छत्तीसगढ़ राज्य में सतत् विकास लक्ष्यों के क्रियान्वयन की हुई समीक्षा

Update: 2020-11-17 14:21 GMT

रायपुर। राज्य योजना आयोग एवं नीति आयोग, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में छत्तीसगढ़ में सतत् विकास लक्ष्यों के क्रियान्वयन, अनुश्रवण व स्थानीयकरण के प्रगति की समीक्षा तथा स्टेट इंडिकेटर फ्रेमवर्क के प्रारूप पर चर्चा के लिए उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन 17 नवम्बर 2020 को ''योजना भवन'' नवा रायपुर में किया गया।

बैठक में राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री अजय सिंह ने एसडीजी के संबंध में राज्य योजना आयोग द्वारा किये गये प्रयासों के विषय में जानकारी दी। उन्होंने कोविड की परिस्थितियों में सतत् विकास लक्ष्य के संबंध में राज्य शासन द्वारा किये गये प्रयासों की भी जानकारी दी। छत्तीसगढ़ शासन के अपर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने बताया कि एसडीजी के राज्य में क्रियान्वयन हेतु राज्य योजना आयोग द्वारा संस्थागत ढांचा एवं अनुश्रवण हेतु प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं। जरूरत इस बात की है कि उक्त संस्थागत ढ़ांचा को सतत् रूप से सक्रिय बनाये रखने हेतु ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन ने सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए विभिन्न योजनाएं प्रारंभ की हैं, जिसमें राज्य की स्थानीय मौलिक विशेषताओं के अनुरूप विकास को गति देने का प्रयास किया गया है, जिसके संबंध में एसडीजी के क्रियान्वयन को भी ध्यान दिया जाना आवश्यक होगा। जिले में ग्रामीण, सामाजिक-आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने प्रारंभ की गयी योजनाओं में राज्य योजना आयोग नरूवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी तथा गोधन न्याय योजनाएॅं प्रमुख है। राज्य सरकार के जनघोषणा पत्र में एसडीजी के लक्ष्य के अनुरूप सामाजिक, आर्थिक एवं पर्यावरण के दृष्टिकोण से कार्य समाहित है। एसडीजी के मुख्य सिद्धांत कोई भी पीछे न रहे के अनुसार ही वैल्यू सिस्टम बनाते हुए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं एवं गतिविधियां क्रियान्वित की जा रही हैं। राज्य योजना आयोग के सदस्य सचिव डॉ. के सुब्रमणियम द्वारा प्रारंभिक उद्बोधन में बताया गया कि एसडीजी 17 वैश्विक लक्ष्यों को वर्ष 2030 तक प्राप्त किया जाना है। 17 लक्ष्य सामाजिक, आर्थिक एवं पर्यावरण क्षेत्र में समग्र विकास को सुनिश्चित करते हैं, इसलिए राज्य के परिपेक्ष्य में एसडीजी क्रियान्वयन अत्यंत महत्वपूर्ण है।

बैठक में विशेष रूप से नीति आयोग नई दिल्ली की सलाहकार श्रीमती संयुक्ता समद्दार, भी उपस्थित हुईं। नीति आयोग के प्रतिनिधियों ने जानकारी दी कि वर्ष 2020-21 हेतु एसडीजी इंडेक्स बनाने की प्रक्रिया प्रचलन में है। जिसके उपरांत तुलनात्मक प्रदर्शन की रैंकिंग किये जाने के आधार पर राज्य अपनी योजनाओं को एस डी जी के अनुरूप दिशा दे सकेंगे।

सदस्य सचिव अनुप कुमार श्रीवास्तव द्वारा राज्य में एसडीजी के क्रियान्वयन, अनुश्रवण व स्थानीयकरण संबंध में अभी तक राज्य में हुयी प्रगति तथा भविष्य की कार्ययोजना के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य द्वारा एसडीजी के क्रियान्वयन के मूल्यांकन हेतु स्टेट इंडिकेटर फ्रेमवर्क बनाने की प्रक्रिया प्रचलन में है तथा जल्द ही एसआईएफ का निर्धारण कर बेसलाईन रिपोर्ट बनाई जाएगी। बैठक में राज्य शासन के विभिन्न विभागों के सचिव शामिल हुए।

बैठक के द्वितीय चरण में वर्चुवल रूप से समस्त कलेक्टर व जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को एसडीजी के स्थानीयकरण की आवश्यकता तथा क्रियान्वयन की बारीकियों के संबंध में जानकारी दी गयी। कलेक्टरों के द्वारा उनके सुझाव नीति आयोग के प्रतिनिधियों से साझा किए गए। जिलों के कलेक्टरों ने एसडीजी अनुसार योजनाओं को दिशा दिये जाने पर राज्य के संतुलित विकास के साथ जिलों में हो रहे विकास की कमी वाले क्षेत्र को चिन्हांकित करने में सहायता मिलने का उल्लेख करते हुए इस हेतु उनके स्तर से प्रयास किये जाने की सहमति दी गयी।

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