रायपुर: वीआईपी रोड सहित कई इलाकों में नशे के अड्डे फिर हुए आबाद

पुलिस की मेहनत पर पानी फिरता दिख रहा, नशे के धंधेबाजों में खौफ नहीं

Update: 2020-11-10 05:56 GMT

होटलों, रेस्टॉरेन्ट, और हुक्का बार में फिर से युवा मदहोश नजऱ आने लगे

छुटभैया नेताओं की देखरेख में चल रहा है नशे का कारोबार

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। ड्रग्स तस्करी मामले में पुलिस की बड़ी कार्रवाई के बाद भी नशे के कारोबारी बेखौफ नजऱ आ रहे है। इसका उदाहरण इसी से मिलता है कि पैडलरोंं की धरपकड़ और पुलिस की सख्ती के बाद भी वीआईपी रोड सहित राजधानी के कई इलाकों में नशे के अड्डे फिर से आबाद हो गए है। यहां संचालित होटलों, रेस्टॉरेन्ट, और हुक्का बार में फिर से युवा नशे में मदहोश नजऱ आने लगे है। इससे पता चलता है कि पुलिस की कार्रवाई के बाद भी शहर में नशे के सामानों की आमद बनी हुई है। इससे नशे के धंधेबाजों की रसूख और पहुंच का पता चलता है। राजधानी में कोरोना काल के पहले से अपराध की दुनिया में लिप्त लोगों ने अब जोर-शोर से अपना व्यापार चालू कर दिया हैं। रायपुर में कई ऐसे इलाके है जहां आज भी नशे का कारोबार चलते जा रहा है।

रायपुर में नशे का कारोबार युवाओं और छुटभैया नेताओं की देखरेख में चल रहा है। पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद नशे का कारोबार इन्ही छुटभैया नेताओं के संरक्षण में चल रहा है। ड्रग्स, अफीम और कई तरह की पावडर का नशा लोग कर ही रहे है। जिसके चलते युवाओं में नशे की लत और नशा परोसने की हिम्मत भी मिल जाती है। विश्वसनीय सूत्रों ने जनता से रिश्ता को बताया कि रायपुर में बीते दिनों नशे के पावडर पकिस्तान से जम्मू-कश्मीर, कश्मीर से मुंबई और मुंबई से पुलिस का दबाव देखते हुए मुंबई से बाय रोड रायपुर पंहुचा छत्तीसगढ़ की राजधानी में नशे के सामान को वीआईपी रोड अंबुजा पार्क के आसपास के होटलों, रेस्टोरेंटो, और हुक्का बैरन में उतरा गया और उसके बाद फिर से बाय रोड गाड़ी सिरकाकुलम के लिए रवाना किया गया।

नशे का एडिक्ट हब सेंटर

राजधानी में वीआईपी रोड, पुरानी बस्ती, गंज, गोलबाजार, कोतवाली, खमतराई, गुढिय़ारी, तेलीबांधा, न्यू राजेंद्रनगर, राजातालाब, मोवा, पुरैना टिकरापारा, बोरिया, कला एवं खुर्द, सेजबहार, मंदिर हसौद जहां पुलिस की पहुंच बमुश्किल ही होती है? खुलेआम सटोरिए सट्टा-पट्टी काट रहे हैं। शराब-गांजा बेचने वाले भी बेधड़क धंधा कर रहे हैं। गंज थाना क्षेत्र के चूनाभट्टी इलाके में सुबह से बाल्टियों में रखकर खुलेआम शराब बेचते कोचियों की सुचना मिलते रहती हैं। शराब की दुकानों के बंद होने के बाद शराब का रेट तीन गुना तक हो जाता है। यही हाल अन्य इलाकों का भी है।

सुबह से रात तक बिकता हैं नशा

वीआईपी रोड, पुरानी बस्ती के लाखेनगर चौक, नर्मदापारा, चूनाभट्टी, गुढिय़ारी के पहाड़ीपारा चौक, गोलबाजार थाने के ठीक सामने गली में, नेहरुनगर, कालीबाड़ी, पेंशनबाड़ा, ओसीएम चौक के पास, खमतराई ओवरब्रिज आदि स्थानों पर लंबे समय से नशा, सट्टा-पट्टी, शराब, गांजा बेचने का कारोबार चल रहा है। तय अड्डों पर बैठे कोचिया खुलेआम देसी, अंग्रेजी शराब के साथ-साथ गांजा, अफीम, और ड्रग्स आदि बेच रहे हैं। शराब, गांजा बेचने का काम सुबह छह बजे से शुरू होता है और शराब दुकान खुलने के दो घंटे बाद तक चलता है। दोपहर एक बजे शराब की अवैध ब्रिकी बंद कर दी जाती है। फिर रात नौ बजे से दोबारा यह काम शुरु होता है, जो रात एक बजे तक चलता है।

गलियों और बड़े होटलों में बिकता नशीला पदार्थ

राजधानी के बदनामशुदा आपराधिक गली मौहल्ले में गांजा, शराब, और अवैध गतिविधिया चलती है, इन गलियों में पुलिस भी कभी जाती हैं। राजधानी में कोरोना संकटकाल में व्यापारी वर्ग से लेकर आम लोग बेहद परेशान हैं। लॉकडाउन हो या अनलॉक गांजा, शराब, सट्टा और जुआ का कारोबार जोर-शोर से चलता रहा है। असामाजिक तत्वों ने अपने धंधों को चलाने के लिए जगह-जगह पर अड्डे बनकर संचालन बेखौफ कर रहे है। पुलिस की सक्रियता के बाद भी अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। एसएसपी अजय यादव ने पदभार संभालने के बाद सभी थाना प्रभारियों, सीएसपी की बैठक लेकर शहर में जुआरियों, सटोरियों, शराब-गांजा बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। डीजीपी डीएम अवस्थी भी असामाजिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने को लेकर लगातार अफसरों को चेताते आए हैं। इस बीच थानेदारों ने अपने-अपने क्षेत्र में ताबड़तोड़ कार्रवाई भी की थी। नतीजतन, अवैध कारोबार कुछ दिनों तक बंद रहा। मगर, अब फिर से अवैध कारोबार करने वाले मोहल्लों में सक्रिय हो गए हैं।

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