पहाड़ी कोरवा, बिरहोर परिवारों को मिल रहा पक्का मकान

छग

Update: 2024-08-25 16:13 GMT
Jashpur. जशपुर। हर एक व्यक्ति का सपना होता है कि उनका अपना एक पक्का मकान हो, जिसे पूरा करने के लिए वह आजीवन परिश्रम करता है लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति के लिए स्वयं का पक्का मकान बना पाना एक सपने ही रह जाता है था। ऐसे में उस सपने को भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री आवास योजना एवं प्रधानमंत्री जनमन आवास के जरिये साकार किया जा रहा। ऐसी ही एक कहानी जशपुर जिले के जनपद पंचायत मनोरा के ग्राम पंचायत करदना (छतौरी) से है, जहां राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा जो ज्यादातर घने जंगलो में पेड़, पत्ते एवं छाल से झोपड़ी बनाकर निवास करते थे जिन्हें बरसात के मौसम में प्रतिवर्ष टपकते छत एवं सांप-बिच्छू की समस्या रहती थी। जिसके कारण उन्हें जीवन-यापन करना एक चुनौती थी। ऐसे में भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना एक वरदान साबित हुई है। जिसके तहत ग्राम पंचायत करदना में कुल 30 पहाड़ी कोरवा परिवार का सर्वे कर वर्तमान में 16 आवास का स्वीकृति प्रदान कर 12 आवास पूर्ण कर लिया गया एवं 4 आवास निर्माणाधीन है।


इन सभी हितग्राहियों को शासन की समस्त योजनाओं का लाभ दिलाने एवं मुख्यधारा से जोड़ने हेतु एक स्थान पर व्यवस्थित तरीके से व्यवस्थापन कर एक सुविधायुक्त कॉलोनी का निर्माण किया गया है। जिसमें प्रथम चरण में पीएम जनमन आवास का निर्माण किया जा रहा है एवं कॉलोनी में समस्त पहाड़ी कोरवा परिवारों हेतु व्यक्तिगत शौचालय, जीवन यापन हेतु सभी परिवारों को मुर्गी/बकरी शेड की स्वीकृति दी जा रही है। मुख्य मार्ग से कॉलोनी तक पहुंचने के सीसी रोड़ की स्वीकृती एवं कॉलोनी में सोलर स्ट्रीट लाईट, स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था किया जा रहा है। यहां उल्लेखनीय है कि देश में पहली बार इन विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए प्रधानमंत्री जनमन योजना बनाई गई है। यह योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुरू की थी। छत्तीसगढ़ में इस योजना पर तेजी से क्रियान्वयन हो रहा है। पीएम जनमन योजना की क्रियान्वयन से जशपुर जिले में रह रहे बिरहोर, पहाड़ी कोरवा लोगों को बुनियादी सुविधाओं का लाभ मिलना शुरू हो गया है। घास-फूस के घरों की जगह इन परिवारों को पक्के घर दिए जा रहे हैं। इन जनजाति समुदाय लोग अब अपने परिवार के साथ एक सुन्दर से पक्के घर में रह रहे हैं और यह सब संभव हुआ पीएम जन-मन योजना से।
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