रायपुर : पुलिस की सख्ती के बाद भी नशा कारोबारी सुधरने को तैयार नहीं
राजधानी में अवैध कारोबार बढ़ते ही जा रहे है। नशे के लती लोगों में शराब, गांजा, चरस, ड्रग्स, अफीम, कोकीन, ब्रॉउन शुगर जैसे नशीले पदार्थों का सेवन कर खुलेआम अपराधों को अंजाम दे रहे है
> पुलिस को चैलेंज कर खुलेआम पहुंचा रहे शौकीनों को मादक पदार्थ
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। राजधानी में अवैध कारोबार बढ़ते ही जा रहे है। नशे के लती लोगों में शराब, गांजा, चरस, ड्रग्स, अफीम, कोकीन, ब्रॉउन शुगर जैसे नशीले पदार्थों का सेवन कर खुलेआम अपराधों को अंजाम दे रहे है। छत्तीसगढ़ नशीले पदार्थों की तस्करी में पीछे नहीं हैं। राजधानी में नशीले पदार्थों की तस्करी का खेल खुलेआम चल रहा है। और हर बार पुलिस ने राजधानी में चल रहे अवैध कारोबार पर नशीले पदार्थ बेचने वालों का भंडाफोड़ किया है। मगर फिर भी पुलिस ने हर बार अपराधों में लगाम कसने के लिए अलग-अलग प्रयास किये है मगर आपराधिक तत्व नशे के काले धंधों को छोडऩे के लिए तैयार ही नहीं होते है। आपराधिक तत्व के लोग नाबालिगों को भी अपने काले धंधे में शामिल कर लेते है। जिससे पुलिस को नाबालिग बच्चों पर शक नहीं हो पाता है। नशा आज के समय में लोगों के दिमाग को खोखला बनाते जा रहा है। और इंसान इस नशे की आड़ में कई संगीन अपराधों को भी करने से नहीं कतराते है। पुलिस के मुताबिक सरस्वती नगर, टिकरापारा, सिविल लाइन, मोवा, देवेंद्र नगर, खमतराई, मौदहापारा, गोलबाजार इलाकों में ब्राउन शुगर और नशे की सामग्री बेचने वालों के खिलाफ अभियान चलाया गया। रायपुर की कई निचली बस्तियों में अब सूखा नशा व्यापार भी तेजी से बढ़ गया है, किसी न किसी तरीके से तस्कर पुलिस के सामने से चकमा देकर निकल रहे है। जबकि पुलिस चप्पे पर लोगों की सुरक्षा में तैनात है। हर गली-मौहल्ले से पुलिस पेट्रोलिंग भी निकलती है उसके बाद भी नशे का अवैध कारोबार का होना अपने आप में ही कई सवाल खड़े कर रहा है।
नशे की चपेट में युवा वर्ग
कोकीन, ब्राउन शुगर, चरस, हेरोइन, एक्स्टेसी हर वैरायटी का नशीला जानलेवा माल युवाओं को इस कदर जकड़ लिया है कि वे चाह कर भी उससे मुक्त नहीं हो पा रहे है। पाँच सौ रूपये से लेकर दस हजार रूपए तक की खुराक वाले नशा का सामान राजधानी में उपलब्ध है। युवा नशे के सुरूर में मदमस्त रहना चाहते हैं, तो इधर उधर न भटकें। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सब मिलेगा। वर्तमान समय में नशा युवाओं को अपनी चपेट में पूरी तरह ले चुका है और परिजनों को इस बात की भनक तक नहीं है। नशे का कारोबारी महंगे होटलों, रेस्टोरेंटों और बार जैसी जगहों पर पार्टियों के नाम पर नशे का सामान परोस रहे है।
पुलिस कस रही अपना शिकंजा : रायपुर को आज नशे के कारोबारियों ने पूरी तरह से अपना शिकंजा कस लिया है। पुलिस और नशे के कारोबारियों में पकड़ो-छोड़ों का खेल चल रहा है, पुलिस की लगातार कार्रवाई के कारण नशे के सौदागरों में हड़कंप मचा हुआ है।
नाबालिग बच्चे नशे की आड़ में
बच्चों के लिए सस्ता नशा इजाद हो चुका है, नशा के लिए बोनफिक्स तथा सुलेसन को सूंघ कर नशे की सामग्री के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है जो वास्तव में चौकाने वाला है। यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि आज 10 से 22 वर्ष तक के बच्चों द्वारा इजाद किया गया यह नया नशा धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है। बोनफिक्स का नशा किये जाने के संबंध में प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इन दिनों अधिकाश बच्चों में नशा की यह लत देखी जा रही है। बोनफिक्स, सुलेसन जो किसी टूटे हुए वस्तु के साटने के उपयोग में लाया जाता है। लेकिन बच्चे इसका उपयोग नशा के रूप में इस तरह से इस्तेमाल करते हैं। पेस्ट को सूती कपड़े या फिर प्लास्टिक में निकल कर हल्का धूप लगाकर सांसों द्वारा ऊपर खींचते हैं। एक से दो बार यह क्रम करने के बाद वे बधो खुद व खुद नशे कि हाल में आ जाते हैं। इसके बाद उन्हें यह कहां पता होता है कि सामने कोई और है भी या नहीं। अब नशीले पदार्थों की तस्करी करने वालों की खैर नहीं, 16 चौकियों पर तैनात होंगे डॉग स्क्वाड
प्रदेश में परिवहन विभाग के सभी 16 चौकियों पर जल्दी ही डाग स्क्वाड के साथ पुलिस की टीम भी तैनात रहेगी। प्रथम चरण में पांच प्रमुख चौकियों (चुंगी नाका) से इसे शुरू करने का प्रस्ताव है। इसके बाद जरूरत के अनुसार अन्य चौकियों में तैनाती होगी। दरअसल सूबे में माल वाहक वाहनों से मादक पदार्थों की तस्करी के कई मामले सामने आने के बाद यह निर्णय लिया गया है। परिवहन विभाग के अफसरों ने बताया कि छत्तीसगढ़ से लगे ओडिशा, मप्र, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार सीमा से गांजा, अफीम, कोकीन, चरस, ब्राउन शुगर आदि मादक पदार्थों की तस्करी पिछले काफी समय से मालवाहक वाहनों के जरिए लगातार की जा रही है। मादक पदार्थ की तस्करी कर यहां खपाने की शिकायतों को ध्यान में रखकर पिछले दिनों गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने प्रदेश के 16 परिवहन चुंगियों के पास ही पुलिस चौकी बनाने के निर्देश दिए थे। इसके लिए 80 लाख रुपये स्वीकृत भी किया गया था। गृहमंत्री के आदेश पर डीजीपी डीएम अवस्थी ने पहल करते हुए सभी जिलों के एसपी को पुलिस चौकी शुरू करने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि परिवहन विभाग में अधिकतर अफसर पुलिस विभाग से पदस्थ किए ही हैं, लिहाजा मादक पदार्थों की तस्करी को सख्ती से रोकने के लिए परिवहन व पुलिस विभाग मिलकर काम करेंगे।