छुटभैया नेता चलवा रहे नाइट पार्टियां
छुटभैया नेताओं ने भी बड़े पैमाने में रायपुर शहर में पब, क्लब, हुक्काबार, रेस्टोरेंट बिंदास होकर खोल दिए है। एक सर्वे के मुताबिक गोवा जैसे देश के महत्वपूर्ण पर्यटन शहर को भी रायपुर की पार्टियां भारी पड़ रही है और आगे निकल गई है। जानकारी के अनुसार बुधवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार और छुट्टी के दिनों में पूरे भारत का अय्याशी का स्वर्ग बन जाती है रायपुर राजधानी। शहर के सभी लग्जरी होटल, विला, फार्महाउस, झुमका, मुजरा, रेव पार्टी के नशे में डूब जाते है और रायपुर और देश के युवा राजधानी में 75 हज़ार के टेबल बुक करने और 25 हज़ार की एंट्री फीस देने से भी गुरेज नहीं करते है। सोशल साइट्स के मुताबिक रेव पार्टी शराब, ड्रग्स, म्यूजिक, नाच गाना और सेक्स का कॉकटेल होता है। बड़े ही गुपचुप तरीके से ये पार्टियां आयोजित की जाती हैं। इनमें जिनको बुलाया जाता है, वे लोग ही पार्टी के बारे में जानते हैं। इसके साथ ही नशीले पदार्थ बेचने वालों के लिए ये रेव पार्टियां धंधे की सबसे अच्छी जगह बन गई हैं। वही ये शराब पिलाने वाले नशे के सौदागर अपने-अपने होटलो, रेस्टोरेंटों, बारों, पबों के ग्राहकों को कच्चा बिल बनाकर देते है जिसमें लिखा होता है कोट बुक, जबकि इस बिल से होटलो और रेस्टोरेंटों के संचालक GST की चोरी भी करते है।
कुछ दिन पहले हुई थी बड़ी कार्रवाई
राजधानी के क्लब, पब- रेस्टोरेंट में एक बार फिर से देर रात और आधी रात बाद तक वाइन-डाइन-डांस का सुरुर देखा जा रहा है। करीब छ माह पूर्व वीआईपी रोड पर ऐसे ही क्लब से निकल युवक युवतियों के दो गुटों में हुए शूट आउट के बाद कुछ सख्ती बरती गई थी। सभी पब,होटल क्लब के संचालकों को 12बजे को बाद वाइन सर्व करने पर लाइसेंस निरस्त करने की चेतावनी दी गई थी। लेकिन अब तक एक पर भी कार्रवाई नहीं की जा सकी है। लेकिन एक बार फिर देर रात तक बिना लाइसेंस या पुराने लायसेंस पर पब और होटल यूटर्न, सोशियल ढाबा, वुड आईलैंड जैसे रेस्टोरेंट में भी परोसी जा रही है। वह भी बाहर की शराब। चूंकि अभी प्रदेश में विदेशी शराब सप्लाई के लिए टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। इसलिए इन क्लब, रेस्टोरेंट के संचालक चोरी छिपे मंगवाकर बेच रहे हैं। जो महंगे ब्रांड की थी। इनमें युवकों के साथ साथ युवतियां भी कंधे से कंधा मिलाकर प्याला टकराती हैं। किसी के क्लब में जाने, शराब पीने से कोई एतराज नहीं है, एतराज इस बात पर है कि शराब के नशे में कभी ये आपस में ही उलझ जाते हैं या फिर किसी अन्य राहगीर पर जान लेवा हमला करने से नहीं चूकते। यहां तक कि नशे में ओवर स्पीड ड्राइविंग से किसी बेगुनाह कि जान पर बन आती है। और इसके लिए जिम्मेदार देर रात तक खुले रहने वाले ये क्लब, रेस्टोरेंट संचालक ही होते हैं।
बार बार के सरकारी हिदायतों को धता बताकर ये क्लब आधी रात बाद तक गुलज़ार रहते हैं। और जिम्मेदार विभाग भी अनदेखी करते हैं। आजकल ड्रग पार्टियां और डांस पार्टियां जोरों पर हैं। हर शनिवार और रविवार को बड़े-बड़े होटलों में "नशा" पार्टियाँ और ड्रग पार्टियां आयोजित की जाती हैं। पुलिस के पास सारी जानकारी होती है, लेकिन होटल मालिकों के प्रभाव के आगे कोई नहीं टिक पाता, इसलिए बार की लड़कियां नशे में खुलेआम डांस करने को मजबूर होती हैं और खूब पैसे भी उड़ाती हैं। राजधानी और इसके बाहरी इलाकों के लाड़-प्यार वाले नवाबों के अलावा, होटल, क्लब और बार युवाओं को आकर्षक पैकेज का लालच देकर आकर्षित करते हैं। इसके अलावा, शनिवार और रविवार को राजधानी और उसके आसपास फार्महाउसों में डांस पार्टियां आयोजित की जाती हैं, जहां युवाओं को ड्रग्स भी परोसा जाता है। देखने में आया है कि अन्य बड़े शहरों में प्रशासन ने डांस और ड्रग पार्टियों के लिए नियम-कायदे बनाए हैं, लेकिन राजधानी में ऐसा कोई कानून नहीं है, इसलिए होटल, क्लब और बार मालिक इसका गलत फायदा उठा रहे हैं। सरकार को युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए पुलिस को भी सख्त कदम उठाने के आदेश देने चाहिए।