नवजात शिशुओं को नियमित स्तनपान व टीकाकरण से होती है बच्चों का भविष्य उज्ज्वल
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सुकमा। यूनिसेफ़, मिडिया कलेक्टिंव फॉर चाइल्ड राइट्स सुकमा, जिला स्वास्थ्य विभाग और राजनांदगाव मेडिकल कॉलेज के सयुंक्त तत्वावधान में बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े विषयों पर जिले के विभिन्न ब्लॉक के बैगा, गुनिया, पेरमा व सिरहा और चिकित्सा विशेषज्ञों की मौजूदगी में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में नवजात शिशुओं के लिए 1000 दिन तक आवश्यक स्तनपान, 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों का नियमित टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, गर्भवती माताओं का स्वास्थ्य जांच सहित अन्य स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर चर्चा की गई। वहीं सदूर अंचल व शहरी क्षेत्र में संचालित कार्यक्रमों के के संबंध में भी चर्चा की गई। कार्यशाला में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि हर हाल में गर्भवती माताओं की नियम पूर्वक उचित देखभाल, आहार व जरुरी दवाइयों के साथ ही नियमित स्वास्थ्य जांच और पोषण आहार से सम्बंधित जांच को अवश्य कराएं। वहीं प्रसव पूर्व एवं प्रसव के बाद उचित देखभाल के लिए स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं के उपयोग और उससे होने वाले फायदों की भी जानकारी दी गई।
कार्यशाला में स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देते हुए बताया कि वयस्कों में बीपी-शुगर जैसी बीमारियां आम हो गई हैं। स्तनपान से बच्चों की रोग प्रतिरक्षक क्षमता बढ़ती है। स्तनपान करवाने से माताओं को स्तन कैंसर से बचाव होता है। माहवारी की वजह से एनीमिक होने से बचने के लिए आयरन टेबलेट और अन्य चीजों की जरूरत होती है। मुनगा (सहजन) की पत्तियों का पावडर उपयोग करना चाहिए और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है। डॉ महेश सांडिया, सीएमएचओ ने कहा कि टीकाकरण करवाने से 12 प्रकार की बीमारियों से बचाव होता है और ऐसी बीमारियों में बैगा, गुनिया, सिरहा, पुजारी और पेरमा के सहयोग से हम ज्यादा से ज्यादा लोगों की स्वास्थ्य की सेवा कर सकेंगे। यूनिसेफ़ स्टेट आरएमएनसीएच के डॉ अक्षय तिवारी, मीडिया कलेक्टिव फ़ॉर चाइल्ड राइट्स समन्वयक डी श्याम कुमार और लोक प्रशिक्षक( एमसीसीआर) प्रमोद पोटाई ने कहा कि बच्चों के लिए नियमित टीकाकरण उनके भविष्य के बेहतर स्वास्थ्य के लिए बेहद आवश्यक है तथा इसमें किसी तरह की कोई कोताही न बरतें। बच्चों में 12 गंभीर बीमारियों व उनसे बचाव, गर्भवती महिलाओं, किशोरी बालिकाओं की टीकाकरण की जानकारी दी। समुदाय में सिरहा-गुनिया के प्रभाव का सकारात्मक उपयोग जन जागरूकता लाने में भी किया जा सकता है। जिससे एक छोटी सी सही सलाह से किसी का जीवन भी बचाई जा सकती है। कार्यशाला में स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देते हुए लोगों की जिज्ञासा का समाधान किया गया। वही पारंपरिक ज्ञान का उपयोग करते हुए बेहतर स्वास्थ्य के लिए आधुनिक चिकित्सा पद्धति की ओर भी विशेष ध्यान देने कहा। इस अवसर पर डीपीएम भास्कर चौधरी, डीआईओ डॉ डीपेश चंद्राकर, बीपीएम शास्वत सिंह, सदस्य धर्मेंद्र सिंह, मनीष सिंह, मोहन ठाकुर सहित बैगा, गुनिया, सिरहा और विभिन्न समाज प्रमुख मौजूद थे।