बिलासपुर। पुलिस भर्ती में ऊंचाई कम होने की वजह से अयोग्य घोषित किए जाने पर उम्मीदवार ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उम्मीदवार की दलालों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने चीफ मेडिकल ऑफिसर के सामने पेश होकर फिर से लंबाई की जांच कराने का आदेश दिया. जांच में याचिकाकर्ता की लंबाई 168 सेमी से अधिक पाते हुए उसे भर्ती के योग्य घोषित किया गया.
जानकारी के अनुसार, राज्य में सूबेदार, सब इन्सपेक्टर एवं प्लाटून कमाण्डर के रिक्त 975 पदों पर भर्ती के लिए सितम्बर 2021 में विज्ञापन जारी किया गया था. भर्ती परीक्षा में पुरुष उम्मीदवारों की न्यूनतम ऊंचाई 168 सेमी निर्धारित की गई थी. जांजगीर-चाम्पा जिला के जैजैपुर तहसील के ग्राम जमड़ी निवासी लकेश कुमार द्वारा उक्त भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन किया था, लेकिन शारीरिक नापजोख के दौरान उंचाई 168 सेमी से कम होने की बात कहते हुए भर्ती कमेटी ने उसे अयोग्य घोषित कर दिया.
भर्ती कमेटी के फैसले से क्षुब्ध होकर लकेश कुमार ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं घनश्याम शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की. अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और घनश्याम शर्मा ने हाईकोर्ट के समक्ष तर्क दिया कि पूर्व में वर्ष 2018 में आवेदक ने जिला पुलिस बल, सशस्त्र बल और पुलिस दूरसंचार बल की भर्ती परीक्षा में शामिल हुआ था. तीनों भर्ती परीक्षाओं में आईपीएस अधिकारी की कमेटी ने ऊंचाई 168 सेमी से अधिक होने पर याचिकाकर्ता को नापजोख परीक्षा में पास किया था. ऐसे में चार वर्ष बाद उसकी उंचाई कैसे कम हो सकती है.
हाई कोर्ट ने रिट याचिका को स्वीकार करते हुए छत्तीसगढ़ पुलिस कार्यपालिक (अराजपत्रित) सेवा भर्ती नियम, 2021 के नियम 6 उप नियम 10 के तहत् याचिकाकर्ता को पुनः चीफ मेडिकल ऑफिसर के समक्ष उपस्थित होकर पुनः लंबाई की जांच करने का आदेश दिया. याचिकाकर्ता 15 जुलाई 2022 को भर्ती कमेटी के साथ चीफ मेडिकल ऑफिसर, बिलासपुर के समक्ष उपस्थित हुआ. उनके द्वारा जांच के पश्चात लंबाई 168 सेमी से अधिक पाते हुए याचिकाकर्ता को भर्ती परीक्षा के योग्य घोषित किया गया.