बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक आरक्षक के खिलाफ पुलिस अधीक्षक जांजगीर के आदेश पर की जा रही विभागीय जांच पर रोक लगा दी है। जांजगीर चांपा के आरक्षक ईश्वर प्रसाद लहरे ने हाईकोर्ट में अधिवक्ता अभिषेक पांडेय व घनश्याम शर्मा के माध्यम से एक रिट याचिका दायर कर कहा कि उसके विरुद्ध एक आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया था।
यह प्रकरण मजिस्ट्रेट के समक्ष विचाराधीन है। अपराध दर्ज होने के बाद उसे पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया और विभागीय जांच का आदेश दिया। विभागीय जांच पर आपत्ति करते हुए आरक्षक की ओर से सुप्रीम कोर्ट के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया विरुद्ध नीलम नाग एवं अन्य के फैसले का उदाहरण देकर कहा गया कि यदि किसी शासकीय कर्मचारी के विरुद्ध अपराध दर्ज किया गया है तो उसी आरोप में उसके विरुद्ध विभागीय जांच नहीं की जा सकती। दोनों ही जांच में अभियोजन एवं साक्षी समान हैं। विभागीय जांच उसके विरुद्ध पूर्वाग्रहग्रस्त हो सकती है। यह प्राकृतिक न्याय के विरुद्ध भी होगा। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद विभागीय जांच के आदेश पर रोक लगा दी है।