Gariaband. गरियाबंद। जिले के उदंती सीतानदी अभ्यारण्य क्षेत्र के आरसीकन्हार रेंज में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक हाथी का शावक पोटाश बम से घायल हो गया। बताया जा रहा है कि यह बम जंगली जानवरों के शिकार के लिए जंगल में रखा गया था। घायल शावक का खून कई जगह बिखरा मिला है। अभ्यारण्य प्रशासन ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए नगरी थाने में एफआईआर दर्ज कराने के लिए पत्र भेजा है। जानकारी के मुताबिक, बीते 7 नवंबर को एक मुखबिर ने रिसगांव क्षेत्राधिकारी को टाइगर रिज़र्व के सीतानदी क्षेत्र के सातलोर बीट में खून बिखरा होने की जानकारी दी थी। इसके बाद क्षेत्राधिकारी अपने स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की। इस दौरान टीम को पोटाश बम का टुकड़ा मिला। अगले दिन एंटी पोचिंग टीम द्वारा मौके का मुआयना किया गया और स्टाफ के साथ मिलकर 6 किलोमीटर तक खून के धब्बे के साथ पगमार्क ट्रेस किए। मौके की जांच के बाद टीम ने आशंका जताई कि बम विस्फोट से हाथियों का दल छोटे-छोटे चार दलों में बंट गया होगा और इसी दौरान दोनों हाथी झुंड से अलग हो गए होंगे। उदंती सीतानदी
इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए सीसीएफ वाइल्डलाइफ सतोविषा समाजदार, जंगल सफारी के डॉक्टर राकेश वर्मा ने डॉग स्क्वाड और ड्रोन की मदद से तीन दिनों तक लगातार घायल हाथी की तलाश की, जो आज खत्म हुई। वन अमले ने आज ड्रोन से करीब जाकर देखा तो एक 5 से 6 साल के शावक का जबड़ा सूजा हुआ दिखाई दिया और पैर में चोट के निशान दिखे। इसके बाद से लगातार थर्मल ड्रोन की मदद से स्थिति का सटीक अवलोकन किया जा रहा है। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक कल सुबह डॉक्टर्स की टीम द्वारा के शावक का इलाज शुरू किया जाएगा। घायल हाथी के मामले में वन विभाग ने पोटाश बम लगाने वाले व्यक्ति की सूचना देने पर 10,000 रुपए के इनाम की घोषणा की है। इस काम में डॉग स्क्वाड का भी सहारा लिया जा रहा है, जिससे अपराधियों का सुराग मिल सके। इस घटना की शिकायत पुलिस थाने में भी दर्ज कराई गई है। इस कठिन बचाव कार्य में एसडीओ गोपाल कश्यप, ड्रोन ऑपरेटर मनीष राजपूत, अभिनंदन तिवारी, क्षेत्राधिकारी शैलेश बघेल, प्रतिभा मेश्राम, नरेश नाग और बीट गार्ड राहुल राजपूत, रूपेंद्र मरकाम, विनय पटेल तथा समस्त स्टाफ ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हाथी