राजधानी का डॉन शहर में चला रहा समानांतर सरकार

Update: 2021-08-20 04:58 GMT
  1. अपराधियों के हौसले बुलंद, सट्टा-जुआ-नशा के कारोबारी बेफिक्र
  2. नशे में डूबता रायपुर, उड़ता छत्तीसगढ़
  3. पुलिस तंत्र कमजोर, माफिया सक्रिय
  4. राजधानी में नशे का बड़ा नेटवर्क
  5. बड़े शहरों की तर्ज पर नशे के अड्डे
  6. छुटभैय्ये नेताओं का धंधेबाजों का संरक्षण

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी में रोजाना नशे का कारोबार चल रहा है, रवि साहू और आसिफ गैंग अपना सट्टा-जुआ, गांजा का कारोबार चलने के लिए रोज नए-नए तरीके का इस्तेमाल कर रहे है। नशे का व्यापार पूरे शहर भर में बढ़ते जा रहा है नशे के सौदागरों ने राजधानी को अपना गुलाम बना लिया है और युवाओं को अपना दलाल। ये वो दलाल है जो चंद रुपयों के लिए नशे के दलदल अपने साथ दूसरों को भी धकेल लेते है। आखिरकार नशा क्या शहर में युवाओं की जड़ो को काट रहा है? या फिर युवाओं में नशा सिर्फ पार्टियों के लिए बिकते जा रहा है। नशे के काले कारोबार की सच्चाई रोंगटे खड़े कर देती है। यह समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है। नशे को लेकर रायपुर निशाने पर तो था ही अब ऐसे मामले सामने आ रहे हैं कि पहले युवाओं को नशे का शिकार बनाया जाता है और फिर उनको ड्रग पैडलर बनाया जा रहा है।

डी-कंपनी की तर्ज पर रवि-आसिफ गैंग

राजधानी में रवि और आसिफ अब अपने करोबार को चलाने के लिए डी-कंपनी का तरीका अपनाने लगे है। रायपुर में नामी सट्टा किंग रवि साहू, और गांजा तस्कर आसिफ को पुलिस अब तक पकड़ नहीं पाई है। और ये दोनों अपराधी अपने धंधे को डी-कंपनी की तरह चलाते जा रहे है। पुलिस भी इस बात से बेखबर है और सबसे हैरान करने वाली बात तो ये है कि पुलिस इनके ठिकानों में छापा मारने जाते भी है तो रवि और आसिफ गैंग डी-कंपनी के जैसे काम करने लगे है। हर गलियों में अपने गुर्गे बिठाकर रखे हैं। लोगों को गांजा बेचने के लिए आसिफ अपने गुर्गों का इस्तेमाल करता है। और सट्टा खिलाने के लिए रवि अपने गुर्गों का। इन दोनों मास्टर माइंड अपराधियों तक पुलिस का पहुंच पाना मुश्किल है क्योंकि इन रवि और आसिफ गैंग डी-कंपनी के जैसे काम करने लगे प्राप्त है।

ठेको की जगह कालीबाड़ी में शराब पीते

रायपुर शहर के ठेकों में मासूम भी शराब के जाम गटक रहे हैं। यह सब दिन-दहाड़े और शहर के व्यस्त क्षेत्र में हो रहा है। शहर के प्रमुख स्थानों पर शराब के ठेकों की स्थिति यह है कि किसी भी उम्र का किशोर शराब की बोतल खरीदकर ले जा सकता है। शराब लेने के बाद कई किशोर तो इन दुकानों में अंदर बैठकर भी दीवार की ओट में शराब पीते हुए दिखाई देते है। शहर के बस डिपो, माना रोड, अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल सहित कई स्थानों किशोर शराब ले जाते हुए मिले।

देवेंद्र नगर में तीन किलो गांजे के साथ प$कडय़ा अंतरराज्यीय तस्कर

राजधानी के देवेंद्र नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक युवक को 3 किलो गांजे के साथ गिरफ्तार किया है। युवक बस स्टैण्ड पंडरी में यातायात थाना के सामने खड़े होकर अपने पास काले रंग के पि_ु बैंग में गांजा बेचने के ;लिए ग्राहक तलाश कर रहा है। सूचना को गंभीरता से लेते हुए देवेंद्र नगर टीआई ने मौके पर पेट्रोलिंग टीम को भेजकर युवक को गिरफ्तार कर थाना लाया गया। पुलिस ने जब युवक से पूछताछ किया तो उसने बताया कि उसका नाम अर्जुन कुमार वर्मा है जो चित्रकुट उत्तरप्रदेश का रहने वाला है उसने रायपुर में गांजा का नया कारोबार शुरू किया था। पुलिस ने आरोपी अर्जुन कुमार वर्मा के पास से 3 किलो गांजा जिसकी कीमती 21 हज़ार है और एक पुराण मोबाईल फोन जब्त किया है। मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी के नारकोटिक्स एक्ट की धारा 20 (क्च) के तहत अपराध दर्ज किया है।

डी-कंपनी की ब्रांच रायपुर से महासमुंद तक

राजधानी में रवि और आसिफ के गुर्गों ने मिलकर रायपुर को भी डी-कंपनी बना लिया है। रायपुर शहर बहुत बड़ा है इसलिए इस शहर में अपराध भी बहुत बड़े है। डी-कंपनी एक मोस्ट अंडरवल्र्ड डॉन के नाम से जानी जाती है लेकिन अब रायपुर के मशहूर गुंडे-दादा लोग इस कंपनी के कामकाज को अपनाने लगे है। रायपुर के कालीबाड़ी इलाके से लेकर महासमुंद तक फैला हुआ है।

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