रोड सेफ्टी टी-20, सटोरिये दुनिया भर में बांट रहे कमाई की स्कीम

Update: 2021-03-15 05:33 GMT

दो नंबर का यह धंधा बुकी और खाईवाल के भरोसे से है चलता

सट्टेबाज मजबूत व कमजोर टीम के हिसाब से करते हैं रेट तय

क्रिकेट फैंस के बीच में बैठकर सटोरिए मैच को देखकर दांव लगवाने का खोलते है रास्ता

सफेदपोश नेता सट्टा बाजार को दे रखा है संरक्षण

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी में चल रहे रोड सेफ्टी वल्र्ड सीरीज़ टी-20 क्रिकेट का क्रेज़ लोगों में बढ़ता दिख रहा है। क्रिकेट फ़ैंस के बीच में बैठकर सटोरिए खुद मैच को देखकर बुकियों के लिए बड़े दांव लगवाने का रास्ता खोलते है। राजधानी में 5 मार्च से शुरू हुए रोड सेफ्टी वल्र्ड सीरीज टी-20 मैच में अंतर्राष्ट्रीय लेवल के खिलाड़ी मैच खेलने आये है। जिसके लिए प्रशासन ने अंतर्राष्ट्रीय खिलाडिय़ों के लिए भारी पुलिस बल भी लगा दिए है। मगर वही दूसरी तरफ क्रिकेट मैचों में सट्टा लगाने वालों की एक बार फिर मार्च के महीने में दीवाली आ गई है। सट्टेबाजी का खेल अब आम हो चुका है।

मैच शुरू होते ही सट्टेबाजी के मामले लगातार सामने आ रहे है। ऐसे में आइपीएल के मुकाबलों पर सट्टा लगना तो कोई नई बात नहीं है। जिले में सट्टेबाज और बुकीज़ भी काफी सक्रिय हो गए हैं। अब बुकियों ने एप के माध्यम से इंटरनेशनल लेवल के सट्टों को भी क्रैक कर दिया है। बुकी अब बड़े होटलों में बैठकर ही स्टेडियम के अंदर चल रही गतिविधियों को समझ जाते है। टेलीविजन में मैच तो चलता है मगर बुकियों ने अपने दिमाग का पूरा इस्तेमाल करके मैच के तीन बॉल होने के पहले के नतीजे का रन पता चल जाए ऐसा एप्प बनाया है जिससे टेलीविजन के 3 मिनट के अंतराल में ही स्कोर पता चला जाता है।

मैच में रेट पहले से होता तय : सट्टेबाज सबसे मजबूत व कमजोर टीम के हिसाब से रेट तय करते हैं। क्रिकेट के सट्टे का बाजार कोड वर्ड पर चलता है। खास बात यह है कि सट्टा लगाने वाले शख्स को आनलाइन कहा जाता है, जो एजेंट यानी फंटर के जरिए बुकी तक बात करता है। एजेंट को एडवांस देकर एकाउंट खुलवाना पड़ता है जिसकी एक लिमिट होती है। सट्टे के भाव को डिब्बे की आवाज बोला जाता है। सट्टेबाज 20 ओवर को लंबी पारी, दस ओवर को सेशन व छह ओवर तक सट्टा लगाने को छोटी पारी खेलना कहते हैं। मैच की पहली गेंद से लेकर टीम के जीत तक भाव चढ़ते-उतरते रहते हैं। इसी दौरान मैच में सट्टा लगाने वाले अपनी मनपसंद टीम पर भाव के हिसाब पर रुपया लगाते हैं। अगर टीम जीत जाती है तो भाव के हिसाब से रुपया मिलता है और अगर टीम हार जाती है तो एजेंट को रुपया देना होता है।

क्रिकेट तो एक बहाना है, अभी तो सिर्फ सट्टा खेलते जाना है

रायपुर में रोड सेफ्टी वल्र्ड क्रिकेट टी-20 सीरीज के बहाने अंतरराष्ट्रीय सटोरियों और बुकी का जमावड़ा लग गया है। नवा रायपुर में पिछले हफ्ते शुरू हुई सीरीज के मैचों पर इनकी निगाह लगी हुई है। एक अनुमान के मुताबिक यहां प्रतिदिन 30 करोड़ रपये से अधिक का सट्टा लग रहा है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि मुंबई, गोवा, नागपुर, गुजरात, आंध्रप्रदेश के सटोरिए यहां आकर मैचों में रोज करीब 30 करोड़ का दांव लगा रहे हैं। क्रिकेट सट्टे का कारोबार कोड वर्ड पर चल रहा है। महज एक फोन काल पर लाखों का दांव लगता है और इसी तरह से रद भी हो जाता है। हार-जीत की रकम का अगले दिन भुगतान किया जाता है। शहर के गली-मोहल्लों से लेकर पाश कालोनी, क्लब, फार्म हाउस, होटल, यहां तक कि चलती कार में भी हाईटेक तरीके से क्रिकेट सट्टा खिलाया जा रहा है।

