नाइट पार्टियों को छुटभैय्ये नेताओं-पुलिस का संरक्षण
शराब, हुक्का परोसने की सूचना देने पर टीआई ने संवाददाता से की गाली-गलौज
क्रिसमस और नए साल के बाद से ही बेरोकटोक चल रही नाईट पार्टियां
पार्टी आयोजकों, होटल संचालकों को छुटभैय्ये नेताओं का मिल रहा खुला संरक्षण
नाइट पार्टियों में कोरोना गाइड लाइन का भी पालन नहीं किया जा रहा है
पुलिस बिना अनुमति हो रही पार्टियों को रोकने गंभीर नहीं
पार्टियो की सूचना देेने पर थाना प्रभारी जानकारी देने वालों से करते हैं दुव्र्यवहार
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। मीडिया में लगातार खबरें आने बावजूद राजधानी के बड़े होटलों और पब्स में खुलेआम अवैध नाइट पार्टियां चल रही है, प्रशासन के बिना अनुमति के छुटभैय्या नेताओं के संरक्षण में होटल, क्लब संचालक बेखौफ इन पार्टियों का आयोजन कर रहे है। जिसमें समय सीमा खत्म होने के बाद भी शराब और हुक्के परोसे जाते है। पार्टी के आयोजन कर्ताओं और होटलों के संचालकों को इलाके के पुलिस थानों से भी संरक्षण मिल रहा है। इसका पुख्ता सुबूत जनता से रिश्ता के पास मौजूद है। रविवार रात को माना थाना क्षेत्र के एक रेस्टोरेंट में नाईट पार्टी आयोजित थी। जिसमें रात 12 बजे के बाद भी शराब और हुक्के परोसे जा रहे थे। जब जनता से रिश्ता संवाददाता ने इसकी जानकरी माना टीआई को दी तब टीआई ने सीधे संवाददाता के साथ गाली गुफ़्तार की और कहा कि तुझे छापना है तो छाप। इस पूरे वाकये का वॉइस रिकॉर्ड जनता से रिश्ता के पास है। इससे साफ़ पता चलता है अवैध पार्टियों के साथ शहर में होने वाले अवैध कारोबारों सट्टा, जुआ, अवैध शराब के धंधेबाजों को छुटभैय्ये नेताओं और पुलिस का सीधा संरक्षण लगातार मिल रहा है।
नशे की पार्टी का वीडियो भी हुआ वायरल
नशे की पार्टियों के कई वीडियो भी सामने आए हैं जिससे पार्टी के आयोजनकर्ताओं को पहचाना जा सकता है। वीकेंड की रात भी पुलिस तमाम कोशिशों के बाद भी नाइट पार्टियों को समय पर बंद नहीं करा पाए और दिखावे के लिए आयोजित कैंडल नाइट डिनर के बाद कई होटलों और पबों में देर रात तक पार्टियां चलती रही जिसमें शराब और नशा भी परोसा गया।
छुटभैय्ये नेताओं के संरक्षण में नाईट पार्टी
छुटभैय्या नेताओं की मौजूदगी में रात में वीआईपी रोड धुआं रोड में तब्दील हो गया। जिधर देखों उधर सुट्टा का धुआं तो कहीं हुक्का का धुआं वीआईपी रोड को गमकाता रहा। पुलिस की पहरेदारी में हो रहे इस तरह की नशे की पार्टी कभी भी विस्फोटक रूप धारण कर सकता है। जिसका जीता जागता उदाहरण कैफे और क्लब है, जहां पार्टी के लिए बहाना ढूंढा जाता था, जिसका हश्र लीज निरस्त तक पहुंच गया है। उसके बाद भी वीआईपी रोड पर स्थित होटलों और ढाबों वालों ने सबक नहीं लिया बल्कि उस नशे के कारोबार को और तेजी से बढ़ाने के लिए होटल मालिकों में प्रतिस्पर्धा शुरू हो गई। अब तो सस्ते में पार्टी पैकेज बनाकर उद्योगपतियों के घरों में जाकर पार्टी बुकिंग करा रहे हैं।
वीकेंड पार्टी में जाम छलकाते युवा
ये वीकेंड पार्टी यूं ही चलेगी, धूम मचा ले, गेट ऑन द डांस फ्लोर, तमंचे पे डिस्को। जी हां, वीकेंड की पार्टी के जश्न के मौके पर हर तरफ इसी तरह के गीत गूंजते रहे। होटल या रेस्तरां की पार्टी हो या फिर घर की पार्टी, हर जगह युवा थिरकते हुए नजर आते है। जश्न के रंग को बेरंग होने से बचाने के लिए पुलिस ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। कोई होटलों और रेस्टोरेंटों में आयोजित पार्टियों में अवैध शराब पहुंचाया जाता है। शाम होते-होते अपने कामों को निपटा लोग सड़कों पर, फार्म हाउस, रेस्तरां, पब में जुटने लग जाते है। वीआईपी रोड की होटलों में जश्न का दौर तेज होता जा रहा है।
