कोरिया। जनकपुर से कोटाडोल तक मुख्य मार्ग में सड़क निर्माण के लिए किसानों ने अपनी जमीन दी थी, लेकिन सड़क बनने के दस साल बाद भी इन किसानों को अधिकारियों और नेताओं का चक्कर लगाना पड़ रहा है। इसे लेकर कई बार चक्काजाम और प्रदर्शन भी हो चुका है। प्रशासनिक और पीडब्लूडी के अधिकारियों ने जल्द मुआवजा देने का आश्वासन दिया था, लेकिन वह सिर्फ आश्वाशन ही रह गया।
जनकपुर से कोटाडोल तक बत्तीस किलोमीटर सड़क का निर्माण भाजपा सरकार में दो हजार तेरह में हुआ था। इस सड़क के निर्माण में तीन सौ बावन किसानों की जमीन सड़क निर्माण में आ गई थी, जिसके लिए उन्हें तीन करोड़ चालीस लाख रुपए का मुआवजा दिया जाना था। सड़क निर्माण में मुआवजा राशि का प्रावधान नहीं होने के कारण दस साल बीतने के बाद भी किसानों को एक रुपए मुआवजा नहीं मिला है, जिससे किसान परेशान है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान बहरासी में मुआवजा देने की घोषणा की थी, जिसके बाद हाल ही के बजट में अलग से मुआवजे की राशि की स्वीकृति मिली है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बजट के बाद अब प्रशासनिक स्वीकृति का इंतजार है जिसके बाद किसानों को मुआवजा मिल पायेगा। अब देखना होगा दस साल से मुआवजे के लिए भटक रहे किसानों को कब तक मुआवजे की राशि मिल पाती है।