माना हत्याकांड: पुलिस को चकमा देकर
पुलिस जांच में जरूरी
पुलिस जांच में गोपनियता बरते, और पुख्ता सबूत जुटाए
म़तक की पत्नी और घरवालों का बयान लेना आवश्यक
घटना स्थल पर सरपंच के घर की सीसीटीवी फूटेज व सीडीआर खंगाले
कालाबाडी से माना तक सीसीटीवी कैमरे का फूटेज खंगाले
आरोपियों के मोबालल लोकेशन, टावर नंबर डिटेक्ट कर काल डिटेल खंगाले
मेमोरेंडम गवाह वास्तविक हो एवं मौके वारदात से वास्तविक गवाह हो
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। माना हत्याकांड के फरार चल रहे आरोपी रवि डान गणेश झांकी के एक-दो दिन बाद कोर्ट में सरेंडर कर सकता है। सूत्रों के अनुसार रवि साहू को उसके संरक्षक छुटभैय्ये नेताओं और एक वरिष्ठ पत्रकार ने सलाह दी है। जिसके बाद पुलिस के हाथ लगने से बचने के लिए वह स्थानीय न्यायालय अथवा पड़ोसी राज्य के कोर्ट में सरेंडर कर सकता है। दरअसल पुलिस ने इस मामले में अब तक उसके 9 गुर्गों को गिरफ्तार कर लिया है। रवि और उसका एक साथी फरार हैं जिनके ऊपर पुलिस ने 20 हजार का इनाम घोषित किया है। पुलिस की टीम इन दोनों की तलाश में ओडिशा सहित विभिन्न राज्यों में दबिश दे रही है।
उल्लेखनीय है कि रवि साहू के गुर्गों ने माना बस्ती स्थित उसके ढाबे में विवाद के बाद माना बस्ती के एक युवक की घर से उठाकर बेरहमी से ह्त्या कर दी थी। पुलिस ने इस मामले में अब तक 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस बीच खबर है कि रवि साहू को पुलिस की हर कार्रवाई की जानकारी उनके अन्य गुर्गो और उसे संरक्षण देने वाले छुटभैय्ये नेताओं के माध्यम से मिल रही है। सूत्र बताते हैं कि रवि को यह भी मालूम है कि पुलिस की जांच और कार्रवाई में बड़ा पोल है जिसके चलते हत्याकांड के सभी आरोपी छूट सकते हैं। सूत्र के अनुसार रवि को यह ज्ञात है कि पुलिस ने जो स्पाट और मेमोरेंडम सबूत जुटाए हैं उससे एक आरोपी के खिलाफ आरोप साबित नहीं होंगे। पुलिस की इस कमजोरी को देखते हुए ही उसके संरक्षकों ने उसे सलाह दी है कि वह पुलिस के सीधे हाथ लगने से बचने के लिए कोर्ट में सरेंडर करे इससे पुलिस रिमांड पर देने से पहले उसका मेडिकल होगा जिसके चलते पुलिस उस पर ज्यादती नहीं कर सकेगी। सूत्र के अनुसार रवि एक-दो दिन में सरेंडर कर सकता है।
इस बीच पुलिस की जांच और कार्रवाई पर भी कई सवाल उठ रहे हैं। भले ही पुलिस ने रवि और उसके साथी पर 20 हजार का इनाम घोषित कर दिया हो लेकिन जिस तरह से मामले की जांच कर तथ्य जुटाए जा रहे हैं उससे आरोपियों के खिलाफ केस कमजोर होने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस जो तथ्य जुटा रही है उसे लेकर भी गोपनीयता नहीं बरती जा रही है, यही कारण कि पुलिस की हर कार्रवाई और तथ्यों की जानकारी रवि तक पहुंच रही है। पुलिस को आरोपियों के खिलाफ मजबूत केस बनाने के लिए मृतक की पत्नी और उसके घर वालों का बयान दर्ज करना चाहिए। घटना स्थल पर स्थित सरपंच के घर की सीसीटीवी कैमरे और उसका सीडीआर जुटाकर खंगालना चाहिए। इसी तरह कालीबाड़ी से लेकर घटना स्थल तक के सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले जाने चाहिए ताकि आरोपियों की सही पहचान हो सके। इसके साथ ही आरोपियों के मोबाइल के लोकेशन, टावर नंबर भी डिटेक्ट कर काल डिटेल निकाला जाना चाहिए इससे आरोपी इस दौरान किसके संपर्क में थे और किससे बातें कर रहे थे यह पता चल सकेगा। इसके अलावा मेमोरेंडम गवाह भी वास्तविक होना चाहिए जो घटना स्थल पर आरोपियों की मौजूदगी और वारदात में शामिल होने की पुष्टि कर सके।