अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर हुआ जन जागरूकता अभियान

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Update: 2022-12-09 16:55 GMT
गरियाबंद। महिलाओं के विरूद्ध हो रही हिंसा को समाप्त करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस तथा प्रतिवर्ष 10 दिसंबर को मनाये जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के मध्य जिले के संचालित सखी वन स्टॉप सेंटर, शक्ति सदन, महिला हेल्पलाईन 181, आंगनबाड़ी केन्द्र, आशा कार्यकर्ता व अन्य महिलाओं से संबंधित संस्थाओं व प्राधिकरणों में महिलाओं के विरूद्ध हो रही सभी प्रकार के हिंसा समाप्त करने व बाल संरक्षण के विषय पर 2 से 6 दिसम्बर तक आईटीएस महाविद्यालय गरियाबंद, औद्यागिक प्रशिक्षण केन्द्र- मजरकटा, गरियाबंद व शासकीय वीर सुरेन्द्र साय महाविद्यालय गरियाबंद में जन जागरूकता व प्रचार-प्रसार का कार्यक्रम आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में बताया गया कि घरेलू हिंसा से पीडि़त महिलाओं के संरक्षण के लिए अधिनियम 2005 लागू किया गया है। विधिक सेवा प्राधिकरण से मिलने वाली नि:शुल्क विधिक सहायता/अधिवक्ता के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई। सखी वन स्टॉप सेन्टर के सुचारू रूप से संचालन की विस्तृत जानकारी देते हुये 181 महिला हेल्पलाईन टोल फ्री नम्बर की जानकारी दी गयी। सेंटर एक ही छत के नीचे हिंसा से पीडि़त महिलाओं के आश्रय के लिए 24 घंटे तत्पर है। महिला और बालिकाओं के साथ हो रही हिंसा, जैसे छेड़-छाड़, साइबर क्राइम, प्रेम-प्रंसग, लैंगिक अपराध आदि के संबंध में बताया गया।
किशोर न्याय (बालकों की देखरेख व संरक्षण) अधिनियम 2015 व आर्दश नियम 2016 के बाल संरक्षण विषयों पर बच्चों को जागरूक करते हुये बच्चों के अधिकार व संरक्षण, बाल विवाह, बालश्रम, भिक्षावृत्ति, अपशिष्ट संग्रह, शिशु-पालना केन्द्र, गुड-टच, बेड-टच, स्पांसरशीप कार्यक्रम, नशा मुक्ति, कन्या भू्रण हत्या, मानव तस्करी, बच्चों के अवैध प्रवास, व चाईल्ड हेल्पलाईन नम्बर 1098 के बारे में जानकारी दी गई। महिला व बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक कुमार पाण्डेय के मार्गदर्शन अनुसार जिला बाल संरक्षण अधिकारी अनिल द्विवेदी के नेतृत्व में महिला उत्पीडऩ व बाल संरक्षण विषय पर जन-जागरूकता के लिए विभाग से लता पटेल, संरक्षण अधिकारी, (नवा बिहान), रेवती यादव, केन्द्र प्रशासक, किरण पांड़े, परामर्शदाता (सखी वन स्टॅाप सेन्टर) जिला बाल संरक्षण इकाई के प्रेमशंकर यादव, परामर्शदाता, अजीत शुक्ला आउटरीच वर्कर व हेमलता नाविक, आउटरीच वर्कर की ओर से महिलाओं व बाल संरक्षण के विषय पर विस्तृत जानकारी दी गई। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य, शिक्षक, शिक्षका व छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
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