अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर जनप्रतिनिधि, कलेक्टर और एसपी ने लिया बोरे बासी का स्वाद
छग
दुर्ग। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के श्रमवीरों और किसानों का मान बढ़ाने के लिए मजदूर दिवस के दिन लोगों से बोरे-बासी खाने की अपील की है। जिसके तहत दुर्ग जिले में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, आयुक्त महादेव कावरे, कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा, पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव एवं जिला पंचायत सीईओ अश्वनी देवांगन सहित अधिकारी व कर्मचारियों ने छत्तीसगढ़िया संस्कृति के प्रमुख आहार बोरे बासी के साथ आम की चटनी, टमाटर की चटनी, मिर्ची, प्याज, अचार, भाजी आदि का स्वाद लिया। स्थानीय स्वामी विवेकानंद सभागार परिसर में अयोजित कार्यक्रम में दुर्ग शहर विधायक अरूण वोरा, महापौर धीरज बाकलीवाल सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि और अधिकारी कर्मचारी शामिल हुए। इसी प्रकार जिले के अन्य विभिन्न स्थलों पर भी बोरे बासी तिहार का आयोजन किया गया।
तेज धूप और गर्मी में जब छत्तीसगढ़ का मेहनतकश श्रमिक और किसान खाने के लिए गमछा बिछाकर अपना डिब्बा खोलता है, तो उसमें पताल चटनी, गोंदली के साथ बोरे बासी जरुर देखने को मिलता है। पोषक तत्वों से भरपूर इस बोरे बासी से वैसे तो लोग परीचित थे पर इसे वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाने की अहम भूमिका छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निभाई है। बासी के साथ आम तौर पर भाजी खाया जाता है। पोषक मूल्यों के लिहाज से भाजी में लौह तत्व प्रचुर मात्रा में विद्यमान रहते हैं। इसके अलावा बासी के साथ दही या मही सेवन किया जाता है। जिसमें बड़ी मात्रा में कैल्शियम रहता है। इसके सेवन के फायदों को देखते हुए धीरे-धीरे ये देश-विदेश में भी लोकप्रिय हो रहा है। बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग भी बड़े चाव से बोरे बासी खाना पंसद करते हैं। बोरे-बासी यहां की जीवनशैली का एक अहम हिस्सा है। बोरे बासी में ताजा बने चावल (भात) की अपेक्षा करीब 60 फीसदी पोषक तत्व ज्यादा होती है बोरे बासी ब्लडप्रेशर और हाइपरटेंशन को नियंत्रित करने का भी काम करता है।