महंगे दाम पर खरीदने के बाद भी रेमडेसिविर की किल्लत

Update: 2021-04-24 06:54 GMT

निजी अस्पताल दे रहे सिंगल डोज, बाकी खरीदने परिजन मजबूर

रेमडेसिविर की भ्रामक खबरों कोलेकर बिफरे सिंहदेव

चंद्राकर के आरोपों पर 4 राज्यों का रिकार्ड दिखाया

जब सरकार ऊचें दाम पर इंजेक्शन की खरीदी की है तो बाजार में किल्लत क्यों?

मरीजों के परिजन इंजेक्शन के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं

हेल्थ विभाग के एक अधिकारी ने जनता से रिश्ता को बताया कि आज शाम तक सभी नर्सिंग होम में रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध करा दिया जाएगा

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच छत्तीसगढ़ का स्वास्थ्य विभाग असहाय नजऱ आ रहा है जब कि 15000 डोज़ रायपुर आ चुके हैं। सरकार को चाहिए की वितरण व्यवस्था को दुरु स्त करें। मरीज के परिजन अपने माध्यम से ऊँचे दामों में खरीद कर निजी अस्पताल वालो को देकर लगवा रहे है। सवाल ये उठता है कि जब मार्किट में रेमडेसिविर इंजेक्शन है ही नहीं तो मरीजों के परिजनों को कहाँ से मिल जा रहा है।

जिस प्रकार कल सिम्स बिलासपुर के एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने जब उसकी माँ का निधन सिम्स बिलासपुर में ही ऑक्सीजन और इंजेक्शन की कमी के कारण हुए मौत के बाद उन्होंने बताया था कि वीआईपी के लिए बेड ऑक्सीजन और इंजेक्शन था। कहीं रायपुर में भी तो वीआईपी के लिए इंजेक्शन को सुरक्षित नहीं रख लिया गया है। कलेक्टर रायपुर को फोन लगाने पर वे उठाते नहीं यही स्थिति कमोबेश राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और अमले का है कोई जानकारी देने उपलब्ध नहीं है। उदहारण के तौर पर रायपुर के कई निजी नर्सिंग होम में मरीजों को इस बिना पर भर्ती कर लिया जाता है कि इंजेक्शन हम लगाएंगे जबकि एक इंजेक्शन लगाकर बाकी के इंजेक्शन मरीज के परिजनों को व्यवस्था करने बोल दिया जाता है । मरीज के परिजन इंजेक्शन के भटक रहे हैं। विपक्षी नेता अजय चंद्राकर की माने तो उनके आरोप सही दिखते हैं। स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव का बयान था कि सोचीसमझी रणनीति के तहत गलत तथ्यों को प्रस्तुत कर स्वास्थ्य विभाग और राज्य सरकार के काम को कमतर बताने की कोशिश हो रही है। जबकि आज की स्थिति ये बयां कर रही है कि विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोप सही जान पड़ते हैं। अस्पतालों में रेमडेसिविर इंजेक्शन है ही नहीं अगर होती तो मरीज को एक इंजेक्शन लगाकर बाकी के लिए परिजनो को क्यों बोला जाता। स्वास्थ्य विभाग खुद अपने कार्यकलापों से राज्य शासन का नाम बदनाम करने में लगी हुई है। स्वस्थ्य मंत्री को खुद इसकी गहन मॉनिटरिंग करनी चाहिए। हालांकि रेमडेसिविर की खरीदी पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर को करारा जवाब देते हुए कहा कि भाजपा के जनप्रतिनिधि भ्रामक और तथ्यहीन कुप्रचार करने में लगे है। सोची समझी साजिश के तहत गलत तथ्यों को प्रस्तुत कर राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग के कार्यों को कमतर बताने का षडयंत्र रचा जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने दस्तावेज के सात कहा कि जिस कीमत पर रेमडेसिविर की खरीदी की है उससे ज्यादा कीमत पर तो मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और आंध्रप्रदेश ने इसकी खरीदी की है। सिंहदेव ने कहा कि जो वायल इन राज्यों में 1568 रुपए की दर से खरीदी उसे हमने तो 1400 रूपए की दर से खरीदा है। सिंहदेव ने भाजपा नेताओं द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर बरसते हुए कहा कि भाजपा नेता सोची-समझी रणनीति के तहत गलत तथ्यों के साथ छत्तीसगढ़ सरकार और स्वास्थ्य विभाग की छवि को खराब करना चाहते हैं।

