नए साल के स्वागत में होटलों-क्लबों में पार्टियों की तैयारी
नशे की पार्टियों पर पुलिस की वक्रदृष्टि...
सोशल मीडिया का दुरुपयोग,मॉडल लड़कियों की तस्वीर लगाकार करते है प्रचार
दलाल किस्म के छुटभैया नेता एवं सामाजिक कार्यकर्ताआओं की इस समय बाढ़ आई हुई है
पुलिस की निगरानी में सभी प्रकार के इवेंट कर्ताधर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता और पोस्टर ब्वाय और पोस्टर मॉडल
नशे के कारोबार में पकड़ाए सभी आरोपियों की रिश्तेदारी और संबंध सामाजिक कार्यकर्ता और छुटभैया नेताओं से जगजाहिर
पुलिस रेड की गारंटी देकर पार्टी का आयोजन करने वाले सभी सामाजिक कार्यकर्ता और छुटभैया नेताओंं पर पुलिस की गाज गिर सकती है।
एसएसपी ने मंगाई इवेंट मैनेजरों की कुंडली, खुफिया रिपोर्ट तैयार करने मातहतों को दिए निर्देश
ज़ाकिर घुरसेना
रायपुर। सरकार की मंशा नशा मुक्त आयोजन की होती है किसी भी प्रकार की पार्टी में नशा ना हो इसके लिए पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद रहती है लेकिन देखना अब यह है कि पुलिस प्रशासन अब इसे कैसे रोकती है। चूंकि कोई पार्टी बिना नशे के पार्टी नहीं कही जाती तो इस दशा में आयोजनकर्ताओं को नशा परोसना ही पड़ता है। साथ ही युवा भी नशे के नाम से ही पार्टी में शामिल होते है। हालांकि सरकार की मंशा अनुसार एसएसपी ने नए वर्ष क्रिसमस या अन्य आयोजनों में नशा पार्टी नहीं होने देने की सख्त हिदायत अपने मातहतों को दे दिया है क्योंकि कोरोना काल है और पूर्ण तरीके से प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए ही आयोजनों का होना है एवं कोरोना काल में प्रोटोकॉल को देखते हुए ही आयोजन के लिए परमिशन दिए जाएंगे। इसके लिए समय सीमा तय होगी। तय समय से अधिक समय तक किसी को भी पार्टी करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। ऐसा पुलिस प्रशासन का मानना है लेकिन ठीक इसके विपरीत पार्टी आयोजनकर्ताओं को सुरक्षित ठिकाने की तलाश रहती है। और इनको वीआईपी रोड में वो सुरक्षा मिल जाती है क्योंकि वीआईपी रोड की अधिकांश होटल रसूखदार लोगों की है जो किसी न किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़े हुए होते हैं या नेताओं के नजदीक होते हैं और वे इसी का भरपूर फायदा भी उठाते हैं। वे आयोजनकर्ताओं को पूरा भरोसा दिलाते हैं कि यहां पार्टी पूर्ण सुरक्षित रहेगी और आयोजनकर्ता अपने ग्राहकों को इसी बात की गारंटी देते हैं कि हमारे आयोजन में सुरक्षा के पूर्ण गारंटी होगी। ग्राहक सुरक्षित जगह की चाह में मुँह मांगे दामों में टिकट खरीदकर पार्टी में शामिल होते हैं और उनको ऐसा लगता है कि महंगे दामों में टिकट खरीद कर पुलिस की कार्रवाई से बचे रहेंगे और सीमा की पाबंदी भी नहीं रहेगी। लेकिन रायपुर एसएसपी की नजर इन के लिए टेढ़ी है वे किसी भी प्रकार की नशे की पार्टी नहीं होने देने की ठानी है। राजधानी में आए दिन ड्रग पैडलर और ड्रग माफियाओं को सींखचों के पीछे पहुंचना, इसी बात की तस्दीक करती है कि वे इसके खिलाफ सख्त हैं। अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त हिदायत दे रखी है कि राजधानी में तय समय सीमा के बाद किसी भी प्रकार की पार्टी नहीं होना चाहिए। देखा गया है कि समाज सेवा की आड़ में तथाकथित समाजसेवी अवैध कारोबार और आयोजनकर्ताओं को प्रश्रय देते हैं पिछले कई दिनों से बड़े घराने के लोगों के अलावा तथाकथित समाजसेवियों को पुलिस ने पकड़ा तब जाकर इन तथाकथित समाजसेवियों की पोल खुली। वे समाज सेवा की आड़ में अवैध काम में लिप्त रहते हैं एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों के संरक्षक या कार्यकर्ता बनकर पुलिस को गुमराह करते हैं और ऐनकैन प्रकारेण आयोजन की परमिशन ले लेते हैं। जिसके शिकार बड़े घरानों के बिगड़ैल नवाबों के अलावा बेरोजगार युवक-युवतियां आसानी से हो जाते हैं। क्योंकि यह सुरक्षित पार्टी का वादा करते हैं और यह सब पूरी तरह से जब नशे में मदहोश हो जाते हैं तब यह फायरिंग जैसा