रायपुर दक्षिण उपचुनाव, मुस्लिम और ब्राह्मण वोटरों ने कांग्रेस को नकारा

Update: 2024-11-23 10:01 GMT

रायपुर। रायपुर दक्षिण उपचुनाव में मुस्लिम और ब्राह्मण वोटरों ने कांग्रेस को बुरी तरह से नकार दिया। जिसका फायदा बीजेपी को मिला और सुनील सोनी ने 46082 वोटों से जीत दर्ज की। बता दें कि रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव के नतीजे सामने आ गए परिणाम देखने के बाद कांग्रेस को आत्मचिंतन की आवश्यकता है। जब कांग्रेस की सरकार थी तब रायपुर के प्रभारी महामंत्री रविंद्र चौबे थे जो ब्राह्मण समुदाय से आते है। अभी कांग्रेस ने रायपुर दक्षिण में अपना प्रत्याशी आकाश शर्मा के रूप में दिया था।

जो कि ब्राह्मण समुदाय से आते हैं परिणाम से यह सुनिश्चित हो गया कि जनता समझदार है और जातपात पात की राजनीति से ताल्लुफ़ नहीं रखती। इस परिणाम से कांग्रेस को आत्मचिंतन की ज़रूरत है। कांग्रेस अपनी पुरानी विचारधारा से भटक गई है। इसलिए यह दुष्परिणाम उनको कमोबेश पूरे देश में झेलना पड़ रहा है। इंदिरा गांधी का नारा था "ना जात पे ना पात पे मुहर लगेगी हाथ पे" उस विचारधारा को छोड़कर वर्तमान में नई पीढ़ी के नेता राहुल गांधी जातिवाद की राजनीति को बढ़ावा दे रहे हैं। इसलिए ऐसे परिणाम सामने आ रहे हैं। जिसके लिए कांग्रेस को पुनः एक बार आत्ममंथन की आवश्यकता है।

रायपुर दक्षिण उपचुनाव के नतीजे पर नजर डाले तो जितने वोट 46082 से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सुनील सोनी ने चुनाव जीता है उससे भी कम कांग्रेस प्रत्याशी को वोट 42977 प्राप्त हुए हैं। गौरतलब है कि आकाश शर्मा के ससुर जिनके बारे में आम कांग्रेसजन ये कहने से नहीं चूकते बस्तर में कांग्रेस के सभी आदिवासी नेताओं को राजनीति से दूर कर घर बैठा दिया ।  और तो और अपने शहर और वॉर्ड में पिछले 30 साल से कांग्रेस पार्टी को चुनाव जीता नहीं पाते और प्रदेश की राजनीति में पिछड़े वर्गों के नेताओं को पकड़कर हमेशा सभी बड़े आदिवासी नेताओं को निपटाने का काम किया। और तो और जहां जहां भी प्रभारी बनकर गए वहां वहां पर कांग्रेस को पूरे तरह से शिकस्त झेलनी पड़ी। आलाकमान के करीबी होने का फ़ायदा उठाते हुए रायपुर शहर की नेता गिरी को अपने अधीन करना चाह रहे थे। अब इसका परिणाम यह हुआ कि कांग्रेस चारों खाने चित हो गई और ब्राह्मण पारा से भी एक भी बूथ में लीड नहीं मिली।  

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