दुनियां में निराशा और अशांति मे लोग भटक रहे हैं, हमें उनके लिए बदलना है...

Update: 2023-01-01 10:10 GMT

भिलाई। नव वर्ष के आगमन में लक्ष्य और लक्षण समान हो, लक्ष्य तो हमारा 99 प्रतिशत याद रहता है, लेकिन लक्षण धारण नहीं हो पाते| लक्षण धारण करने के लिए निरहंकारी स्थिति आवश्यक है जो ओटे सो अर्जुन| उक्त उद्गार सेक्टर 7 स्थित अंतर्दिशा भवन के पीस ऑडिटोरियम में प्रातः राजयोग सत्र में वरिष्ट राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी प्राची दीदी ने नव वर्ष के आगमन पर एक जनवरी से प्रारम्भ स्व परिवर्तन हेतु 31 दिवसीय तपस्या कार्यक्रम "साइलेंस की गहराई" के अवसर पर कही. 

आपने स्व परिवर्तन के लिए बताया की बुद्धि का, गुणों का अभिमान और अहंकार सूक्ष्म में भी है तो स्व परिवर्तन मुश्किल है. प्लीज अटेंशन हमारा नेचुरल अटेंशन हो जाए. उदासी,अकेलापन,व्यर्थ संकल्पों का तूफान हमें लक्ष्य से हटा देता है, इससे बचने के लिए उमंग उत्साह, खुशियां हो हमारे जीवन में ऐसा संग करना है. 

आपने शिवानी दीदी के उदाहरण द्वारा बताया कि उन्होंने जीवन में प्रशंसा और मान स्वीकार नहीं किया, इसलिए आज तक असंख्य लोगों को समाधान देकर परमात्म कार्य के निम्मित बनी है. दूसरों में कमियों को देखना भी अहंकार का स्वरूप है, अहंकार का एक ही दरवाजा है "मैं" शब्द, मैं पन की स्मृति आए तो याद रखे, मुझे परमात्मा ने भेजा है देह धारण कर इस सृष्टि में पार्ट बजाने इस युक्ति से लक्ष्य और लक्षण एक समान हुआ ही पड़ा है.  आत्मिक स्वरुप ही निरअंहकारी स्थिति है| महानता की निशानी निर्माणता है, निर्माणता सहज निरअंहकारी बनाती है | वृत्ति,दृष्टि,वाणी,संबंध-संपर्क में भी निर्माणता हो. चांद में सारी रोशनी सूर्य की लेकिन महिमा चांद की होती है ऐसे ही मेरा कुछ भी नहीं सब प्रभु अमानत है. मन, बुद्धि को व्यर्थ की बातों से फ्री करना है समर्थ बनना है, बिल्कुल क्लीन, शुभ भावना, शुभकामनाएं की वृत्ति से सभी को क्षमा करो. 

दुनिया में निराशा और अशांति मे लोग भटक रहे हैं, उनके लिए हमें बदलना है| दूसरों को देखना बंद कर एकांत में अंतर्मुखी हो एक संकल्प में एकाग्र होकर तपस्या करनी है. डिवाइन ग्रुप के बच्चों द्वारा नव वर्ष के अवसर पर गुणों के गॉगल्स, खुल जा सिम सिम, नो 4 जी, 5 जी सिम ये है ईश्वरीय साथ का सिम, भगवान से दिल की बात करना है बहुत इजी, द नंबर यू ट्राईंग इज नेवर बिजी जैसे मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम से सभी को स्व परिवर्तन करने की प्रेरणाये दी गई. साथ ही विभिन्न स्कूलों में चल रहे "टच द लाइट प्रोग्राम" में उत्कर्ष छात्रों को सम्मानित किया गया तथा छात्रों ने अपने में मेडिटेशन से आए परिवर्तन को साझा किया। 

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