रायपुर। बस्तर में औद्योगिक क्रांति का सूत्रपात नगरनार एनएमडीसी के स्टील प्लांट शुरू होने से किया जा रहा है। जल्द ही यह प्लांट अपना उत्पादन शुरू कर देगा। लेकिन इससे पहले ही इसके डीमर्जर की घोषणा ने स्थानीय लोगों को नाराज कर दिया है। प्लांट में काम करने वाले श्रमिक एवं भूमि प्रभावितों के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी एनएमडीसी के इस फैसले का विरोध किया है। लंबे समय से श्रमिक संगठन भी डीमर्जर की प्रक्रिया का विरोध करते हुए आरोप लगाते रहे हैं, कि केंद्र सरकार एनएमडीसी के इकलौते स्टील प्लांट को शुरू होने से पहले ही बेचने की तैयारी कर रही है।
यही वजह है कि इससे अलग से डिमरर्जर कर कंपनी बनाया जा रहा है। सेबी और शेयर होल्डर से सहमति के बाद अब नगरनार स्टील प्लांट राष्ट्रीय खनिज विकास निगम से अलग होकर एनएमडीसी स्टील प्लांट लिमिटेड के नाम से जाना जाएगा। करीब डेढ़ महीने पहले अगस्त में इस प्रक्रिया को मंजूरी मिल गई थी।
लेकिन आदेश हाल ही में जारी किया गया है। इससे पहले एनएमडीसी ने 2015 में स्टील प्लांट बनाने के लिए एनएमडीसी स्टील लिमिटेड कंपनी का गठन किया था। जोकि एनएमडीसी की ही सब्सिडरी कंपनी थी। पूरे देश में केवल बस्तर में ही एनएमडीसी ने स्टील प्लांट का निर्माण किया है। जिसे अब अलग कंपनी बनाया जा रहा है प्रबंधन का मानना है कि इससे स्टील प्लांट के विकास और कामकाज में ज्यादा बेहतर प्रबंधन किया जा सकेगा।