पर्ची की जगह ऑनलाइन हुआ सट्टा, पुलिस के लिए बड़ी चुनौती

सट्टे के कारोबार से जुड़े विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो पहले सट्टे का कारोबार पर्ची के माध्यम से किया जाता था। जिससे अगर पुलिस इसके खिलाफ कार्रवाई करती थी, तो पर्ची पाए जाने पर जेल जाना तय हो जाता था। लेकिन अब कुछ सट्टा किंग पर्ची का माध्यम छोड़कर सोशल मीडिया के जरिये सट्टे के नंबर लिखने का काम करते है। उनका कहना है कि अगर पुलिस मुखबिर की सूचना पर सट्टा लिखने वालों के खिलाफ कार्रवाई करती है तो सबसे पहले उनकी जेबों में पर्चियां ढूढ़ी जाती हैं। लेकिन सारा काम व्हाट्सएप्प के जरिये होता है इसलिए उनको कार्रवाई के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिल पाते। इसीलिए सट्टा कारोबारियों ने अब व्हाट्सएप्प के जरिये सट्टे का नंबर लिखने का काम शुरू कर दिया है।

बुकियों का पुलिस से तगड़ा नेटवर्क

जिस नेटवर्क पर सट्टेबाज बुकी को फोन करके दांव लगाता है, उसकी अलग से लाइन ली जाती है। सबसे पहले यह लाइन विदेशों से मुंबई में बड़े बुकीज के पास आती है। वहां से बाकी महानगरों के डिस्ट्रिब्यूटर्स को दी जाती है। डिस्ट्रिब्यूटर्स छोटे बुकीज को लाइन के कनेक्शन देते हैं। एक कनेक्शन की एवज में बुकीज से 3-5 हजार रुपये वसूले जाते हैं। सट्टा मार्केट के जानकार ने बताया कि कई बार पैसों के लेनदेन को लेकर झगड़े भी होते हैं। झगड़ों को सुलझाने के लिए भी बड़े बुकीज की मदद ली जाती है। मैच-दर-मैच चढ़ता-उतरता है भाव टी-20 वल्र्ड सीरीज़ के पहले मुकाबले में श्रीलंका को इंडिया के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा। इस मुकाबले से एक तरफ इंडिया का भाव बढ़ गया, वहीं श्रीलंका के भाव में थोड़ा सुधार देखने को मिला। आने वाले मुकाबलों के बाद मैच दर मैच इसी तरह से टीमों के भावों में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा।

छुटभैय्ये नेताओं के चलते सटोरिए मुस्तैद

पुलिस सूत्रों के मुताबिक साथ ही कई सफेदपोश नेता भी इस सट्टा बाजार को अपना संरक्षण दे रहे हैं। यहां तक कि पुलिस से भी कभी-कभी सांठ-गांठ करके इस कारोबार को बड़े पैमाने पर संचालित किया जाता है। पुलिस की अगर मानें तो इस कारोबार से जुड़े कई सफेदपोशों के नाम और उनसे जुड़े सबूत पुलिस के हाथ लग गए हैं। कुछ दिनों में ही इस कारोबार पर पुलिस की बड़ी छापेमारी की कार्रवाई भी होने वाली है। पुलिस के मुताबिक छापेमारी के बाद ही वह इस सट्टा बाजार से जुड़े कई बड़े लोगों के नाम भी उजागर करेगी। लेकिन पुलिस के शांत होते ही सट्टेबाजों के अड्डों में महफि़लें जमने लगी है। शहर के बड़े होटलों में भी क्रिकेट सट्टा खिलाया जा रहा है।

पुलिस ने बनाया अपना ख़ुफिय़ा प्लान

रोड सेफ्टी वल्र्ड सीरिज के टी ट्वेंटी क्रिकेट मैच में करोड़ों का सट्टा खेला जा रहा है। इसका दांव लगाने के लिए महानगरों के बड़े सटोरियों, बुकियों के रायपुर में जमावड़े को ध्यान में रखकर पुलिस अफसरों ने उन्हें दबोचने का एक्शन प्लान बनाया है। पुलिस के जवान सादे वर्दी में मुखबिरों के साथ खुद ही क्रिकेट मैच में सट्टे का दांव लगा रहे हैं। क्रिकेट मैच में करोड़ों के सट्टे का दांव लगाते अंतरराज्यीय बुकी पार्थ कंसारा समेत तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र के बड़े सटोरियों के पकड़े जाने के बाद पुलिस जवानों को अलर्ट किया गया है।

शहर और आउटर के सभी होटल, लाज, क्लब, फार्म हाउस पर नजर रखी जा रही है। साइबर सेल व थाने के दस से अधिक जवान सादे वर्दी में बड़े होटलों के अलावा सट्टेबाजों के संभावित अड्डों की निगरानी रख रहे हैं। होटल संचालकों को नए ग्राहकों की जानकारी देने के लिए कहा गया है। मुखबिरों के साथ पुलिस के जवान क्रिकेट सट्टेबाजों को दबोचने के लिए दांव भी लगा रहे हैं।

बुकियों के आवाज से होती सट्टे की पहचान

वैसे तो दो नंबर का यह धंधा एक-दूसरे के भरोसे से ही चलता है। इसके बावजूद बुकीज ने कई तरह की एहतियात बरतनी शुरू कर दी है। मसलन, अब पंटर की बाकी डिटेल के साथ-साथ उसकी आवाज की रिकॉर्डिंग भी की जाती है। वह इसलिए कि अगर कोई पंटर मुकर जाता है, तो उसे उसकी आवाज सुनकर दांव पर लगाई गई रकम वसूली जा सके। सटोरियों के सट्टे के दांव को पुलिस ही समझ पाती है, टीम पर अपना दांव लगाना है, वह बुकी के स्टाफ को अपनी बैट यानी दांव की रकम लिखवा देता है। सट्टा लगाने के लिए पंटर को दांव पर लगाई गई रकम का भुगतान तुरंत नहीं करना होता है।

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