बैठक में वीरेन्द्र नामदेव ने उपस्थित शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त वरिष्ठ नागरिकों को सम्बोधित करते हुये बताया कि मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) के तहत जब तक दोनों राज्य सरकारें सहमत नहीं हो तब तक दोनों राज्य अपने राज्य के पेंशनर्स को महंगाई राहत किस्तें नहीं दे सकते इसी अधिनियम के बहाने सहमति- असहमति का खेल खेलकर दोनों राज्यों में पेंशनर्स को परेशान किया जा रहा है।जबकि केन्द्र सरकार ने नवंबर 17 में एक अन्य आदेश द्वारा सहमति की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया है, परन्तु दोनों राज्य शासन ने इसे नजरअंदाज कर सहमति की प्रक्रिया को अपनाए हुए हैं। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार जानबूझकर वित्तीय संकट के बहाने बनाकर लगातार जुलाई 19 से महंगाई राहत में कटौती करते आ रही है और अब वह समय आ गया है कि सरकार बुजुर्गों के रोके गए समस्त रकम को बिना कटौती भुगतान करने का आदेश जारी कर न्याय करे।
इस बैठक में वरिष्ठ नागरिकों को रेल एवं हवाई यात्रा में छूट को पुनः शुरू करने, पेंशनर्स को पेंशन राशि पर आयकर में छूट, संसदीय समिति के द्वारा 65 साल की आयु से हर 5 साल में अतिरिक्त पेंशन की सिफारिश पर निर्णय करने,सभी राज्यों में सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण बोर्ड का गठन, राज्यों में केन्द्र के समान महँगाई भत्ता,कैशलेस इलाज और केंद्र के समान मेडिकल भत्ता, बस यात्रा में रियायत,वन रैंक वन पेंशन नियम सभी राज्यों में लागू करने,पेंशनर्स की मृत्यु पर दाह संस्कार हेतु परिजनों को दस हजार की सहायता, 3 वर्ष में एक बार पति पत्नी को एक साथ भारत भ्रमण हेतु आर्थिक सहायता देने की मांग की गई।