छत्तीसगढ़ में पहली बार रोबोट असिस्टेड सर्जरी

Update: 2022-06-23 11:10 GMT

रायपुर। रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल द्वारा सर्जरी के क्षेत्र में क्रांतिकारी पहल की गई है। हॉस्पिटल रोबोट असिस्टेड सर्जरी का शुभारंभ करने जा रहा है। चिकित्सा विज्ञान में अब तक इसे सबसे अत्याधुनिक सर्जरी माना गया है। ये तकनीक केवल छत्तीसगढ़ ही नही बल्कि सारे मध्यभारत में पहली ऐसी तकनीक होगी जहां एक्स्पर्ट किसी रोबोट के माध्यम से सर्जरी करेंगे इसकी ख़ासियत यह होगी कि प्रिसीज़न के साथ-साथ इसमें मरीज़ को कम से कम चीरा लगेगा, घाव बहुत कम होगा, रक्त स्त्राव भी ना के बराबर रहेगा, फलस्वरूप रिकवरी बहुत जल्द होगी।

देश के जाने-माने लेपेरोस्कोपिक सर्जन, डॉ. संदीप दवे ने मध्यभारत की अनेक प्रथम उपलब्धियों एवं नव-प्रवर्तनों के अनन्तर अब एक नये अध्याय, रोबोटिक सर्जरी का प्रारंभ करने के साथ प्रदेश में एक नई क्रांति लाने का प्रयास किया है। इसके श्रेय के पीछे उनका विगत 30 वर्षों का गहन अनुभव एवं शल्यक्रिया की परिष्कृत दक्षता को जाता है। रोबोटिक सर्जरी, मिनीमली इन्वेसिव सर्जरी जिसमें बिना किसी चीर-फाड़ के दूरबीन के माध्यम से ऑपरेशन किया जाता है का ही एक उन्नत एवं परिष्कृत प्रकार है जिसमें ऑपरेशन किये जाने वाले भाग का एक त्रियामी तथा अवर्धित प्रतिबिम्ब कैमरे के माध्यम से मॉनीटर पर दिखाई देता है। रोबोटिक सर्जरी का प्रमुख लाभ यह है कि सर्जन जब अपने हाथों से आेपन सर्जरी अथवा लेपेरोस्कोपिक सर्जरी करता है तो सर्जरी के औजार शरीर के कुछ विशेष स्थानों एवं गहराई तक पहुंचाने में अनेक कठिनाईयां तथा जटिलतायें उत्पन्न होने की आशंका रहती है जबकि रोबोटिक सर्जरी सर्जन बिना किसी थकान के अधिक परिशुद्धता के साथ सर्जरी की संपूर्ण प्रक्रिया संपन्न कर लेते है। दो वर्ष पूर्व के आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में 2500, यूरोप में 500, जापान में 200, दक्षिण कोरिया में 100 और भारत में मात्र 50 रोबोटिक सर्जरी की मशीनें कार्यरत थी। 

सर्जिकल रोबोट एक सेल्फ पॉवर्ड, स्वतः संचालित तथा कम्प्यूटर द्वारा नियंत्रित एक मशीन होती है। इसकी चार भुजाएं होती है जिसमें सर्जरी के औज़ार एवं कैमरा फिट रहते हैं। कम्प्यूटर में सर्जन स्वय अपने द्वारा की जाने वाली विशिष्ट सर्जरी का संपूर्ण प्रोग्रामिंग बनाकर लगा देते हैं तथा रोबोट सर्जन के आदेशों का पालन ठीक उसी प्रकार करता रहता है जैसे एक सेवक मालिक का इसलिए सर्जन और रोबोट के संबंध को मास्टर स्लेव रिलेशनशीप कहा जाता है। स्मरण रहे कि रोबोट स्वंय कोई निर्णय नहीं लेता बल्कि वह सर्जन द्वारा दिये जाने वाले आदेशों का पालन ही करता है।

