महासमुंद। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को विश्व वानिकी दिवस पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का राज्यव्यापी शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का शुभारंभ बागबाहरा विकासखंड के ग्राम हाड़ाबंद में अतिथियों ने पौधरोपण कर किया। भूमि स्वामी दुर्गेश नंदन साहू एवं जयप्रभा साहू के एक-एक एकड़ जमीन पर 250-250 टिशु कल्चर (सागौन प्रजाति) का पौधरोपण किया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष उषा पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना किसानों को समृद्ध बनाने की योजना है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समाज के सभी वर्गो के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाकर उनके चेहरे पर मुस्कान लाना चाहते है। उन्होंने इस योजना की प्रशंसा की। कार्यक्रम में कृषक कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष महेन्द्र चंद्राकर, जिला वनोपज संघ के अध्यक्ष श्री प्रमोद चंद्राकर, स्काउट गाइड के जिलाध्यक्ष दाऊलाल चंद्राकर, सरपंच तोषराम साहू, पुलिस अधीक्षक महेन्द्र छवई सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विश्व वानिकी दिवस पर महत्वपूर्ण योजना का शुभारंभ किए है। यह योजना अगले पांच वर्षों में बहुत ज्यादा फायदा देने वाला है। उन्होंने योजना की पात्रता रखने वाले सभी लोगों को अपने पड़ती भूमि पर जिसका उपयोग फसल के लिए नहीं किया जा रहा है, उसमें इस योजना के तहत वृक्ष लगाकर स्वयं लाभ लें और दूसरों को भी प्रेरित करें। वनमण्डलाधिकारी पंकज राजपूत ने योजना का उद्देश्य, पात्रता, लाभ आदि की विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए कहा कि यह योजना शुद्ध पर्यावरण, ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के साथ ही आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
उन्होंने मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के बारे में बताया कि 5 एकड़ तक शत प्रतिशत अनुदान है। बेचने की जवाबदेही वन विभाग की होगी। इस योजना के तहत जिले के 27 हितग्राहियों के 30.640 एकड़ भूमि में विभिन्न प्रजातियों के कुल 9460 पौधों का रोपण इस वर्ष किया जाएगा। भूमि स्वामी व योजना के हितग्राही दुर्गेश नंदन साहू ने बताया कि उन्हें इस योजना के बारे में पता चलते ही उन्होंने तत्काल अपने दो एकड़ पड़त भूमि पर 500 सागौन के पौधे लगाने हेतु सहमति दे दी। उन्होंने कहा कि इस योजना से वास्तव में भूमि का उपयोग और आर्थिक लाभ होगा। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। इस अवसर पर शहीद महेंद्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक बीमा सुरक्षा योजना अंतर्गत 6 हितग्राहियों को प्रमाण पत्र तथा 181 हितग्राहियों के खाते में 2 करोड़ 78 लाख 95 हजार की राशि ऑनलाइन ट्रान्सफर किया गया। उल्लेखनीय है कि यह किसानों की निजी भूमि पर वृक्षारोपण कर ग्रामीणों की आय बढ़ाने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में ग्रीन कवर बढ़ाने की एक महत्वकांक्षी योजना है। इस योजना अंतर्गत समस्त वर्ग के सभी इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्द्ध शासकीय एवं शासन की स्वायत्त संस्थाऐं, निजी शिक्षण संस्थाऐं, निजी ट्रस्ट, गैर शासकीय संस्थाऐ, पंचायते तथा भूमि अनुबंध धारक इस योजना का लाभ ले सकते है। हितग्राही की निजी भूमि में 5 एकड़ तक रोपण हेतु 100 प्रतिशत तथा 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र में रोपण हेतु 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान शासन द्वारा हितग्राहियों को प्रदाय किया जाएगा। राज्य में इस योजना के माध्यम से प्रति वर्ष 36000 एकड़ के मान से कुल 5 वर्षों में 180000 एकड़ में 15 करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया है। शासन द्वारा चयनित वृक्ष प्रजातियों की खरीदी के लिए प्रतिवर्ष न्यूनतम क्रय मूल्य निर्धारित किया जाएगा, जिससे कृषकों को निश्चित आय प्राप्त हो सकें। वनक्षेत्र से बाहर लकड़ी के उत्पादन बढ़ने से काष्ठ आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही कार्बन क्रेडिट के माध्यम से भी कृषकों को अतिरिक्त आय प्राप्त होने का संभावना है। योजना अंतर्गत क्लोनल नीलगिरी, टिशू कल्चर बांस, सागौन, मालाबार नीम जैसे आर्थिक लाभ देने वाले पौधों का रोपण किया जाएगा।