नियमित व्याख्याता संघ छत्तीसगढ़ ने की राजपत्र 2019 में संशोधन की मांग

Update: 2020-10-27 16:07 GMT

शिक्षा मंत्री को नियमित व्याख्याता संघ छत्तीसगढ़ के द्वारा व्याख्याताओं के पदोन्नति पर राजपत्र 2019 के कारण होने वाले नुकसान को विभिन्न दस्तावेज और पूर्व राजपत्रों की सहायता से अवगत कराया गया। नियमित व्याख्याता संघ के प्रांताध्यक्ष दिलीप झा ने बताया प्रकाशन के समय से ही पूरे प्रदेश में नियमित व्याख्याताओं द्वारा विरोध किया जा रहा है,और उच्च अधिकारियों को लगातार प्रमाण देकर ध्यान आकृष्ट कराया जा रहा है,परन्तु उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।

अतः शिक्षा मंत्री के संज्ञान में पूरा प्रकरण लाने हेतू पूरे प्रदेश से नियमित व्याख्याताओं के प्रतिनिधि मंडल ने उनके कार्यालय में उपस्थित हो कर वर्तमान राजपत्र की अन्यायपूर्ण विसंगतियों को प्रमाण सहित स्पष्ट किया। संघठन का स्पष्ट मत है कि 25 % केवल प्रधानपाठक के लिए किया गया प्रावधान पूर्ण रूप से समाप्त किया जाए या यह प्रावधान समस्त यू डी टी संवर्ग के लिए किया जाए, जिससे व्याख्याताओं को उनकी यू डी टी सीनियरिटी का लाभ मिल सके। पूर्व में प्राचार्य पदोन्नति के लिए व्याख्याता और यू डी टी का 60%-40 %का अनुपात था ,जो कि 2008 के पहले से ही समाप्त कर दिया गया है। पर वर्तमान राजपत्र में इसे 65%-25% के अनुपात में वापस लाया गया है परन्तु इसमे षड्यंत्र पूर्वक व्याख्याता और यू डी टी की जगह व्याख्याता और प्रधानपाठक कर दिया गया है।इससे ऐसे समस्त व्याख्याता जो कि प्रधानपाठक नहीं रहे उनकी पदोन्नति प्रभावित हो गई है,उल्लेखनीय है कि अभी प्राचार्य पदोन्नति हेतु प्रधानपाठक रहे व्याख्याता का पदोन्नति प्रस्ताव दो तरह से जा रहा है ,एक प्रधानपाठक से और दूसरा व्याख्याता से जबकि केवल व्याख्याता रहे का प्रस्ताव एक बार केवल व्याख्याता से जा रहा है,मात्र कुछ व्याख्याताओं को पदोन्नति के लिए दो रास्ते दिया जा रहा है और बहुसंख्य व्याख्याता को केवल एक अवसर..!!

यह भी उल्लेखनीय है कि प्रधानपाठक पद कभी भी व्याख्याता के समकक्ष नहीं रहा है, जिला स्तर पर प्रधानपाठक जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा बनाये जाते हैं ,पर व्याख्याता सम्भाग/राज्य स्तर पर सञ्चालक द्वारा बनाये जाते हैं,पूर्व से ही प्रधानपाठक व यू डी टी पद समकक्ष पद रहे है और ये दोनों पद व्याख्याता पदोन्नति के लिए फीडिंग केडर रहे है, अतः केवल व्याख्याता से ही प्राचार्य बनाना सम्भव है।

छत्तीसगढ़ राजपत्र अधिनियम 2019 व्याख्याताओं और यू डी टी के प्राचार्य पदोन्नति के अवसरों को कम करके केवल प्रधानपाठकों को अनुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ही बनाया गया है।

अतः नियमित व्याख्याता संघ मांग करता है कि छत्तीसगढ़ राजपत्र 2019 में संशोधन कर 25 % प्रधानपाठक से प्राचार्य के प्रावधान को पूर्ण रुप से विलोपित किया जाए या अनिवार्य रूप से इसे 25% यू डी टी से प्राचार्य में संशोधन किया जाये।ज्ञापन प्रदेश सचिव प्रदीप मिश्रा विभिन्न जिलों के जिला अध्यक्ष गण राजकुमार साहू,गंगाप्रसाद तिवारी, बी एल साहू,जगदीश प्रसाद धीरज, प्रमोद कुमार कन्नौजे, प्रवीण बंजारे, गिरीश ताम्रकार, लालाराम देवांगन,टी एस बंछोर,जगदीश लाल साहू के द्वारा सौंपा गया,मंत्री के द्वारा परीक्षण करवाया जाकर संशोधन कराने का आश्वासन मिला है।

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