रायपुर। मुख्यमंत्री बघेल की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ में कटंग बांस के रोपण सहित बांस उद्योग को बढ़ावा देने विशेष पहल हो रही है। इसके तहत वन विभाग द्वारा तैयार की जा रही कार्ययोजना अंतर्गत लगभग दो लाख एकड़ में कटंग बांस के रोपण से इसकी शुरूआत होगी। मुख्यमंत्री बघेल की अध्यक्षता में सोमवार शाम उनके निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में वन विभाग द्वारा बांस रोपण और उपयोगिता के संबंध में विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया गया। प्रस्तुतीकरण के दौरान बताया गया कि छत्तीसगढ़ में बांस रोपण और इसके उद्योग के लिए व्यापक संभावनाएं हैं। इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री बघेल के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ में बांस रोपण और इसके उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है। यह कार्ययोजना किसानों को समृद्ध बनाने और मौसम परिवर्तन के दुष्प्रभाव को कम करने सहित पर्यावरण सुधार में महत्वपूर्ण साबित होगी।
बैठक में वन विभाग द्वारा प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि बांस की खेती बहुत लाभदायक है। यह इमारती लकड़ी का एक बेहतर विकल्प भी है। मौजूदा समय में इसका व्यापक अंतर्राष्ट्रीय बाजार है और इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। बांस उद्योग कई तरह के रोजगार सृजित करने में सहायक है। इसके रोपण पर प्रायः एक ही बार खर्चा होता है और मौसम की मार से बेअसर होता है, इसलिए इसमें नुकसान की गुंजाइश न के बराबर होता है। यह जल संरक्षण और मृदा संरक्षण के लिए विशेष लाभकारी है। बांस का रोपण पर्यावरण के लिए लाभकारी, हरियाली बढ़ाने और तापमान संतुलन करने में भी सहायक है। बैठक में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर, संसदीय सचिव द्वय शिशुपाल सोरी एवं चंद्रदेव राय, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा और वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक व्ही. श्रीनिवास राव तथा विभागीय अधिकारी आलोक तिवारी, दिलराज प्रभाकर, मयंक अग्रवाल तथा बांस उद्यमी देबोपम मुखर्जी आदि उपस्थित थे।