अभनपुर। सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत लोक निर्माण विभाग संभाग खैरागढ़ से आवेदक एल के नामदेव द्वारा जानकारी मांगी गई थी जिस पर जन सूचना अधिकारी लोक निर्माण विभाग खैरागढ़ द्वारा यह कहा गया कि जानकारी जिस रूप में है उसी रूप में प्रदाय किए जाने का प्रावधान है । उन्होंने अपने पत्र में उल्लेख किया कि कैश बुक का संधारण कंप्यूटर में किया जाता है और हर माह का अलग-अलग तैयार किया जाता है इसलिए हर माह की जानकारी अलग अलग सीडी में दी जाएगी इस पर आवेदक ने प्रथम सूचना अधिकारी अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग मंडल दुर्ग को अपील किया । प्रथम अपील की सुनवाई में आवेदक ने दलील दी कि एक सीडी में एक विषय और एक कार्यालय के कंप्यूटर में संधारित जानकारी दी जानी चाहिए । जबकि जन सूचना अधिकारी स्वयं उपस्थित नहीं हुए और एक लिपिक को भेजा था जिसको विषय वस्तु का कोई ज्ञान नहीं था । सुनवाई में अपीलीय अधिकारी ने प्रकरण को ठीक से सुनने समझने में कोई रुचि नहीं दिखाई और तत्समय कोई निष्कर्ष नहीं दिया उनका केवल यह यह कथन था कि जो नियम में होगा उसी अनुसार किया जाएगा । स्पष्ट है कि अपीलीय अधिकारी को भी नियमो की जानकारी उस समय नहीं थी ।
आवेदक ने यह भी बताया कि पूर्व में उसी जन सूचना अधिकारी ने आवेदक के तर्क अनुसार एक कार्यालय की जानकारी के लिए एक सीडी की रकम 50 की माग किया था। यहां पर यह बताना जरूरी होगा की लोक निर्माण विभाग के कई ऐसे जन सूचना अधिकारी हैं जो कंप्यूटर में संधारित्त एक पेज की जानकारी के लिए एक सीडी की मांग करते हैं । अगर जानकारी कंप्यूटर में 1000 पेज में है तो ₹ 50000 सीडी के लिए मांग करते हैं ताकि आवेदक बड़ी रकम को जमा न कर सके और जानकारी न देना पड़े । इसी प्रकार का यह भी प्रकरण है जिसमें जन सूचना अधिकारी ने एक माह की जानकारी के लिए एक सीडी की राशि की मांग किया था यहां पर गौर करने की बात यह है कि कई अन्य जन सूचना अधिकारी ऐसे हैं जो नियमानुसार एक कार्यालय में संधारित एक विषय वस्तु की जानकारी के लिए एक सीडी की राशि की मांग करते हैं और दिया भी जा रहा है । जन सूचना अधिकारी की मनमानी और अपीलीय अधिकारी की सहभागिता से सूचना आयोग में प्रकरण बढ़ते जा रहे हैं अगर अपीलीय अधिकारी सही निर्णय करें तो सूचना आयोग के पास कम से कम प्रकरण ही जाएंगे और लोगों को समय से जानकारी भी मिल जाएगी । अधीक्षण अभियंता एवम अपीलीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग मंडल दुर्ग में पदस्थ अधिकारी बहुत ही गैर जिम्मेदाराना तरीके से इस पद को कलंकित कर रहे हैं । प्रथम अपील 16/07/24 को प्राप्त होने के एक माह बाद 21/08/24 को निर्णय का पत्र दिया गया जो नियम विरुद्ध है।
छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव का ध्यान जन सूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी के मनमाने रवैए की ओर आकृष्ट किया गया है ताकि जनता को सूचना पाने में सहूलियत हो।