हादसा भी कर बैठते हैं। ये बिगड़े नवाबों के आयोजनकर्ता हर प्रकार की जरूरत पूरी करते हैं। जिसमें नशे के अलावा लड़कियां भी शामिल होती हैं अभी-अभी चलन में आया है कि पुलिस वालों की लगातार रेड पडऩे से यह आयोजन पॉश कॉलोनी के घरों में होने लगी है। जहां युवा चरस, गांजा, हीरोइन की लत में कितने एडिक्ट हो जाते हैं। वहां से निकलना बड़ा दूभर हो जाता है कई बार ऐसा भी होता है कि इनको अपनी जान तक गंवानी पड़ती है। ऐसे आयोजनकर्ता सोशल मीडिया को माध्यम बनाते हैं। और इसमें हर प्रकार का नशा परोसते हैं। ये पार्टी इतना गोपनीय तरीके से करते हैं कि किसी को कानों कान खबर नहीं होती जब नशे के सुरूर में जब ये कोई वारदात कर बैठते हैं तब इनकी पोल खुलती है। अधिकांश युवक-युवतियां 15 से 25 साल के बीच के होते हैं और वह जवानी की दहलीज पर खड़े हुए होते हैं। उन्हें अच्छा बुरा समझने का ज्ञान नहीं रहता। वह यह सब आज के समय की मांग समझते हैं और जो इससे दूर रहते हैं उन्हें बैकवर्ड यूथ से भी संबोधित करते हैं। इसी बात का फायदा तथाकथित समाजसेवी उठाते हैं हालांकि पुलिस कप्तान व्यक्तिगत रूप से नशे के खिलाफ है और शासन-प्रशासन की भी यही मंशा है कि हर हाल में नशा पार्टी पर रोक लगे ताकि युवाओं का भविष्य अंधेरे के घर में ना जाए ऐसी अपने मातहतों को इसके लिए सख्त निर्देश जारी किए कि किसी भी सूरत में नशा पार्टी का आयोजन नहीं ना हो चाहे वह किसी भी नाम से हो।
कोकीन के लिए ब्याज पर पैसा
ड्रग मामले में गिरफ्तार हर्षवर्धन और लखप्रीत कौर कोकीन की खपत बढ़ाने के लिए रइसजादों को फांसते थेे और उन्हें उधार देकर कोकीन के नशे का आदी बनाते थे। कोकीन सप्लाई के मामले में अब तक 18 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है और मौदहापारा के दो फरार ड्रग पैडलरों की तलाश की जा रही है। इनकी गिरफ्तारी से और कई नाम सामने आ सकते हैं। तफ्तीश में यह साफ हुआ कि रायपुर में पिछले दो साल से दिल्ली, मुंबई, गोवा से नाइजीरियन गिरोह से कोकीन खरीदकर यहां लाया जाता था। नागपुर का एक ड्रग पैडलर पांच से अधिक बार यहां आकर कोकीन की सप्लाई कर चुका है। प्रदेश में रायपुर समेत दुर्ग, भिलाई के बड़े होटलों, क्लबों, पब आदि में आयोजित पार्टियों में कोकीन की लत लगाने के लिए नए युवक-युवतियों को समाजसेवी का बेटा हर्षवर्धन शर्मा दस फीसद ब्याज पर पैसा भी देता था। पुलिस की तफ्तीश में यह बात सामने आई है कि हर्षवर्धन की भिलाई की महिला मित्र लखप्रीत कौर पार्टियों में शामिल होकर ऐसे लोगों को चुनती थी जो नए हों। उनको मुफ्त में कोकीन का पहला डोज देकर लत की शिकार बना देती थी। फिर नशे का महंगा शौक पूरा करने के लिए हर्षवर्धन से ब्याज में पैसा भी दिलवाती थी। यही नहीं, पैसा वसूलने के लिए युवक- युवतियों से घर के जेवर आदि ले लेते थे। इधर गुरुवार को दोनों को कोर्ट में पेशकर जेल भेज दिया गया।
200 से अधिक कोकीन के शिकार
पुलिस ने 200 से अधिक ऐसे लोगों को शार्ट लिस्ट किया है, जो कोकीन लेने के आदी हैं। ये सभी बड़े घरों के युवक, युवतियों के अलावा उनके दोस्त, परिचित, रिश्तेदार हैं। महीने भर में आधा किलो से लेकर एक किलो तक कोकीन की खपत अकेले रायपुर में होने की जानकारी गिरफ्त में आए नाइजीरियन ने दी थी।
पार्टियों में नशे का डोज
होटल, पब में होने वाली पार्टियों में कारोबारी, नेता, ठेकेदार, रसूखदारों के बेटे-बेटियां दोस्तों के साथ शामिल होते थे। एक-दूसरे को कोड नेम से बुलाकर बाथरूम की ओर चलने का इशारा करते थे। दो-तीन की संख्या में बाथरूम में जाकर कोकीन का डोज लेते थे। पुलिस अफसरों का कहना है कि महानगरों की तरह राजधानी का युवा वर्ग भी नशे के डोज में ढल रहा है।
- रायपुर पुलिस ड्रग्स सप्लाई के नेटवर्क को तोडऩे के लिए लगातार कार्रवाई कर रही है। इस कारोबार से जुड़े अधिकांश लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। कुछ और बचे हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
- अजय यादव, एसएसपी रायपुर