चेक क्लोनिंग मामले में पुलिस का खुलासा, 4 और आरोपी गिरफ्तार

Update: 2022-05-20 12:21 GMT

कोरिया। कोरिया पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है. चेक क्लोनिंग कर कलेक्ट्रेट कार्यालय के नजारत शाखा से पैसा निकालने वाले चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मामले में अब तक 11 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं, वहीं 2 आरोपी अभी भी फरार हैं.

जानकारी के अनुसार, कलेक्ट्रेट के नजारत शाखा से 21 चेक को क्लोनिंग कर 1 करोड़ 29 लॉख का आहरण किया था. महाराष्ट्र और हरियाणा के रहने वाले आरोपी मुम्बई, दिल्ली, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यो में ठगी को अंजाम दे चुके हैं. आरोपियों के पास से 2 कार, एटीएम समेत 2 लाख 60 हज़ार नगद बरामद किया गया है. आरोपी वर्ष 2011 में मुम्बई स्थित बालाजी जी टेलीफिल्म्स के 3 करोड़ रुपए आहरण के मामले में सम्मिलित थे. वहीं राजस्थान में 20 लाख, लखनऊ में 62 लाख व गुजरात मे 9 लाख का फर्जी चेक लगाकर खातों से पैसों का आहरण किया था.

मामले में चरचा थाना में धारा-420, 467, 468, 471, 34 भादवि के तहत मामला दर्ज किया गया था. प्रकरण के मुख्य चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें नालासोपारा, पालघर, महाराष्ट्र निवासी ओमप्रकाश श्रीवास्तव पिता अनिल कुमार श्रीवास्तव (40 वर्ष), मुंबई निवासी जाकिर सफी शेख पिता सफी शेख (40 वर्ष), हिसार, हरियाणा निवासी शुभम तनेजा पिता सुरेन्द्र तनेजा (28 वर्ष) और गुड़गांव, हरियाणा निवासी सैन्की उर्फ योगेश धरानी पिता रोशन लाल धरानी (33 वर्ष) शामिल हैं.

जानकारी के अनुसार, कोरिया जिले में पदस्थ संयुक्त कलेक्टर अनिल कुमार सिदार ने 13 अप्रैल 2022 को थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 22 मार्च 2022 से 13 अप्रैल 2022 के मध्य कलेक्टर कार्यालय कोरिया के नाजारत शाखा के लगभग 21 चेकों को क्लोनिंग कर अलग-अलग राशि का चेक मुम्बई स्थित विभिन्न बैंक के ब्रांच में कोर बैकिंग के द्वारा चेक क्लीयरिंग कराकर लगभग एक करोड़ उन्नतीस लाख रुपए कूट रचना कर आहरण कर लिया गया है.

प्रकरण की विवेचना में पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल कुमार ठाकुर के निर्देशन व एएसपी मधुलिका सिंह व डीएसपी नेल्शन कजूर के मार्गदर्शन में टीम गठित कर तत्काल दिल्ली, मुम्बई तथा पटना बिहार के लिए रवाना किया गया. जांच में पता चला कि ओमप्रकाश श्रीवास्तव, सचिन शिरोडकर, जयप्रकाश यादव, हिमांशु तनेजा, शुभम तनेजा, सैन्की, जाकिर सफी शेख फर्जी खाता धारक दीवान सिंह पारते, मुम्बई का अतीश गायकवाड, आदित्य गायकवाड, तुषार प्रकाश सालवे, अजमत ताज, और उसकी पत्नी नगमी परवीन, मो.आरिफ, मो. नईम सभी मिलकर फर्जी चेक बनाकर उससे पैसा निकालने का काम शुरू किए.

पूरे प्रकरण में ओमप्रकाश श्रीवास्तव, सचिन तथा जयप्रकाश यादव इंटरनेट, सोशल मीडिया के माध्यम से देश के बड़ें-बड़े फर्म, शासकीय कार्यालय का चेक निकालते थे. सचिन कम्प्यूटर में फर्जी चेक, फर्जी हस्ताक्षर और फर्जी सील तैयार करता था, उक्त चेक लगने वाले खातों की जानकारी ओमप्रकाश श्रीवास्तव, जय प्रकाश यादव निकालता था. चेक तैयार कर जाकिर सफी शेख मुम्बई के विभिन्न बैंक के ब्राचों में जाकर चेक के सम्बन्ध में रकम पता कर बैकों में चेक लगाता था.

फर्जी चेक से पैसा हस्तांतरण करने के लिए हिमांशु तनेजा, सैन्की उर्फ योगेश धरानी, शुभम तनेजा दीवान सिंह पारतें मिलकर गुडगांव में करीब दस-पन्द्रह अलग-अलग बैंकों में दीवान सिंह पारते के नाम से खाता खुलवाया तथा गुड़गांव में ही अक्षर पवेलियिन सीएचएसएल नाम से एक पेन्ट का दुकान खोले. तथा इसी के मुम्बई के अतीश गायकवाड़, आदित्य नन्दु गायकवाड तथा तुषार सालवे द्वारा भी अतीश के नाम से खुला हुआ खाता को फर्जी चेक के पैसा आहरण करने के लिए उपयोग में लाने लगे. यह पैसा निकालकर आपस में अपना अपना हिस्सा लेते थे. पूर्व में पुलिस टीम ने आरोपी अतीश सुभाष गायकवाड, आदित्य नन्दू गायकवाड़, दीवान सिंह पारते, मो. आरिफ, मो. नईम, अजमत ताज उसकी पत्नी नगमी परवीन को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया है. जिसके बाद अब चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. प्रकरण में दो फरार आरोपी की गिरफ्तारी किया जाना शेष है.


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