सिंचाई कॉलोनी का रिडेव्हलपमेंट, अब तक 'प्लान' तैयार नहीं

Update: 2021-08-25 05:10 GMT
  1. केबिनेट की मंजूरी के बाद भी नया आवासीय और कमर्शियल प्रोजेक्ट अटका
  2. एक साल बाद भी डिजाइन फाइनल नहीं ठ्ठ शांतिनगर पूरी खाली नहीं हो सकी
  3. शहर का एक गार्डन कम हो गया

सिंचाई कॉलोनी की शुरुआत में बच्चों और बुजुर्गों के लिए बने गौरव गार्डन और तीरथगढ़ जलप्रपात की तर्ज पर बने वॉटरफाल को तोड़ दिया गया। इसे लेकर भी अब सवाल खड़े उठाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि गार्डन को सबसे अंत में भी तोड़ा जा सकता था। सबसे पहले इसे तोडऩे से शहर का एक गार्डन कम हो गया। इतना ही नहीं जब गार्डन में तोडफ़ोड़ की जा रही थी, तब यहां लगे पेड़-पौधों को उखाड़कर दूसरी जगह शिफ्ट करने का दावा किया गया था, लेकिन सभी पेड़-पौधे देखरेख के अभाव में सूख गए।

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। सिंचाई कॉलोनी में नया आवासीय और कमर्शियल प्रोजेक्ट ड्राइंग डिजाइन नहीं बनने के कारण अटक गया है। हालांकि नए प्रोजेक्ट के लिए एक साल पहले ही मकानों में तोडफ़ोड़ शुरू कर दी गई थी। कालोनी में रहने वाले अफसरों को दूसरी जगह शिफ्ट भी कर दिया गया। इस कवायद के बाद प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पाया है। कुछ मकान पूरे तो कुछ आधे टूटे हैं। करीब 200 मकान में तो तोडफ़ोड़ शुरू नहीं हुई है। ड्राइंग डिजाइन तैयार नहीं होने के कारण यह तय नहीं हो पा रहा है नए प्रोजेक्ट का स्वरुप कैसा होगा। इस वजह से तोडफ़ोड़ भी रोक दी गई है।

शांतिनगर की जिस कालोनी को तोड़ा जा रहा है वह करीब 100 साल पुरानी है। हाउसिंग बोर्ड ने अभी तक साढ़े 4 एकड़ जमीन ही खाली कराई है। बोर्ड अफसरों को अभी भी 11 और 14 कुल 25 एकड़ जमीन खाली करवानी है। इसके लिए 200 से ज्यादा मकानों को तोडऩा है। इसके बाद ही नया प्रोजेक्ट शुरू हो पाएगा। बचे हुए मकान कब तक हटेंगे अभी तक यह भी तय नहीं है।

शांतिनगर पुनर्विकास योजना (मल्टीस्टोरी काम्पलेक्स) पर मंत्रिमंडलीय उपसमिति की रिपोर्ट को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इसके बावजूद एक साल गुजरने को हैं अब तक प्रोजेक्ट का ड्राइंग डिजाइन ही अफसर तय नहीं कर सके हैं। अफसरों ने दावा किया था कि 2021 की शुरुआत में आर्किटेक्चरल फर्म के लिए टेंडर जारी किया जाएगा, ताकि आर्किटेक्ट लेआउट तय कर सकें। यह काम भी अभी अधूरा है।

दूसरे राज्यों के शहरों की कॉलोनियों का सर्वे नहीं किया

राजधानी में पहली बार किसी जगह पर पूरी तरह से आवासीय और कमर्शियल मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बनाई जा रही है। अफसरों का दावा है कि इस प्रोजेक्ट से राज्य सरकार को 137.35 करोड़ रुपए से ज्यादा का फायदा होगा। नई मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बनाने के लिए दूसरे राज्यों के शहरों की कॉलोनियों का सर्वे की बात कही गई थी, लेकिन इसे भी पूरा नहीं किया गया। बोर्ड ऐसी कॉलोनी बनाना चाहता है जिसमें पर्याप्त ग्रीनरी के साथ बेहतर डिजाइन उभर कर सामने आए। बड़ी जमीन होने की वजह से इस तरह के सुंदर प्रोजेक्ट यहां आसानी से बन सकते हैं।

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