काल कार्रवाई को भी कहा है।


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