जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के कलेक्टर स्वास्थ्य विभाग को संवारते हुए जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने का सतत प्रयास कर रहे हैं। लेकिन वहीं स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी इस प्रयास पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं।ऐसा ही एक मामला जशपुर जिला मुख्यालय में स्वास्थ्य अमले की बड़ी लापरवाही की सामने आई है। आंखों का इलाज कराने आए एक मरीज को 24 घंटे तक नेत्र विभाग के वार्ड में बंद कर रखा गया, जहां उसे खाना-पानी तक नसीब नहीं हुआ। गलती कहाँ हुई, चूक कहाँ हुई इसका पता खुद स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ लगा रहे हैं।
जिला अस्पताल में 12 करोड़ के भ्रष्टाचार मामले की आंच अब तक ठंडी नहीं हुई कि, स्वास्थ्य अमले की बड़ी लापरवाही ने मरीजों के प्रति स्वास्थ्य अमले की लापरवाही को उजागर कर के रख दिया है। जशपुर जिला मुख्यालय का जहां एक मरीज कल शाम आंख का इलाज कराने आया हुआ था। सीएमएचओ कार्यालय परिसर में स्थित नेत्र विभाग में उसने अपनी आंखों की जांच कराई। वह नेत्र विभाग के वार्ड भवन में सो गया। मरीज गहरी नींद में था उसे पता नहीँ चला कि, किसी ने उसे बंद कर दिया है। देर शाम होने के कारण जिम्मेदार कर्मचारी ने ताला लगाया और घर चला गया। सुबह झाड़ू पोंछा करने वाले कर्मचारी ने भी अपना काम निपटाया और ताला बंद करके चला गया। इधर कल रात से भूखे प्यासे नेत्र विभाग में मरीज बंद था। मामले की भनक जब मीडिया को हुई तो मौके पर जो दृश्य था वह असंवेदनशीलता का दूषित उदाहरण था। चेनल गेट पर ताला लगा था। मरीज भूखे प्यासे 24 घंटों से अंदर बंद था। उसे आस थी कि कोई आए और ताला खुलवाए। इधर मीडिया अपनी जिम्मेदारी निभा ही रही थी कि, सीएमएचओ स्वयं मौके पर पहुंच गए और जिम्मेदारों से सवाल जवाब करने लगे।