ड्रग सप्लाई के लिए हाईटेक तरीका अपना रहे पैडलर्स

Update: 2021-01-15 06:37 GMT

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी में नशा कारोबार और राजधानी समेत दुर्ग, भिलाई के बड़े होटलों, क्लबों, पब आदि में आयोजित पार्टियों में कोकीन की लत लगाने के लिए युवक-युवतियों अब सोशल मीडिया को अपना अच्छा माध्यम मान रहे है। आएदिन वीआईपी रोड की होटलों और क्लबों में पार्टियां आयोजित हो रही है। आज भले ही रायपुर आधुनिकता और तकनीक के जरिए आगे बढ़ रहा हो लेकिन इससे ज्यादा युवा नशे की चपेट में आ रहे हैं। शहर के युवा धीरे-धीरे नींद के नशे के आदी होते जा रहे हैं। यहां के हाई-फाई क्लब से निकलकर ये नशा रायपुर की तंग गलियों तक पहुंच चुका है। युवा ही नहीं नाबालिग बच्चे भी इस नशे के ग्राहक बन गए हैं। राजधानी में बैखौफ नशा बेचा जा रहा है। विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि रायपुर में तंग गालियों के इलाके कहे जाने वाले लाखेनगर, खो-खो पारा, ईदगाहभाठा, कालीबाड़ी, नेहरू नगर, गाँधी नगर जैसे कई इलाके है जहां गांजे के अलावा दवाई के रूप में इस्तेमाल होने वाली नींद की गोलियां, इंजेक्शन आसानी से और सस्ते दाम में मिल जाते हैं।

नशा कारोबार में इसकी तलाश जारी : पुलिस सूत्रों ने बताया कि कोकीन सप्लाई के मामले में अब तक 18 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी हैे और मौदहापारा के दो फरार ड्रग पैडलरों की तलाश की जा रही है। इनकी गिरफ्तारी से और कई नाम सामने आ सकते हैं। तफ्तीश में यह साफ हुआ कि रायपुर में पिछले दो साल से दिल्ली, मुंबई, गोवा से नाइजीरियन गिरोह से कोकीन खरीदकर यहां लाया जाता था। नागपुर का एक ड्रग पैडलर पांच से अधिक बार यहां आकर कोकीन की सप्लाई कर चुका है। पुलिस उसे भी तलाश रही है।

बाथरूम में नशे का डोज

वीआईपी रोड के होटल, पब में होने वाली पार्टियों में कारोबारी, छुटभैय्या नेता, ठेकेदार, रसूखदारों के बेटे-बेटियां दोस्तों के साथ कई रईसजादे शामिल होते है। एक-दूसरे को कोड नेम से बुलाकर बाथरूम की ओर चलने का इशारा करते है। दो-तीन की संख्या में बाथरूम में जाकर कोकीन का डोज लिया जाता है। पुलिस अफसरों का कहना है कि महानगरों की तरह राजधानी का युवा वर्ग भी नशे के डोज में ढल गया है।

सूंघने वाले नशे के पदार्थ का उपयोग बढ़ रहा

रायपुर में सबसे बड़ी बात ये है कि 10 साल से लेकर 25 साल तक के युवाओं में सूंघने वाले नशे के पदार्थों का उपयोग किया जाता है। युवाओं में सस्ते नशे की वजह से मानसिक संतुलन पर काफी प्रभाव पड़ रहा है। रायपुर के अलग-अलग गली-मौहल्लों की बात करें तो उसमें लाखेनगर में इस स्तर के नशे में पांचवा स्थान है।

बाथरूम में नशे का डोज

वीआईपी रोड के होटल, पब में होने वाली पार्टियों में कारोबारी, छुटभैय्या नेता, ठेकेदार, रसूखदारों के बेटे-बेटियां दोस्तों के साथ कई रईसजादे शामिल होते है। एक-दूसरे को कोड नेम से बुलाकर बाथरूम की ओर चलने का इशारा करते है। दो-तीन की संख्या में बाथरूम में जाकर कोकीन का डोज लिया जाता है। पुलिस अफसरों का कहना है कि महानगरों की तरह राजधानी का युवा वर्ग भी नशे के डोज में ढल गया है।

सूंघने वाले नशे के पदार्थ का उपयोग बढ़ रहा

रायपुर में सबसे बड़ी बात ये है कि 10 साल से लेकर 25 साल तक के युवाओं में सूंघने वाले नशे के पदार्थों का उपयोग किया जाता है। युवाओं में सस्ते नशे की वजह से मानसिक संतुलन पर काफी प्रभाव पड़ रहा है। रायपुर के अलग-अलग गली-मौहल्लों की बात करें तो उसमें लाखेनगर में इस स्तर के नशे में पांचवा स्थान है।

नशे की तरफ युवा पीढ़ी बढ़ रही है तेजी से

नशे की तरफ युवा पीढ़ी इतनी तेजी से बढ़ रही है कि रायपुर से करीब हज़ारों से ज्यादा युवाओं की संख्या रात भर नशे की पार्टियां करती है। राजधानी के स्कूलों व कालेजों के के भी कई युवा नशे की चपेट में हैं। पुलिस नशे के सौदागरों के खिलाफ अभियान चला रही है। मगर फिर भी नशे की खेप रायपुर पहुंच रही है। जिस कारण नशे की तस्करी थम नहीं रही है। वीआईपी रोड तो नशे की तस्करी का अड्डा बन चुका है। इसके बाद भी पुलिस ने कई ड्रग्स तस्करों को सलाखों के पीछे भेजा है।

ऑर्डर मिलते ही होती है डिलीवरी

शहर में नशे का कारोबार हाईटेक तरीके से हो रहा है। नशे के कारोबार में लिप्त युवा शहर के युवा गली-चौराहों से ही अपने अवैध कारोबार को चलाते हैं। ये अपने साथ बाइक में ही नशे का सामान अपने साथ रखते हैं। ग्राहक का ऑर्डर आते ही उसके स्थान पर नशे की पुडिय़ा पहुंचा दी जाती है। नशे का कारोबार करने वाले युवा इस दौरान उन्हीं को सामान देते हैं जो उनके विश्वास पात्र होते हैं। वे अपने साथ बाइक में सिर्फ उतना ही सामान रखकर चलते हैं जितने का उन्हें ऑर्डर मिलता है।

नशाखोरी का सुरक्षित अड्डा बना

रायपुर भी अब बड़े शहरों की तर्ज पर नशाखोरी का अड्डा बनता जा रहा है। सबसे ज्यादा युवा वर्ग इसकी चपेट में है। रायपुर शहर में अफीम, चरस, गांजा, ड्रग्स, नशीले इंजेक्शन और टैबलेट समेत अन्य माध्यमों से नशा किया जा रहा है। नशे के मंहगे माध्यमों के लिए बड़ा नेटवर्क शहर में पांव पसार रहा है। जो भारी मात्रा में नशे की खेप शहर के अंदर पहुंचा रहा है।

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