गौरेला पेंड्रा मरवाही। मालवाहक वैसे तो ज्यादातर सामान ले जाने के लिए होता, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में सवारियां ले जाने के लिए इस्तेमाल कर लिया जाता है। जिसका खामयाजा बाद में देखने को मिलता है। यहां पर बार-बार सड़क हादसे से कोई सबक लेता नजर नहीं आ रहा, जब कोई हादसा होता है तो इस पर बहस छिड़ जाती है। उसी वक्त कई तरह के नियमों की याद भी आने लगती है। कुछ समय बाद फिर से लोग इसी मालवाहक में अपनी यात्रा करने लगते है। मालवाहक वाहनों का उपयोग अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के द्वारा किया जाता हैं। इन्हें यदि किसी कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए दूसरे गांव जाना होता है तो ये पैसे बचाने के चक्कर में अधिकतर मालवाहनो का उपयोग करते है। नतीजा कई लोगों की मौत और कई हमेशा के लिए अपने अंगों को खो देना होता है। दर्दनाक हादसे लम्बे समय तक गहरे जख्म छोड़ जाते है। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ के गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में मालवाहक वाहनों में सवारियां ढोने का क्रम बंद नहीं हो रहा है।
आपको बता दें, दो दिन पहले एक मालवाहक वाहन पिकअप अमरकंटक से वापिस आते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। जिसमें कई लोग घायल हो गए थे। ये लोग मालवाहक वाहन पिकअप में सवार होकर मध्यप्रदेश के अमरकंटक से वापस अपने गांव अनूपपुर जिले के भेलवा जा रहे थे। यह हादसा होने के बाद शहर में भी इसकी चर्चा थी। लेकिन इसके बाद भी लोगों को अपने जान प्यारी नहीं है।
गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने के साथ-साथ यातायात सुरक्षा को लेकर जगह जगह कैमरा भी लगाए गए हैं। बावजूद इसके मालवाहक चालकों में पुलिस का खौफ नहीं है। मोटर व्हीकल एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत सिर्फ मालवाहक वाहनों को सामान ढोने के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है। इसमें सवारियां बैठाने पर पाबंदी है। इसके बावजूद इसके नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है।