राजनांदगांव। कलेक्टर सिंह ने जिले में ऑनलाईन कोचिंग, संपर्क डिवाइस और आंगनबाड़ी केन्द्रों में स्मार्ट टीवी के माध्यम से चल रही पढ़ाई का अवलोकन करने कलेक्टोरेट शक्ति कक्ष से वीडियो कांफें्रसिंग के माध्मय से प्राचार्यों, शिक्षकों एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से बात की। कलेक्टर सिंह जिले में शिक्षा की गुणवत्ता को परखने लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इसकी समय-समय में समीक्षा करने के निर्देश दिए। शिक्षकों से चर्चा के दौरान ऑनलाईन कोचिंग के तकनीकी समस्याओं पर विचार कर समाधान किया गया। कलेक्टर सिंह कहा कि जिले में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए जमीनी स्तर पर प्रयास किया जा रहा है, उसका बेहतरीन क्रियान्वयन होना चाहिए। जिले में वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए डिजिटल एजुकेशन की महत्ता बढ़ी है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल एजुकेशन के परिणाम अच्छे मिल रहे हैं। स्मार्ट क्लास की अवधारणा बेहतरीन साबित हो रही है। जिले में आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए बच्चे संपर्क डिवाइस से बच्चे अच्छी तरह से सीख रहे हैं।
कलेक्टर सिंह ने कहा कि कक्षा 10वीं व 12वीं बोर्ड कक्षाओं की अच्छी पढ़ाई के लिए जिले में ऑनलाईन कोचिंग प्रारंभ की गई है। विषय विशेषज्ञों द्वारा ऑनलाईन कोचिंग के माध्यम से पढ़ाई कराई जा रही है। जिससे जिले के दूरस्थ अंचल के बच्चे कठिन विषयों की पढ़ाई आसानी से कर रहे हैं। ऑनलाईन कोचिंग के माध्यम से विषय विशेषज्ञों से दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों को जोड़ा जा रहा है। जिससे उनकी जिज्ञासाओं का समाधान आसानी से किया जा रहा है और साथ ही मार्गदर्शन भी दिया जा रहा है। कलेक्टर सिंह ने कहा कि शासकीय प्राथमिक शालाओं में संपर्क डिवाइस प्रदान कर पढ़ाई कराई जा रही है। उन्होंने संपर्क डिवाइस वाले विद्यालयों के शिक्षकों से इसकी उपयोगिता पर बात की। संपर्क डिवाइस से पढ़ाई से बच्चों में सीखने की प्रवृत्ति के संबंध में जानकारी ली।
शिक्षकों ने बताया कि स्मार्ट टीवी के माध्यम से संपर्क डिवाइस से बच्चों में सीखने की प्रवृत्ति बढ़ी है। शिक्षकों ने संपर्क डिवाइस नियमित रूप से स्कूलों में संचालित करने की बात कही। कलेक्टर सिंह ने आंगनबाड़ी केन्द्रों में स्मार्ट टीवी के माध्यम से बच्चों को सिखाने के लिए चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों के संबंध में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से बात की। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में स्मार्ट टीवी के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई के लिए नवाचार किया गया है। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों में नन्हें बच्चों को निर्धारित टाईम टेबल के अनुसार ही पढ़ाने कहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ममता वर्मा ने बताया कि स्मार्ट टीवी के शुरू होने से बच्चे जल्दी सीख रहे हैं। उनका मानसिक विकास भी बढ़ा है। ममता वर्मा ने बताया कि बच्चे वर्ण माला बोल लेते हैं और कहानी भी सुनते हैं। इसके साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्र में एनीमिक महिलाओं, गर्भवती महिलाओं, बच्चों के माताओं को सुपोषण श्रेणी में लाने के तरीके एवं साफ-सफाई को स्मार्ट टीवी के माध्यम से बताया जाता है। जिससे गांव की महिलाओं में अच्छा बदलाव आया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नेताम ने बताया कि स्मार्ट टीवी के माध्यम से बच्चे रूचिपूर्वक देखकर सीखते हैं और एक्टीविटी भी करते हैं। इसके साथ ही गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं को खान-पान के संबंध में स्मार्ट टीवी के माध्यम से जानकारी दी जाती है। आंगनबाड़ी केन्द्र में स्मार्ट टीवी के माध्यम से मातृत्व वंदना के संबंध में भी जानकारी दी जाती है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनिता भट्टाचार्य ने बताया कि स्मार्ट टीवी से बच्चे ध्यान से सुनते हैं और पढ़ते है। इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास गुरप्रीत कौर, जिला परियोजना अधिकारी रश्मि सिंह, सहायक परियोजना समन्वयक मनोज मरकाम, सहायक परियोजना समन्वयक प्रणीता शर्मा उपस्थित थे।