बैठक में जानकारी दी गई कि विधानसभा उपनिर्वाचन के लिए कोई भी प्रिंटिंग प्रेस प्रकाशक द्वारा साइन की हुई घोषणा और प्रकाशक को व्यक्तिगत रूप से जानने वाले दो लोगों के हस्ताक्षर के बिना किसी भी निर्वाचन प्रचार सामग्री का मुद्रण नहीं करेंगे। यह भी बताया गया कि मुद्रण के बाद प्रिंटिंग प्रेस को मुद्रक द्वारा निर्धारित प्रपत्र में घोषणा सहित मुद्रित की गई सामग्री की चार प्रतियां तीन दिन के भीतर निर्वाचन कार्यालय में जमा करनी होगी। बैठक में यह भी बताया गया कि निर्वाचन संबंधी किसी भी पंपलेट, पर्चे, पोस्टर आदि में धर्म, वंश, जाति, समुदाय या विरोधी के चरित्र हनन जैसी अपील मुद्रित नहीं की जाएगी। ऐसा करने पर संबंधित व्यक्तियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। मास्टर ट्रेनर्स ने यह भी बताया कि मुद्रित प्रचार सामग्री का परिवहन अनुमति प्राप्त वाहन में ही किया जाये। किसी अन्य वाहन में परिवहन करने पर सामग्री सहित वाहन की भी जब्ती की कार्रवाई की जाएगी। परिवहन वाहन में प्रकाशक-मुद्रक की घोषणा अनुसार भी निर्धारित संख्या में सामग्री परिवहन की जाए। जांच के दौरान परिवहन वाहन में अतिरिक्त या अधिक संख्या में सामग्री मिलने पर भी जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि निर्वाचन संबंधी सामग्री के मुद्रण के बाद तीन दिवस के भीतर चार प्रतियां और प्रकाशक से मिली घोषणा निर्वाचन कार्यालय में जमा करने की जिम्मेदारी मुद्रक की होगी। इसके साथ ही मुद्रण के लिए ली गई राशि की जानकारी भी देनी होगी। सभी प्रकार की सामग्री के मुद्रण के लिए अलग-अलग जानकारी निर्धारित प्रपत्र में मुद्रक को निर्वाचन कार्यालय में देना होगा। बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि मुद्रक द्वारा छापी गई सामग्री को निर्वाचन कार्यालयों में किसी मुख्य स्थान पर प्रदर्शित किया जाएगा। निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन संबंधी पंपलेट, पर्चे, बैनर, पोस्टर आदि मुद्रण के संबंध में जारी निर्देशों का उल्लंघन करने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 127 क के तहत कार्यवाही की जाएगी। इसके उलंघन पर छह माह की सजा या दो हजार रूपये जुर्माना या दोनों भी किया जा सकता है।