चलती शादी के बीच पुलिस ने मारी रेड, फिर...

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Update: 2023-02-24 17:54 GMT
गरियाबंद। जिले के देवभोग विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम सरगीगुड़ा में एक बाल विवाह होने की तैयारी चल रही थी। विगत 22 फरवरी 2023 को जिला बाल संरक्षण इकाई (मबावि) एवं चाईल्ड लाईन की संयुक्त टीम द्वारा घटना स्थल पर पहुंच कर बालिका की आयु संबंधी दस्तावेज दाखिल खारिज के आधार पर बालिका की आयु सत्यापन किया गया। जिसमें उसकी आयु 17 वर्ष 10 माह 12 दिन होना पाया गया। बालिका का विवाह 24 फरवरी 2023 को तय किया गया था। जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम के अधिकारियों ने बताया कि विवाह के लिये बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार बालिका की आयु 18 वर्ष एवं लड़के की आयु 21 वर्ष पूर्ण होना अनिवार्य है।
निर्धारित आयु से कम आयु में महिला/पुरूष का विवाह करने या करवाने की स्थिति में सम्मिलित व सहयोगी सभी लोग अपराध की श्रेणी में आते है। जिन्हें 02 वर्ष तक का कठोर कारावास एवं 01 लाख रूपये का जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किये जाने का प्रावधान है। जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम द्वारा अग्रिम कार्यवाही करते हुए बालिका के माता-पिता व परिवार वालों एवं ग्रामीणजनों को समझाईश दिया कि बालिका की आयु 18 वर्ष पूर्ण होने पश्चात् ही विवाह करें। सभी लोग बाल विवाह रोकथाम टीम की समझाईश पर सहमति जताई। टीम द्वारा उपस्थित ग्रामीण जनों से आग्रह किया कि निर्धारित आयु सीमा के पश्चात् ही विवाह करें। जिससे बालक-बालिका के शिक्षा, स्वास्थ्य, कुपोषण, परिवार नियोजन आदि में बेहतर सुधार में योगदान दिया जा सके। अभियान में जिला बाल संरक्षण अधिकारी अनिल द्विवेदी के निगरानी में सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल सिंह कंवर एवं चाईल्ड लाईन 1098 से टीम मेम्बर नंदकुमार नायक एवं देवभोग पुलिस बल शामिल थे।
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