नशे की पार्टी में पुलिस का पूरा संरक्षण
पुलिस की सख्ती और चौकसी के बाद भी वीआईपी रोड और अन्य इलाकों के बड़े होटलों-पब और क्लबों में नाइट पार्टियों के आयोजन पर रोक नहीं लग पा रही है। छुटभैय्ये नेताओं के संरक्षण में होटल संचालक आयोजकों से मिलकर बगैर किसी परेशानी के पार्टी आयोजित कर रहे हैं। नाइट पार्टियां प्रशासन द्वारा निर्धारित समय के बाद देर रात तक चल रही हैं जिसमें ग्राहकों को शराब और हुक्का के अलावा नशा भी परोसा जा रहा है। इन आयोजनों के दौरान पुलिस अंदर दाखिल नहीं हो पाती, पुलिस वाला अगर कोई पहुंचता है तो छुटभैय्ये नेता खुद ही बाहर आकर उनका आवभगत कर सब कुछ सामान्य होने का झूठा भरोसा दिलाकर रवाना कर देते हैं।
वीकेंड की पार्टी में वीआईपी रोड रंगीन
वीआईपी रोड के होटलों और क्लबों में विकेंड और संडे पार्टी हमेशा सुर्खियों में रहा है। जहां पुलिस वाले भी सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर आयोजकों के साथ पार्टी में शामिल होकर होटलों में रात की पार्टियों को रंगीन कर रहे है। ड्रग पैडलरों और ड्रग सप्लायरों ने राजधानी को नशे की गर्त में ढकेल दिया है। तेलीबांधा क्षेत्र के आसपास और वीआईपी रोड के होटलों और ढाबों, कैफों और क्लबों में विकेंड और संडे की सुबह तक रंगीन मिजाज लोगों को पार्टी आबाद होती रही। ढाबों के बाहर खुलेआम दारू पिलाई जाती है। और कैफे में युवाओं को हुक्का परोसा जाता है। वीआईपी रोड के आसपास पुलिस की गश्त भी बाकायदा होती रही। रात भर चली नशे की पार्टी में शामिल होने वालों ने और आयोजकों ने महामारी अधिनियम की धज्जियां उड़ा कर रख दिया।
होटलों में पार्टी के लिए सोशल मीडिया को बनाया हथियार
सिटी में नशे के सौदागर अपने पैर पसार रहे हैं। उनके जाल में फंस रहे युवा, जो नशे का आदी हो अपनी ङ्क्षजदगी दांव पर लगा चुके हैं। वीआईपी रोड की होटलों में आयोजित हो रही पार्टियों के आमंत्रण के लिए नशे के सौदागरों ने अब सोशल मीडिया को अपना हथियार बना लिया है। रायपुर के युवाओं में नशे का ट्रेंड भी बदल गया है। पहले जहां शराब, हुक्का, कफ सिरफ, टैबलेट, गांजा आदि का सेवन अधिक किया जाता था, अब इसकी जगह पर बड़े घरों के युवा कोकीन, ब्राउन शुगर आदि का डोज तक लेने लगे हैं। नए साल की पार्टियों में नशे को खपाने के लिए होटलों के संचालकों ने सोशल मीडिया में विदेशी बार बालाओं की तस्वीरें लगाकर युवाओं को अपनी तरफ आकर्षित करने लगे है। और ये तरीका जब कारगर साबित हुआ तब से हर दिन नशे की पार्टियों के आयोजन करने के लिए नशे के सौदागर सोशल मीडिया को अपना हथियार बनाने लगे है।
कॉलेज के पास तस्करों के गुर्गे : तस्करों के निशाने पर कॉलेज छात्र अधिक है। तस्करों के गुर्गे छात्रों की ही पोशाक में कॉलेज के पास जमे रह छात्रों से दोस्ती गांठ उन्हें पहले धोखे से नशा कराते हैं। सिगरेट में मादक पदार्थ भर युवाओं को पिलाया जाता है। पहले सेवा फ्री होती है। जब लड़का आदी हो जाता है तो उसे अडडे दिखा व उससेमोटी रकम लेकर मादक पदार्थ दिये जाते हैं।