पीएमओ का निर्देश कूड़े में, अधिकारियों के खिलाफ अब तक नहीं हुई जांच

Update: 2024-09-30 05:53 GMT

कांग्रेस शासन में ननकीराम कंवर ने की थी शिकायत

तत्कालीन सूरजपूर कलेक्टर इफ्तआरा पर आरोप

पूनर्वास पट्टे को नियम विरुद्ध तरीके से बिक्री की दी अनुमति

भूपेश सरकार की पोल पे पोल खोलने की तैयारी

रायपुर (जसेरि) raipur news। पूर्व गृह एवं सहकारिता मंत्री ननकीराम कंवर एक जिम्मेदार और सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं करने वाले राजनेता हैं। सत्ता में रहे हो या विपक्ष में जनहित में हमेशा आवाज बुलंद करते रहे है। उन्होंने सुरजपुर में पट्टे की जमीन को लेकर पिछले दो साल से मोर्चा खोल रखा है। जब उनके शिकायतों को कांग्रेस सरकार के दौरान राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों ने अनदेखी की तो उन्होंने सीधे पीएमओ को पत्र लिखकर संबंधित अधिकारी को तत्काल निलंबित करने की मांग की थी। शिकायत पर पीएमओ ने राज्य सरकार को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया था लेकिन जब पीएमओ के निर्देश को भी राज्य सरकार के ब्यूरोक्रेट ने कूड़े में डाल दिया तो उन्होंने फिर से प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर पूरे मामले की केन्द्रीय एजेंसी से जांच कराने की मांग की है। chhattisgarh news

ननकीराम कंवर ने पीएमओ के लिखे पत्र में शिकायत की है कि सुरजपुर के तत्कालीन कलेक्टर इफ्तआरा जो राज्य प्रशासनिक अधिकारी से प्रमोटिव आईएएस हैं ने पुनर्वास पट्टे की भूमि को निय़म विरूद्ध गलत तरीके से कमीशनखोरी करने की नियत से अपने पद का दुरुपयोग करते हुुए बिक्री करने की अनुमति दी जिसमें करोड़ों रुपए का लेनदेन हुआ है। इफ्तआरा के भ्रष्टाचार मामले की फेहरिस्त बहुत लंबी है। जिन-जिन स्थानों पर पदस्थ रही वहां -वहां भ्रष्टाचार किया। शिकायत में बताया गया है कि जब ये सुरजपुर में कलेक्टर रही तब 31 लोगों को नियम विरूद्ध पुनर्वास पट्टा दी है उसकी वर्तमान में कीमत करोडो़ं रुपए है। जिन लोगों को भूमि आवंटित की है वो पूरी तरह नियम विरूद्ध अपने पद का दुरुपयोग करते हुए भूमि आवंटित की है। जिसमें करोड़ों का लेनदेन हुआ है। इनके कार्यकाल की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी के माध्यम से कराया जाना चाहिए तािक पुनर्वास पट्टा जमीन को नियमविरूद्ध बेचने की अनुमति देने का खुलासा हो सकता है। ननकीराम कंवर ने बताया कि ये 31 लोग है जो इफ्तआरा से आदेश से लाभांवित हुए है। लक्ष्मी देवी प्रति देवनाथ टोटल 5 डिसमिल। लक्ष्मीदेवी प्रति कृष्णा सरकार व अन्य के नाम टोटल 1.20 रकबा एवं 42 डिसमिल । पुष्पा प्रति अभिजीत सिंह व अन्य टोटल रकबा 11.08 , द.14 हे.। राजेंद्र प्रसाद साहू प्रति जय प्रकाश साहू टोटल 0.010 हे.। महादेवी साहू प्रति जय प्रकाश साहू टोटल 0.018 हे। उषारानी व अन्य प्रति अमित कुमार अग्रवाल टोटल 0.30 हे। अशोक प्रति रितेश अग्रवाल टोटल 0.106 हे। श्रीराम व अन्य प्रति रेणुका टोटल रकबा 0.38 हे। अखिलेश कुमार पांडेय प्रति सुरेंद्र कुमार चौधरी टोटल 0.027 हे। निशा गुन प्रति अमित कुमार अग्रवाल टोटल रकबा 0.72 हे। राजेंद्र राय प्रति निसांत अग्रवाल टोटल 0.41 हे। देवचंद साहू प्रति प्रदुमन कुमार ठाकुर टोटल 0.01 हे। संजय कुमार विश्वकर्मा प्रति अजय कुमार विस्वकर्मा टोटल 0.76 हे। शिवबालक प्रति गीता साहू टोटल रकबा 823.5वर्ग फीट में है। रामप्रसाद व अन्य प्रति सुमित कुमार मितत्ल टोटल रकबा 10.28 हे। कार्तिक विस्वास व अन्य प्रति जय भगवान टोटल 0.60 हे। बलराम शाल प्रति विवेक अग्रवाल टोटल रकबा 0.54 हे। दीपक देवनाथ व अन्य प्रति शैवी अग्रवाल टोटल 1.00 एकड़ में है । लक्ष्मीदेवी प्रति कृष्णा सरकार व अन्य टोटल रकबा 66 डिसमिल । सूरज विश्वास प्रति विकास अग्रवाल टोटल रकबा 0.44 हे। कार्तिक विश्वास प्रति अभिषेक नागदेव टोटल रकबा 1.30 एकड़ । इंद्रजीत वैध प्रति पवित्र खराती टोटल रकबा 0.40 हे। रंजित कुमार प्रति नीलम टोटल रकबा 0.12 हे। पंचानन विश्वास व अन्य प्रति आदित्य सिंह टोटल रकबा 0.204 हे। राधा रानी प्रति गायत्री देवी व अन्य टोटल रकबा 1.50 एकड़ । सुधा गोयल प्रति राहुल गर्ग टोटल 0.007, 0.21, 0.12 हे । गनपत प्रति संस्कार गोयल टोटल रकबा 0.14 हे।

इस संबंध में पूर्व में शिकायत की गई थी, जिस पर मिनिस्ट्री आफ पर्सनल पब्लिक ग्रेवेंस एंड पेंशन डिपार्टमेंट आफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग के रूपेश कुमार अंडर सेक्रेटरी गवर्नमेंट आफ इंडिया के द्वारा 2 मई 2024 को मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन को कार्यवाही के लिए पत्र भेजा गया था। इतनी गंभीर शिकायत पर मुख्य सचिव के व्दारा आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। उन्होने अपनी शिकायत के साथ पत्र की छायाप्रति भी संलग्न किया है। ननकीराम कंवर ने अनुरोध किया है कि इफ्तआरा आईएएस के द्वारा सूरजपुर कलेक्टर रहते पट्टे को नियमविरूद्ध तरीके से भू-माफियाओ के साथ मिलकर करोड़ों की कमीशन खोरी करते हुए बिक्री की अनुमित दी गई इनके द्वारा विभिन्न स्थानों में अपने पदस्थी काल में पद का दुरुपयोग करते हुए भारी भ्रष्टाचार किया गया. ये वर्तमान में संचालक आयुष के पद पर पदस्थ हैं जहां भी का भ्रष्टाचार की बड़ी शिकायतें मिल रही हैं। उन्होंने इस पूरे मामले की केन्द्रीय एजेंसी से जांच की मांग की है।

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