अभनपुर क्षेत्र से मुरूम उत्खनन से 5 वर्षों में 100 करोड़ की राजस्व क्षति का अनुमान
अभनपुर। परिवहन की आड़ में मुरुम की खुदाई कर उसे बेचा जा रहा है, वह भी खनिज विभाग की मिलीभगत से । खनिज विभाग यह कहकर परिवहन की अनुमति दे रहा है कि संबंधित जगहों पर मुरूम पहले से ही खोदकर रखी हुई है। जबकि मुरुम कहीं भी पहले से खोदकर नहीं रखा हुआ है। जगह-जगह उसकी खुदाई करने के बाद ही उसका परिवहन किया जा रहा है और 20-20 गहराई तक जनता से रिश्ता की पड़ताल में जब इस खेल का खुलासा हुआ तो खनिज विभाग की पोल खुल गई। खनिज अधिकारी अब कह रहे हैं कि मुरुम की खुदाई की नहीं, परिवहन की अनुमति दी गई है और ऐसा ही होता है जबकि आम तौर पर लोगो को भी यही पता है कि खुदाई की अनुमति है। विभाग द्वारा पहले कहा गया था कि कुछ गांवों में मुरुम खुदाई की अनुमति है। लेकिन पोल खुलने के बाद बजाय सवालों के जवाब देने के उन्होंने ये कहकर फोन रख दिया कि आपको जो समझना है, समझिए।
खनिज विभाग का यह खेल खनिज माफियाओं के साथ मिलकर लंबे समय से खेला जा रहा है । खनिज ठेकेदारों का बाकायदा परिवहन के लिए रायल्टी पर्ची जारी की जा रही है। जानकारी के मुताबिक तहसील के करीब 20 गावों में मुरुम की अवैध खुदाई की जा रही है। रोजाना 1 हजार ट्रक मुरुम निकालकर परिवहन किया जा रहा है। जनता से रिश्ता की पड़ताल में यह भी पता चला कि ठेकेदार खनिज विभाग को ये बताते हुए मुरुम के परिवहन की अनुमति मांगते हैं कि अमुक स्थान पर पहले से 10 हजार या 12 हजार घन मीटर मुरुम पहले से खोदकर रखी है, उसका परिवहन करना है। खनिज विभाग लेन देन से मान लेता है कि मुरुम पहले से ही रखी है और वह उसकी रायल्टी पर्ची जारी कर देता है।
20 गांवों में हो रही मुरुम की अवैध खुदाई, बेलभाठा , जामगांव, गिरोला , उरला , अभनपुर में ये नजारा देखने को मिला
सवाल
परमिशन मुरुम खुदाई की दी है या परिवहन की ?
ज़बाब
परिवहन की अनुमति है । लेकिन अगर नहर नाली या तालाब गहरीकरण के लिए खुदाई हो रही है तो इसके लिए अनुमति की जरूरत नहीं है।
सवाल
जहां-जहां खुदाई हो रही है अधिकतर जगहों में कोई तालाब, नहर गहरीकरण नहीं चल रहा है, फिर खुदाई कैसे?
ज़बाब
समतलीकरण के लिए भी खुदाई की जाती है।
सवाल
लेकिन यहां तो 20- 20 फीट गहरी खुदाई की जा रही है ये कौन सा समतलीकरण है? के जवाब में खनिज अधिकारी ने कहा कि आपको जो समझना है समझिए। लेकिन अनुमति परिवहन के लिए दी गई है।
जहां अवैध खुदाई का पता चलता है कार्रवाई भी करते हैं। परंतु खनिज विभाग के अधिकारी कभी कोई कार्यवाही नहीं करते क्योंकि सब उनकी ही मिली भगत से होता है । कभी काल कोई ट्रैक्टर वाले को दिखाने के लिए पकड़ कर , कार्यवाही के नाम पर बलि का बकरा बनाया जाता है।
यह भी होता है
परिवहन अनुमति कहीं की, पर खुदाई करके परिवहन कहीं और से किया जाता है।
गांवों में नहर और तालाब गहरीकरण खेत बनाने के नाम पर खुदाई 20,25 फिट गहराई तक
कुछ गांवों में नहर व तालाब गहरीकरण के नाम पर मुरुम की खुदाई की जा रही है। खनिज अधिकारी इसे ये कहकर वैध बताने की कोशिश कर रहे है कि इसके लिए अनुमति की जरूरत नहीं है। लेकिन जनता से रिश्ता की पड़ताल में पता चला कि जिन गावों में खुदाई चल रही है, उनमें से अधिकतर गांवों में कोई तालाब या नहर का गहरीकरण नहीं किया जा रहा है । बल्कि समतल जगह पर और नए-नए जगहों पर अवैध खुदाई की जा रही है ।
खबर का असर
प्राप्त जानकारी के अनुसार अभनपुर एस डी एम रवि सिंह ने तहसील दार के साथ मौके का निरीक्षण किया है और खनिज अधिकारी को प्रकरण पर चर्चा के लिए बुलाया है । SDM ने कहा कि हम प्रकरण बनाकर कलेक्टर सर के पास भेज रहे है आगे अनुमति रद्द करने की कार्यवाही वही करेंगे ।