रायगढ़। पिछले माह 6 अप्रैल को थाना लैलूंगा अंतर्गत लोहडापानी लकरा टोकरी रोड के पास एक युवक का शव कच्ची सड़क किनारे पड़ा मिला था । मृतक की शिनाख्त टेकमणी पैंकरा पिता कुहूरू सिंगार उम्र 18 साल निवासी लोहडापानी गोठानडांड थाना लैलूंगा के रूप में हुआ था। घटना को लेकर मृतक के मामा अशोक कुमार पैंकरा ने मर्ग इंटिमेशन दर्ज कर बताया कि टेकमणी पैकरा (मृतक) कोतबा हॉस्टल में रहकर कक्षा ग्यारहवीं में पढ़ाई करता था। 5 अप्रैल को हॉस्टल से घर आया था और शाम 04-05 बजे करीब घर की मोटरसाइकिल लेकर घूमने निकला था । दूसरे दिन सुबह टेकमणी पैकरा की मां उसे खोजने निकली तो टेकमणी का शव माड़ो गुफा रास्ता मोड़ के पास सड़क किनारे पड़ा हुआ मिला उसके सिर और शरीर में चोट लगी हुई थी।
रिपोर्टकर्ता द्वारा मृतक के परिजनों के बताये अनुसार टेकमणी की मृत्यु मोटरसाइकिल से स्वयं गिरकर एक्सीडेंट होना बताया गया । घटना को लेकर मृतक के माता-पिता द्वारा भी टेकमणी की मृत्यु रोड एक्सीडेंट से होना बताए । घटना को लेकर थाना लैलूंगा में मर्ग पंचनामा कार्यवाही कर शव एवं घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया गया। मृतक के शरीर में आयी चोट, मौके पर पड़ी बाइक और शव की स्थिति संदेहास्पद प्रतीत हुआ, लैलूंगा पुलिस द्वारा प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए शीघ्र पीएम रिपोर्ट प्राप्त किया गया । पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर पीएमकर्ता डॉक्टर द्वारा मृतक की मृत्यु "हत्यात्मक" बताते हुए बताते हुए गला दबाने, दम घुटने तथा सिर में प्राणघातक चोट के कारण अत्यधिक रक्त स्राव से मृतक की मृत्यु होना बताया गया।
शव मिलने का स्थान तथा मृतक के घर की दूरी ज्यादा नहीं थी, थाना प्रभारी लैलूंगा उपनिरीक्षक रमाशंकर तिवारी एवं हमराह स्टाफ के साथ जांच पड़ताल में मृतक के घर गए । जहां मृतक के घर के आंगन में गोबर से लिपा-पोती और कई जगह जमीन की हल्की खुदाई (छिलाई) दिखा । परछी, चौखट, कोलाबाड़ी से लेकर घर के पीछे आमरोड़ की ओर श्रृख्लाबद्ध रूप से खून जैसे दाग पड़े दिखे । घटना जो सामान्य एक्सीडेंट बतायी जा रही थी उस पर जांच टीम को संदेह हुआ । मृतक के माता पिता ने बताया कि मुर्गे को काटे थे उसी का खून होगा। थाना प्रभारी द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री सदानंद कुमार को वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया जिनके मार्गदर्शन पर फॉरेंसिक विशेषज्ञों की टीम एवं जनप्रतिनिधि व गांव के प्रमुख व्यक्तियों को मृतक के घर पर बुलाया गया। फॉरेंसिक टीम द्वारा ब्लड के सैंपल कलेक्ट कर रासायनिक परीक्षण के लिए भेजा गया था । फॉरेंसिक रिपोर्ट में कलेक्ट किए गए रक्त को मानव रक्त बताया गया जिस पर पुलिस टीम को मृतक के घरवालों पर वारदात को अंजाम देने का संदेह हुआ । थाना प्रभारी लैलूंगा द्वारा एसडीओपी धरमजयगढ़ श्री दीपक मिश्रा के मार्गदर्शन पर सभी संदेहियों को हिरासत में लेकर कड़ी पूछताछ किया गया।
मृतक के माता-पिता जो प्रारंभ से उनके छोटे बेटे टेकमणी की मृत्यु को एक्सीडेंट बता रहे थे , उनकी भूमिका संदेहास्द पाया गया, साथ ही गवाहों से मिली और उसके बयान में भिन्नता थी। लैलूंगा पुलिस ने मृतक के माता-पिता को हिरासत में लेकर पीएम रिपोर्ट और फॉरेंसिक रिपोर्ट का हवाला देकर हिकमत अमली से पूछताछ करने पर दोनों हत्या की घटना स्वीकार कर बताए कि- घटना दिनांक 5 अप्रैल को टेकमणी हास्टल से घर आया था जो घर की मोटरसाइकिल को चलाने ले गया और काफी देर बाद घर लौटा जिसे उसकी मां आरोपिया करमवती पैंकरा ने पढ़ाई लिखाई करते नहीं हो केवल घूमा करते हो कहकर डांट डपट की, जिस पर टेकमणी अपनी मां से झगड़ा विवाद करने लगा । वहां मौजूद टेकमणी के पिता कुहूरू सिंगार ने भी बेटा को उसकी मां से झगड़ा विवाद करने पर डांटा तो दोनों पिता-पुत्र में विवाद हुआ । इसी बीच कुहूरू सिंगार डंडा उठाकर उसके बेटे टेकमणी को मारपीट किया जिसके सिर में आई चोट से टेकमणी वहीं गिरकर फौत हो गया जिसके बाद दोनों पति-पत्नी शव को बोरे में भरकर घर के पीछे कोलाबारी होते हुए मोटरसाइकिल में शव को लादकर लोहडापानी लकरा टोंगरी रोड मोड के पास फेंक आए थे जिससे घटना, रोड एक्सीडेंट लगे । घटना के बाद दोनों ने लकड़ी के डंडा और बोरा को आग में जलाकर राख भी नष्ट कर दिए तथा जमीन में गिरे खून के छिंटों को छुपाने के लिए लीपा पोती के साथ जमीन की हल्की खुदाई (छिलाई) कर दिये । घटना में आरोपियों के विरुद्ध पाए गए साक्ष्य के आधार पर आरोपी – (1) कुहूरू सिंगार पिता मसदी सिंगार उम्र 45 साल, (2) करमवती पैंकरा पति कुहुरू सिंगार उम्र 40 साल दोनों निवासी ग्राम लोहडापानी लैलूंगा रायगढ़ छत्तीसगढ़ को हत्या और साक्ष्य छिपाने के अपराध (धारा 302,201,34 IPC) में गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है । एडिशनल एसपी संजय महादेवा के उचित मार्गदर्शन एवं एसडीओपी धरमजयगढ़ दीपक मिश्रा के सुपर विजन पर घटना का खुलासा तथा आरोपियों की गिरफ्तारी में थाना प्रभारी लैलूंगा उपनिरीक्षक रमाशंकर तिवारी, सहायक उपनिरीक्षक चंदन सिंह नेताम, प्रधान आरक्षक सोमेश गोस्वामी, राम रतन भगत, भोखला राम, जय शरण चंद्रा, आरक्षक हेलारियुस तिर्की, कमलेश राठिया की विशेष भूमिका रही है।