पेंशनर्स ने की 4% महंगाई राहत देने और धारा 49 को विलोपित करने की मांग

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Update: 2024-08-01 06:29 GMT

रायपुर raipur news । भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ रायपुर की मेरिन ड्राइव तेलीबांधा तालाब के निकट स्थित यूनियन ऑफिस में बैठक हुआ। बैठक में केन्द्र के समान 4% डीआर और मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 को विलोपित करने की मांग को लेकर आगामी 12 अगस्त को वित्तमंत्री ओ पी चौधरी के सरकारी आवास पर प्रदर्शन कर बंगले का घेराव करने का निर्णय लिया गया।बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने की। बैठक महासंघ के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष जे पी मिश्रा, महामंत्री अनिल गोलहानी, लोचन पांडेय, रायपुर जिला के अध्यक्ष आर जी बोहरे तथा अन्य पदाधिकारी क्रमशः बी एस दसमेर, अनिल पाठक, नरसिंग राम, ओ डी शर्मा, व्ही टी सत्यम, मालिक राम वर्मा, अनिल तिवारी, के जी विंसेंट, रामगोपाल श्रीवास्तव, नागेंद्र सिंह आदि उपस्थित थे। chhattisgarh

chhattisgarh news भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने बताया है कि विगत 23 वर्षों से लम्बित मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 को विलोपित कर राज्य की बुजुर्ग पेंशनरों को मध्यप्रदेश सरकार पर आर्थिक निर्भरता से मुक्ति दिलाने और जनवरी 24 से बकाया 4% महंगाई राहत प्रदान करने पर शीघ्र निर्णय लेने हेतु वित्त मंत्री से चर्चा हेतु निरंतर प्रयास करने पर भी बुजुर्ग पेंशनर प्रतिनिधि मंडल को समय नहीं दिया जा रहा है इसलिए मांगो पर वित्त मंत्री का ध्यान आकर्षण हेतु 12 अगस्त को घेराव का निर्णय लिया गया है।

जारी विज्ञप्ति में आगे बताया गया है कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 के तहत पेंशनरी दायित्वों का बंटवारा नही होने से हर आर्थिक भुगतान के लिये मध्यप्रदेश शासन से सहमति लेना अनिवार्य मजबूरी बना हुआ है, सम्प्रति पेंशनरो की महंगाई राहत की राशि की किस्त केंद्र में 50℅प्रतिशत हो गया है और यहां पेंशनरों को केवल 46℅ पर रोककर रखे हुए हैं. जबकि प्रदेश में ही भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और बिजली विभाग के अधिकारी कर्मचारी को राज्य के बजट से 50% महंगाई भत्ता का भुगतान किया जा रहा है। एक ही राज्य में दोहरी नीति राज्य के पेंशनरों के साथ घोर अन्याय है।देश के बहुतायत राज्य भी अपने राज्य में आदेश कर पेंशनरो को 50% के दर से भुगतान भी कर चुके हैं छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग सवा लाख से अधिक पेन्शनर और परिवार पेंशनर महंगाई से त्रस्त दोनों राज्य सरकारों के बीच सहमति असहमति के बीच पिसा जा रहा है।राज्य विभाजन के बाद से पेंशनरों को महंगाई राहत (डीआर) की किस्त देने के लिए वित्त विभाग छत्तीसगढ़ शासन को आदेश जारी करने हेतु मध्य प्रदेश राज्य पुर्नगठन अधिनियम 2000 के धारा 49(6) के परिपालन में दोनों राज्यों के बीच आपसी सहमति जरूरत होगी। जिसमें दोनों राज्यों के बीच 74:26 के अनुपात में बजट का आबंटन के बाद ही पेंशनर्स हेतु दोनों राज्यों में समान दर और समान तिथि से आदेश जारी होते हैं। जैसा कि हमेशा से होता आया है। इसलिए छत्तीसगढ़ सरकार को बिना देर किए मध्यप्रदेश शासन से सहमति हेतु पत्राचार करना चाहिए। मुख्यमंत्री को बताया गया कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ शासन के बीच पेंशनरी दायित्व के बंटवारे नहीं होने से मध्यप्रदेश सरकार को आर्थिक फायदा है,इसलिए मध्यप्रदेश शासन धारा 49 को वर्षो से जानबूझकर टालती आ रही हैं। पेंशनरी दायित्वों का बंटवारा नहीं होने से छत्तीसगढ़ शासन को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।इसे संज्ञान में लेकर जरूरी कार्यवाही करने पर बल दिया गया है।

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