लापता नाबालिगों का पुलिस ने किया रेस्क्यू, शोषण के आरोपियों को भेजा जेल
छग
रायगढ़। एसपी दिव्यांग पटेल के मार्गदर्शन पर कोतरारोड़ पुलिस ने दो अलग-अलग मामलों में लापता नाबालिग बालिकाओं को दस्तयाब कर उनके शोषण के आरोप में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार कर रिमांड पर भेज दिया है।
पहला मामला 31 दिसंबर 2023 को सामने आया था, जब 24 दिसंबर को एक किशोर बालिका के लापता होने की शिकायत उसके परिजनों ने थाना कोतरारोड़ में दर्ज कराई थी। इस पर पुलिस ने गुमशुदगी और अप.क्र. 595/23 धारा 363 भा.दं.वि. के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के दौरान 6 फरवरी 2025 को पुलिस ने लापता बालिका को आरोपी अरुण माझी (27), निवासी थाना कोतरारोड़ क्षेत्र के पास से बरामद किया। बालिका के बयान और मेडिकल परीक्षण के बाद खुलासा हुआ कि अरुण माझी ने उसे नाबालिग होने के बावजूद शादी का झांसा देकर बहला-फुसलाकर भगाया और लगातार शारीरिक शोषण करता रहा। इस पर पुलिस ने प्रकरण में धारा 366, 376 भा.दं.वि. और पॉक्सो एक्ट की धाराएं जोड़ते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और रिमांड पर भेज दिया।
दूसरा मामला 28 जनवरी 2025 को दर्ज हुआ था, जब एक नाबालिग बालिका के परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाना कोतरारोड़ में दर्ज कराई। परिजनों ने बताया कि बालिका 27 जनवरी को स्कूल के लिए निकली थी, लेकिन घर नहीं लौटी। तमाम प्रयासों के बावजूद उसका कोई सुराग नहीं मिला। पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ गुम इंसान और अप.क्र. 41/25 धारा 137 (2) BNS के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की। विवेचना में पुलिस ने नाबालिग बालिका को उसके ही गांव से बरामद किया, जहां उसे आरोपी विज्जू उर्फ विजय जोंगडे (24) ने नाबालिग होने के बावजूद शादी का प्रलोभन देकर बहलाया और भगाकर ले गया था। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी ने बालिका का शारीरिक शोषण किया। इस पर पुलिस ने धारा 65 (1), 87 BNS और पॉक्सो एक्ट की धाराएं जोड़ते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर रिमांड पर भेज दिया।