Raipur. रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर पुलिस की छवि रौबदार और कड़क मिजाज की मानी जाती है, लेकिन शनिवार को खाकी का नया रंग देखने को मिला। शहीद स्मारक भवन में शाम 7 से रायपुर पुलिस संगीत ग्रुप की प्रस्तुति शुरू हुई जो लगभग 12 बजे तक चली। इसमें सिपाही से लेकर डीएसपी और उच्च अधिकारियों ने अपनी गायकी से महफिल लूट ली। संचालक करूण सरोज जो आईजी रायपुर में रीडर हैं, उन्होंने बताया, बीते चार-पांच वर्षों से हमारा ग्रुप बना है। इस कार्यक्रम की तैयारी लगभग 3 महीने से चल रही थी।
कार्यक्रम में बतौर अतिथि शामिल डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि पुलिस का काम सबसे कठिन और तनाव का होता है। समय की कोई मर्यादा नहीं होती और ऊपर से नीचे तक सभी डांटते ही रहते हैं। घर पर पत्नी लग परेशान। अब तो मोबाइल दुश्मन हो गया है। चौबीस घंटे डोर हाथ में बंधी रहती है। ऐसे में संगीत ही सुकून देता है। ताजगी और ऊर्जा का संचार करता है। मेरी बातें आपको बोर कर रही होंगी क्योंकि किसी भी शो में ब्रेक झेलना मजबूरी होती है। शिवशंकर साहनी ने सूने सांझ सवेरे, जावेद अंसारी ने लाखों हैं निगाह में, संजय देवरथले ने दिलबर मेरे, जयंत ने तेरे बिना नई जीना मर जाना, कमल देवांगन और रेणुका सुब्बा ने इस प्यार से मेरी तरफ न देखो, सुरेश ध्रुव ने मैं कोई ऐसा गीत गाऊं, धीरज मरकाम ने इक दिन बिक जाएगा… की प्रस्तुति दी। संचालन सीनियर अनाउंसर दीपक हटवार ने किया। कार्यक्रम में जितेंद्र सारथी ने छत्तीसगढ़ी गीत गोरी तैं आ जाबे नदिया के तीर गाकर नया रंग भरा।