अब नहीं दिखती मोहल्ले में नजर आने वाली गुलाबी गैंग

अपराधों को रोकने में बड़ी भूमिका निभा रही थीं महिलाएं

Update: 2021-02-27 05:27 GMT

नेहा यादव (प्रशिक्षु पत्रकार)

रायपुर। गांव, पंचायत, कस्बा को नसा मुक्त करने वाली बहुचर्चित गुलाबी गैंग जिसके धमक अच्छे-अच्छे नशेड़ी भर-भर कांपते थे, शाम होते ही गांव के गली-मोहल्ले में लकड़ी की ठक-ठक के साथ महिलाओं का समूह गांव को सुधारने की मुहिम में सक्रिय रहती थी, अब तो पूरे प्रदेश से गायब हो गई है जिसके परिणाम स्वरूप गांव से लेकर शहर तक शराब की नदिया बह रही है। अपराध बढऩे का मुख्य कारण भी यहीं शराब है, जो घरों घर पहुंच गई है। दूध वाले से पहले सुबह शराब के बंदी पहुंच जाती है। पूरा घर नशे में धुत है कहीं ही किसी का नियंत्रण नहीं है। भाजपा शासन काल में बीते पांच सालों तक बहुत चर्चित रहा था महिलाओं का गुलाबी गैंग जिसने गांव को नशा मुक्त कर दिया था। लेकिन अब सरकार बदलने के साथ गुलाबी गैंग विलुप्त हो गई । जबकि आज सबसे ज्यादा गुलाबी गैंग की जरूरत छत्तीसगढ़ में है। जो गांव-गली-मोहल्ले को नशे की लत से बचा सकता है। आज शहर में लोग इसे भूल चुके है। ये वही महिलाओं की गैंग है जो एक समय मोहल्लों में निकलती थी तो शराबियों और अड्डेबाज़ों के रोंगटे खड़े हो जाते थे।

क्या सच में नहीं मिली कोई मदद

गुलाबी गैंग की महिलाओं ने कहा कि उन्हें पुलिसकर्मियों से कोई सहायता नहीं मिली । इस मामले में पुलिसकर्मियों से बातचीत के दौरान पता चला कि पुलिसकर्मी गुलाबी गैंग की महिलाओं का पूरा सहयोग करते थे। उनके द्वारा कॉल करने पर तुरंत अपने पुलिस साथियों के साथ घटनास्थल पर पहुंच जाया करते थे,हर मामले पर तुरंत कार्यवाही करते थे। पर धीरे-धीरे गुलाबी गैंग की कुछ महिलाएं उन्हें मिले अधिकारों का गलत उपयोग करने लगी थी वो मनमानी करने लगी थी। कभी-कभी किसी जरुरी काम से रात को आने जाने वाले व्यक्ति को भी रोककर उनसे गलत व्यवहार करती थी। गुलाबी गैंग की कुछ महिलाओं ने लालच में आकर घूसखोरी भी करने लगी थी। पुलिसकर्मियों ने हमेशा उनकी मदद की क्योंकि गुलाबी गैंग की महिलाओं के कारण बहुत से अपराध काम हो गए कई हद तक खुलेआम नशेबाजी छेडख़ानी जैसी अपराध में कमी आयी थी उनके पुलिसकर्मियों की सहायता होती थी।

नहीं मिला कोई आर्थिक सहयोग

छत्तीसगढ़ ही नहीं में पूरे देश में गुलाबी गैंग अपराधों को कम करने में सक्षम थी, पुलिस भी उनके सूचना पर त्वरित कार्रवाई के लिए पहुंच जाती थी, पुलिस का आधा काम तो गुलाबी गैंग ही कर देती थी। जिससे नशेडिय़ों और अपराधियों में दहशत कायम था। गुलाबी गैंग ने महिलाओं के साथ हो रहे अपराध को पूरी तरह रोक दिया था। गुलाबी गैंग को सरकार के द्वारा डंडे व साडिय़ा खरीदती थी । साथ ही राष्ट्रीय त्योहर पर भी चंदा इकठा कर धूमधाम से मानती थी। नेतागण केवल आकर प्रोत्साहित करके चले जाते थे।

सुरक्षा को लेकर कोई इंतजाम नहीं

गुलाबी गैंग की महिलाएं जब एक साथ होती थी तब उन्हें किसी का डर नही होता था पर जब गैंग की महिलाए अकेली होती थी तो वो खुद को असुरक्षित महसूस करती थी। इनकी जान को खतरा रहता था। गुलाबी गैंग की महिलाओं ने बताया कि जब वे रात को डंडे लेकर निकलती थी, तब उन पर पत्थरों से हमला भी किया गया। कुछ बदमाशों ने उन्हें चोट पहुंचाने की कोशिश की पर पुलिस ने कोई कार्यवही नहीं की । साथ ही पुलिस प्रशासन ने इनकी सुरक्षा को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की अक्सर मन में डर भी रहता था कि कही कोई बादमाश जानलेवा हमला न कर दे। पुलिस भी कई बार समय पर नहीं पुहंचती थी तब मन में एक यह भी डर रहता था कि जिन लोगों को उन्होंने गलत काम करते हुए पकड़वाया वह उनके परिवार के किसी सदस्य को नुकसान भी पंहुचा सकते है। गुलाबी गैंग की महिलाओं ने पुलिसकर्मी से अपनी सुरक्षा के लिए निवेदन किया पर उनकी बातों को अनसुनी कर दी गई, जो महिलाए दूसरों की रक्षा के लिए आवाज़ उठती थी वह स्वयं ही सुरक्षित नहीं थी।

क्या दोबारा शुरू होगा महिलाओं का ये गैंग : गुलाबी गैंग ने केवल महिला सशक्तिकरण के लिए ही नहीं समाज के लिए भी बहुत काम किया। साथ ही समाज में बहुत बदलाव आया । अगर गुलाबी गैंग की कुछ महिलाओं का कहना है कि अगर जनता और परिवार का पूरा सहयोग मिले तो फिर से गुलाबी गैंग बनायेंगी फिर से रातों को हाथ में दंड लेकर अपराध के खिलाफ आवाज उठाएंगी जैसा वो पहले करती थी। दिनों दिन खुलेआम बढ़ती नशेबाज़ी और छेडख़ानी की समस्याओं को रोकने के लिए आम लोग और पुलिस भी चाहते है कि गुलाबी गैंग की महिलाएं फिर से अपनी गैंग तैयार करें।

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