4th जनरेशन रोबोटिक असिस्टेड सर्जरी सिस्टम, छत्तीसगढ़ के साथ ही मध्यभारत की भी पहली अत्याधुनिक टेक्नालाॅजी होगी। रामकृष्ण केयर हाॅस्पिटल का लक्ष्य, अत्याधुनिक टेक्नालाॅजी के साथ, छत्तीसगढ़ व आस-पास के अंचल की जनता को उचित खर्च पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। रोबोटिक असिस्टेड सर्जरी के माध्यम से मरीजों को अत्याधुनिक टेक्नालाॅजी के साथ ही स्पेशलिस्ट लेप्रोस्कोपिक सर्जन्स डॉ. संदीप दवे, डॉ. जव्वाद नकवी, डॉ. सिद्धार्थ तामस्कर एवं डॉ. विक्रम शर्मा की टीम के अनुभव द्वारा और भी बेहतर केयर मिलेगी। रोबोटिक असिस्टेड सर्जरी सिस्टम की शुरूआत पर रामकृष्ण केयर हाॅस्पिटल के मैनेजिंग एवं मेडिकल डायरेक्टर डॉ. संदीप दवे के साथ निलेश गुप्ता, एवीपी ऑपरेशन भी उपस्थित थे। डॉ. दवे ने कहा कि रोबोटिक असिस्टेड सर्जरी अपनी अत्याधुनिक टेक्नोलाॅजी व चिकित्सा सुविधाओं के कारण पूरी दुनिया में, लोकप्रिय हो चुकी है, और रोबोटिक सर्जरी की शुरूआत छत्तीसगढ़ व पूरे मध्यभारत के लिये समाज के सभी वर्गों को अत्याधुनिक चिकित्सा उपलब्ध कराने की एक महत्वपूर्ण कोशिश है। रोबोटिक असिस्टेड सर्जरी से मरीजों को होने वाले फायदों में कम समय का हाॅस्पिटलाइजेशन रहता है। इसलिए बाहर से आने वाले मरीजाें को समय और पैसे की बचत होती है। ऑपरेशन के लिए बड़े चीरे नहीं लगाये जाते है, बल्कि छोटे-छोटे छेद किये जाते है जिससे सर्जरी के बाद घाव के कम निशान पड़ते हैं और कम दर्द होता है। लेजर गाइडेंस के कारण ऑपरेशन सटीक और सुरक्षित होता है। संक्रमण का न्यूनतम खतरा होता है। छोटे छेदों के कारण कम रक्तस्त्राव व जल्दी रिकवरी हाेती है। रोबोटिक असिस्टेड सर्जरी की खासियत यह है कि, यह सर्जन को, ऑपरेशन किये जाते समय, 3डी एच.डी. विजन के द्वारा शरीर के अंदर के ऑर्गन्स की स्पष्ट स्थिति बतलाती है, जिससे सर्जरी में आसानी होती है। रोबोटिक सर्जरी में, कोलोरेक्टल सर्जरी-कोलन व रेक्टम की एसोफेगल कैंसर, एसोफेगेक्टॉमी, गाइनेकोलाॅजिकल कैंसर-सर्वाइकल कैंसर, ओवेरियन कैंसर, यूटेराइन कैंसर तथा पेट की सभी प्रकार की सर्जरी, छोटी एवं बड़ी आंत के कैंसर की सर्जरी, प्रोस्टेट सर्जरी, बैरियाट्रिक/मोटापे की सर्जरी, बच्चेदानी के कैंसर की सर्जरी, थोरेसिक (छाती एवं फेफड़ा) की सर्जरी आदि की सटीक व सुरक्षित सर्जरी की जाती है। यह तकनीक रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के सर्जन्स को सजरी में सफल परिणाम दिलानें में सहायक रहेगी । दक्षता एवं अनुभव का फायदा देने में रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल सबसे आगे है। मध्यभारत व छत्तीसगढ़ की जनता को यह सुविधा अब रायपुर मे ही उपलब्ध हो रही है, अब मरीजो को ऐसी सर्जरी के लिए महानगरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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