रायपुर: कोरोना काल में नए साल का जश्न रहेगा फीका
सख्ती के मूड में प्रशासन, आयोजनों पर लगेगा पहरा
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। राजधानी में इस बार नए साल का जश्न मनाने फार्महाउस, होटल, पब और बार में सांस्कृतिक कार्यक्रम करने आयोजक भी हाथ खींचते दिख रहे हैं। 31 दिसंबर करीब है, लेकिन अब तक किसी भी आयोजन के लिए कलेक्टर दफ्तर तक एक भी अर्जी नहीं पहुंची। हालांकि कोरोना महामारी को देखते हुए नए साल पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा या नहीं, इसे लेकर शासन स्तर पर होमवर्क चल रहा है। इस पर आज फैसला होने की संभावना है। इसके बाद ही कार्यक्रम को लेकर स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। दरअसल, कोरोना महामारी में सांस्कृतिक कार्यक्रम में सैकड़ों की भीड़ जमा होगी। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियम टूटने का खतरा बढ़ जाएगा। ऐसी दशा में कार्यक्रम होगा या नहीं? अगर कार्यक्रम हुए, तो बंदिशें क्या-क्या रहेंगी, ऐसे तमाम सवालों का शासन द्वारा हल तलाशा जा रहा है।
कार्यक्रम करने अर्जियां नहीं
जिला प्रशासन के मुताबिक इस बार नए साल में होटलों, पब, बार और फार्महाउस पर कार्यक्रम करने कलेक्टर दफ्तर तक अर्जियां नहीं पहुंची हैं। हालांकि इस बार कार्यक्रम करने वालों की संख्या बेहद कम होने की संभावना है। बीते साल में होटलों, पब, बार और फार्महाउस समेत करीब 50 आयोजकों ने कार्यक्रम की अनुमति ली थी। पुलिस को देना होगा पूरा ब्योरा जानकारी के मुताबिक अगर नए साल पर कार्यक्रम करने की परमिशन मिलती है, तो आयोजकों को आवेदन के साथ ही कलाकार, मेजबान और उनकी गाडिय़ों की पार्किंग का पूरा ब्योरा पुलिस को देना होगा। यही नहीं, कोरोना से बचाव के लिए मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और सेनेटाइजर के इंतजाम की जानकारी भी देनी होगी। आवेदन में दिए गए कार्यक्रम स्थल का पुलिस सत्यापन करेगी, जिसके बाद ही परमिशन की संस्तुति की जाएगी।
नए साल के जश्न पर सख्ती का अंदेशा
कोरोना की वजह से नए साल के जश्न पर इस बार प्रशासन का सख्त पहरा रहेगा। रायपुर और राज्यभर में बढ़ते केस की वजह से इस साल रात 10 बजे के बाद पटाखे फोडऩे और डीजे बजाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। होटलों में रात 12 बजे तक डांस फ्लोर में लोग थिरकेंगे की नहीं इस पर फैसला लेने के लिए कलेक्टर ने अफसरों की बैठक बुलाई है। प्रशासन की इस सख्ती का असर से होटल कारोबारी भी घबरा गए हैं। जश्न में खर्चा ज्यादा और इंकम कम न हो जाए इस डर से अभी तक एक भी होटल संचालक ने नए साल के समारोह के लिए अनुमति का आवेदन नहीं दिया है। संचालकों का कहना है कि वे गाइडलाइन का इंतजार कर रहे हैं।
नए नियमों को देखने के बाद ही वे फैसला लेंगे कि कार्यक्रम आयोजित किया जाए या नहीं? राजधानी में जिस तेजी से पारा गिर रहा है उससे तय हो गया है कि इस बार कहीं भी खुले में कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जा रहा है। इसलिए ज्यादातर आयोजन वहीं होंगे जहां संचालकों के पास बड़े भवन या हॉल हैं। इस वजह से भी इस साल आवेदन कम ही जमा होने की उम्मीद है। कई दशकों के बाद ऐसा हो रहा है जब राजधानी के आधे से भी कम होटलों में नए साल का जश्न मनाया जाएगा। होटल एसोसिएशन के अनुसार केवल राजधानी में ही हर साल 200 से ज्यादा छोटे-बड़े कार्यक्रमों का आयोजन 31 दिसंबर की रात में किया जाता था, लेकिन इस साल यह संख्या आधे से भी कम रहेगी।
कोरोना के चलते नाइट कफ्र्यू की जरूरत
कोरोना संक्रमण के चलते तथा वायरस के नए रूप में सामने आने के बाद पुलिस और प्रशासन को किसी भी आयोजनों की अनुमति पर गहन विचार करना चाहिए। हालात को देखते हुए महाराष्ट्र की तर्ज पर राजधानी में भी नाइट कफ्र्यू लगाने की जरूरत है।
अपराधी कोई भी हो बख्शे नहीं जाएंगे
राजधानी में अपराधियों के हौसले पस्त हंै, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। और नशे के कारोबार पर अंकुश की कार्रवाई शुरू से कर रहे हैं। सौ से अधिक लोग गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी। अपराधी कोई भी हो बख्शे नहीं जाएंगे। नववर्ष में होने वाले पार्टियों पर पुलिस की पूरी नजर रहेगी।
- अजय यादव रायपुर, एसएसपी
सीमित लोगों को ही चर्च में जाने की अनुमति
माना जा रहा है कि क्रिसमस पर प्रशासन की नई गाइडलाइन में किसी भी चर्च में 200 से ज्यादा लोगों को एक साथ रहने की अनुमति नहीं होगी। क्रिसमस के पहले निकलने वाली रैलियों पर प्रशासन रोक लगा सकता है। आयोजनकर्ताओं को सेनिटाइजर, थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क की व्यवस्था रखनी होगी। लोगों से अपील की है कि कोरोना की गाइडलाइन का पालन करें।
क्रिससम और नए साल के कार्यक्रमों के लिए गाइडलाइन तय की जा रही है। पटाखे और डीजे को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन किया जाएगा। होटलों को अनुमति भी नियमों के अनुसार ही दी जाएगी।
-डॉ. एस भारतीदासन, कलेक्टर