सिंहदेव ने सांसद सुनील सोनी और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि पूर्व में महसूस होता था कि सकारात्मक सुझाव मिल रहे हैं और साथ मिलकर कार्य हो रहे हैं लेकिन अब ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ जनप्रतिनिधि दुष्प्रचार में संलग्न हो गए हैं। सिंहदेव ने कहा कि दूसरे राज्यों द्वारा खरीदे गए रेमडेसिविर की पर्ची सार्वजनिक करते हुए कहा कि 22 मार्च को महाराष्ट्र ने 595 में रेमडेसिविर खरीदी तो 16 अप्रैल को छत्तीसगढ़ ने 1400 में रेमडिसिविर इसलिए खरीदी है क्योंकि बाजार में सामान के दाम परिस्थिति के अनुसार बदलते रहते हैं औैर दवाओं की कीमत पर भी इसका असर पड़ा।

सिंहदेव ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने सिपला कंपनी के साथ अनुबंध किया था, जिसे वह पूरा करने से वह पीछे हट गई। इस दौरान छत्तीसगढ़ में रेमडेसिविर की अत्यंत आवश्यकता थी, जरूरत औैर जनभावना को देखते हुए हमारी सरकार ने इसकी खरीदी के लिए एमरजेंसी में टेंडर बुलवाया था। सिंहदेव ने गुजरात, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के आंकड़े सामने रखे जिसमें उन सभी राज्यों ने 1568 रूपए में रेमडेसिविर की खरीदी की है। सिंहदेव ने कहा कि जब दवा उपलब्ध नहीं होगी तब राज्यों ने महंगे दाम पर भी इस दवा को खरीदने का निर्णय लिया होगा। सिंहदेव ने कहा कि इन सभी दरों की समीक्षा करने के बाद विषम परिस्थितियों में छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह आदेश दिया गया कि जब सारे देश में 1400में ही यह दवा उपलब्ध हो रही है तब प्रदेश के लोगों के असंतोष को देखते हुए हमनें इसी दर में इसकी खरीदने का निर्णय लिया।

केंद्र सरकार ने 3400 रेट तय किया है

सिंहदेव ने भारत सरकार का पत्र सार्वजनिक करते हुए यह भी कहा कि माईलन कंपनी जिससे छत्तीसगढ़ सरकार ने यह दवाई खरीदी है इस कंपनी के लिए भारत सरकार की ओर से 4800 की दर को घटाकर 3400 रुपए निर्धारित किया है। लेकिन छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने भारत सरकार द्वारा निर्धारित दर से भी कम में यानी 1400 रूपए में यह दवा खरीदी है। इसके बाद भी गलतबयानी या आरोप के जरिये भ्रम फैलाने की जो कोशिश की जा रही है वह कोरोना की विरुद्ध जंग में सकारात्मक प्रयास नहीं हो सकता है।

726 रुपए की दवाई को 1500 में खरीदी

वहीं मार्च में जारी की गई निविदा में प्राइज बिड के बाद तीन एजेंसियों के रेट लिए गए जिसमें एल-3आई कंपनी जिसने 726 रुपए की दर से रेट कोड किया। अब उसी से 1500 रुपए के हिसाब से खरीदी की जा रही है। जबकि पहले की दर व अब की दोनों ही सीजीएमएससी के पास मौजूद है।

किट कंपनी ने भी लगाया चूना

इसी तरह रैपिड एंटीजन कोविड टेस्ट के लिए निविदा सोमवार को खोली गई जिसमें निजी एजेंसी से 123 रुपए 20 प्रति किट के हिसाब खरीदी की जा रही है। 10 लाख किट रायपुर पहुंच गई है पूर्व में इसी कंपनी से 300 रुपए में सप्लाई की थी, असम और मध्यप्रदेश में आधे दाम में दी थी।

