Raipur: क्या किसी साजिश के शिकार हो गए थाना प्रभारी?

Update: 2024-07-21 05:29 GMT

कॉप ऑफ द मंथ चुना गया टीआई लाइन अटैच !............

रायपुर raipur news । राजधानी रायपुर में एक मामला फिलहाल सुर्खियों में है वो है टिकरापारा थाना प्रभारी का लाइन अटैच किया जाना। साथ ही स्थानांतरण के साथ साथ छवि को धूमिल करने के लिए तरह तरह की बातें फैलाई गई। दरअसल रायपुर के टिकरापारा थाना प्रभारी दुर्गेश रावटे को हाल ही में अच्छी पुलिसिंग के लिए कॉप ऑफ द मंथ के अवार्ड से जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा सम्मानित किया गया था। तो अवार्ड से सम्मानित थाना प्रभारी को महज सप्ताह भर के भीतर ही लाइन अटैच क्यों किया गया? ये सवाल बुद्धिजीवियों और वरिष्ठजनों के बीच सबसे अधिक चर्चा का विषय बना हुआ है। raipur police

chhattisgarh news सूत्रों की माने तो थाना प्रभारी दुर्गेश रावटे ऑटो डील के एक बड़े मामले का जल्द ही खुलासा करने वाले थे। दरअसल चोरी के बड़े वाहनों की खरीद फरोख्त में कुछ कंपनी के शामिल होने के पुख्ता सबूत थाना प्रभारी दुर्गेश रावटे को मिले थे, जिसमें विवेचना के दौरान कई रसूखदारों के शामिल होने की जानकारियां भी एकत्रित कर लिए थे। मामले का खुलासा करने से पहले ही थाना प्रभारी को अचानक से लाइन अटैच कर ऐसी कंपनी और रसूखदारों को बचाने का प्रयास किया गया प्रतीत होता है। क्या शासन प्रशासन ऐसी कंपनी पर कार्यवाही करेगी या एक बार फिर से रसूखदारों को बचाने के लिए मामले पर लीपापोती की जाएगी। अब बात अगर थाना प्रभारी के रिकॉर्ड को देखें तो उनके कार्यकाल में टिकरापारा थाना क्षेत्र में जुआ, सट्टा, शराब और अवैधानिक गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ अभियान चलाकर निरंतर कार्यवाही की कि अपराधियों के हाथ पांव फूल गए। यहां तक कि संरक्षणकर्ताओं को भी थाना प्रभारी दुर्गेश रावटे ने नहीं बख्शा। लगातार हो रही कार्यवाहियों से अपराधियों के हौसले पस्त होने लगे, थाना प्रभारी के सामने बड़े से बड़े अपराधी पानी भरते दिखाई देने लगे। ना तो राजनीतिक और ना ही पहुंच काम आ रही थी। कई अपराधियों ने क्षेत्र तक छोड़ दिया। वहीं अन्य अपराधों की बात करें तो लगभग चार अंधे कत्ल की गुत्थी थाना प्रभारी दुर्गेश रावटे ने अपनी सूझबूझ से सुलझाया। chhattisgarh

जमीन फर्जीवाड़ा हो या चिटफंड फर्जीवाड़ा, सभी तरह के अपराधों पर अंकुश लगाने में जुटा था थाना टिकरापारा। ऐसे में अचानक से ऐसे मुस्तैद थाना प्रभारी का लाइन अटैच किया जाना कई सवाल खड़े कर देता है। ये तो फिलहाल जांच का विषय है मगर बड़ा सवाल अभी भी बना हुआ है कि क्या थाना प्रभारी दुर्गेश रावटे किसी तरह के राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार हो गए या फिर किसी अन्य ने साजिश रची? ऐसे थाना प्रभारी की छवि को धूमिल करने का प्रयास निरंतर क्यों किया जा रहा है? कॉप ऑफ द मंथ अवार्ड से सम्मानित ऐसे थाना प्रभारी के लाइन अटैच होने से अपराधियों में जश्न का माहौल सा बन गया है। क्या टिकरापारा थाना क्षेत्र में फिर से अपराधी खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाते दिखाए देंगे। इसका उत्तर खुद शासन प्रशासन को ढूंढना होगा।

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