रेप पीड़िता की मां को झूठे केस में फंसाया, एसपी ने थाना स्टाफ को किया लाइन अटैच

छग

Update: 2023-06-02 16:26 GMT
बिलासपुर। पिछले दिनों रतनपुर थाना क्षेत्र में रेप पीड़िता की मां को बदले की भावना से झूठे केस में फंसाने और जेल भेजने के मामले में जमकर बवाल हुआ था। इस मामले को लेकर कई संगठनों ने प्रदर्शन कर रतनपुर थानेदार पर कई गंभीर आरोप भी लगाए थे। प्रदर्शन भी किया था, जिसके बाद एसपी ने थानेदार को सस्पेंड कर दिया गया था। साथ ही एसडीओपी को नोटिस जारी किया गया था। अब इस मामले में रतनपुर थाने के पूरे स्टाफ को हटा दिया गया है। इस बाबत एसपी ने बदले गए पुलिसकर्मियों की लिस्ट भी जारी की है। 
5 मार्च को रतनपुर में रहने वाली पीड़िता ने आफताब मोहम्मद के ऊपर दुष्कर्म व पॉक्सो की एफआईआर दर्ज करवाई थी। आफताब मोहम्मद जेल में है। आरोपी के घर वालों ने पीड़िता व उसकी मां को केस वापस लेने का प्रलोभन दिया था और न मानने पर रतनपुर थाने के पुलिसकर्मियों से सांठ-गांठ कर पीड़िता की मां को ही पॉक्सो के मामले में जुर्म दर्ज कर जेल भिजवा दिया था। मामले में सामाजिक संगठनों के विरोध के बाद एसपी ने रतनपुर टीआई को लाइन अटैच कर दिया था और एडिशनल एसपी के नेतृत्व में जांच कमेटी बना दी थी। जांच कमेटी की रिपोर्ट अदालत में सबमिट करने के बाद पीड़िता महिला को जमानत मिल गई और टीआई को एसपी ने निलंबित कर दिया। साथ ही कोटा एसडीओपी को भी नोटिस जारी किया था।
अब एसपी ने रतनपुर थाने के 18 पुलिसकर्मियों को हटा दिया है। जानकारी के अनुसार महिला पर जब एफआईआर हुई तब ये सभी पुलिसकर्मी थाने में उपस्थित थे। जिन्होंने उच्चाधिकारियों को सहीं घटनाक्रम की जानकारी नहीं देकर मिसगाइड किया और अंधेरे में रखकर जुर्म दर्ज करवा दिया। इनमें से एक महिला उपनिरीक्षक ने ही महिला को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया था। एसपी संतोष सिंह ने रतनपुर थाने में पदस्थ महिला एसआई, दो एएसआई व 5 प्रधान आरक्षक व 10 आरक्षकों को रतनपुर थाने से हटा दिया है। इसके अलावा भी एक और लिस्ट पुलिसकर्मियों की निकली है। जिसमें 20 पुलिसकर्मियों की लिस्ट है।
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