निजी अस्पतालों में महंगी दवाई और इंजेक्शन चोरी का खुलासा

मरीज मरे तो मरे, नर्स दवाई-इंजेक्शन की चोरी कर हो गई मालामाल

भोपाल में एक नर्स रेमडेसिविर की जगह लगाती थी पानी वाला इंजेक्शन

अस्पताल से इंजेक्शन चुराती थी नर्स, बाहर ब्लैक में बेचता था बॉयफ्रेंड

अस्पताल के कर्मी ही कर रहे रेमडेसिविर की चोरी

जनता से रिश्ता लगातार शासन प्रशासन रेमडेसिविर के ब्लेकमेलिंग और कालाबाजारी के संबंध में आगाह करते रहा है। विगत दिनों एक निजी अस्पताल और प्रदेश के सबसे बड़े अंबेडकर अस्पताल में कांग्रेस नेता की शिकायत पर पुलिस ने दो आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। उसके बाद से ही जनता से रिश्ता ने रेमडेसिविर की चोरी और ब्लेकमेलिंग के फंडे को उजागर करते रहा है। जिसमें तथाकथित ब्लेकमेलर मरीज के नाम से 6 डोज की पर्ची लिखाकर 6 रेमडेसिविर इंजेक्शन लेकर मरीज को सिर्फ एक इंजेक्शन देता था और शेष पांच को बाजार में मनमाने दाम पर बेच देता था। इसी तरह की घटना की पुनरावृत्ति भोपाल में हुई जहां नर्स पानी वाला इंजेक्शन मरीज को लगाकर रेमडेसिविर चोरी कर लेती थी, जिसे उसका ब्वाय फ्रेंड महंगे दाम पर बेच कर अय्याशी करता था। निजी अस्पताल में भर्ती मरीजों को लगता था कि नर्स ने रेमडेसिविर लगा दिया है जबकि नर्स रेमडेसिविर चोरी कर लेती थी। और अपने ब्वायफें्रड को बेचने के लिए दे देती थी, इसका खुलासा पकड़े गए नर्स के ब्वायफ्रेंड ने किया है। राजधानी में विश्वस्त सूत्रों ने जानकारी दी है कि रायपुर सहित प्रदेश के हर अस्पताल में स्टाफ नर्स और मेडिकल स्टाफ मिलकर महंगी दवाई और इंजेक्शन की चोरी को अंजाम दे रहे जिस पर निगरानी बहुत जरूरी है। मध्य प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन की जबरदस्त मांग है। लेकिन विपदा के समय भी कुछ लोग रेमडेसिविर की कालाबाजारी कर मुनाफा कमाने में लगे हैं। भोपाल पुलिस ने ऐसे ही एक शख्स को गिरफ्तार किया है जो एक निजी अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ है और वहां से रेमडेसिविर इंजेक्शन बाहर लाकर ब्लैक में बेचता था। हैरानी की बात यह है कि आरोपी युवक को रेमडेसिविर इंजेक्शन अस्पताल में ही बतौर नर्स काम करने वाली उसकी गर्लफ्रेंड चुरा कर देती थी। भोपाल पुलिस ने जेके अस्पताल के बाहर एक शख्स रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने के लिए खड़े होने की सूचना पर घेराबंदी की। पुलिस ने जाल बिछाकर जब इस शख्स को पकड़ा तो उसकी जेब से रेमडेसिविर इंजेक्शन का एक वायल मिला। जब उससे इससे जुड़े कागज मांगे गए तो उसने इस का बिल या कोई और कागज होने से मना कर दिया। इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसका नाम झलकन सिंह मीणा है और वो जेके अस्पताल में बतौर नर्सिंग स्टाफ काम करता है. आरोपी ने बताया कि अस्पताल में ही उसके साथ काम करने वाली उसकी गर्लफ्रेंड शालिनी वर्मा कोरोना मरीज को लगने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन को चुरा कर उसे देती थी और कोरोना मरीज को रेमडेसिविर की बजाय सामान्य इंजेक्शन लगा देती थी। पूछताछ में आरोपी ने बताया उसने और उसकी गर्लफ्रेंड ने मिलकर पहले भी रेमडेसिविर इंजेक्शन को 20 हजार से लेकर 30 हजार रुपए तक में बेचा है। आरोपी ने बताया कि 16 अप्रैल को ही एक रेमडेसिविर इंजेक्शन चुराकर अस्पताल के ही एक डॉक्टर को करीब 13 हजार रुपए में बेचा था। फिलहाल पुलिस ने संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपी झलकन सिंह मीणा को गिरफ्तार कर लिया है जबकि उसकी गर्लफ्रेंड शालिनी वर्मा की तलाश की जा रही है।

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