पीएसओ के यहां थी शादी, बिजी शेड्यूल से समय निकालकर पहुंचे सीएम भूपेश बघेल
छग
कांकेर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जब अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की, तब उन्होंने काफी संघर्ष करना पड़ा. 2001 से लेकर अब तक भूपेश बघेल के संघर्षों के साथी और हमकदम छत्तीसगढ़ पुलिस के जवान रहे कचरू राम जुर्री. वक्त बदलता रहा और भूपेश बघेल के हिस्से कामयाबी दर कामयाबी आती गई. बावजूद इसके उन्होंने पुराने साथियों को खुद से कभी जुदा नहीं होने दिया. सोमवार को कचरू राम जुर्री की बेटी रेशमा सात फेरे ले रही थी. इस पल का साक्षी बनने के लिए सीएम भूपेश बघेल ने अपने बिजी शेड्यूल से समय निकाला और कांकेर के करिहा गांव पहुंचकर बेटी रेशमा को आशीर्वाद दिया.
भूपेश बघेल जब विधायक बने तो वर्ष 2001 से 2015 तक छत्तीसगढ़ पुलिस के जवान कचरू राम जुर्री उनके साये के रूप में पीएसओ बनकर साथ रहे. साल 2015 में रिटायर होने के बाद भी भूपेश बघेल ने कचरू राम को अपने साथ रखा. लेकिन जब वर्ष 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी और भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बने तो कचरू उन्हें छोड़ अपने घर कांकेर के ग्राम करिहा आ गए. मुख्यमंत्री बनते ही उन्हें कचरू नजर नहीं आये तो, उन्होंने फोन किया और पूछा कि आखिर वो कहां चले गए. जब उन्हें पता चला कि उनके साये के रूप में साथ रहने वाला कचरू घर चले गए हैं. तो उन्हें वापस बुलाया गया. आज भी कचरू अपनी कार्यशैली और विश्वनीयता के कारण मुख्यमंत्री आवास में उनके निजी पीएसओ के रूप में कार्यरत हैं.