बिलासपुर। हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि किसी मृत कर्मचारी की जगह उनकी विवाहित पुत्री को अनुकंपा नियुक्ति देने से इंकार नहीं किया जा सकता। एक प्रकरण में कोर्ट ने एसईसीएल को इस संबंध में आदेश जारी किया है। एसईसीएल में कार्यरत श्री गोपाल का निधन हो जाने के बाद उनकी पुत्री गिरिजा बाई ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए विभाग में आवेदन दिया। उनके आवेदन को यह कहते हुए निरस्त कर दिया गया कि उनका विवाह हो चुका है और अपने पिता पर आश्रित नहीं थीं।
इसके खिलाफ गिरिजा भाई ने हाईकोर्ट में अपने अधिवक्ता के माध्यम से याचिका दायर की। याचिका में कहा गया कि विवाहित हो जाने के आधार पर किसी व्यक्ति की पुत्री को अनुकंपा नियुक्ति से इनकार नहीं किया जा सकता। पूर्व में आशा पांडे के प्रकरण में भी हाईकोर्ट ने इस संबंध में आदेश दिया है। जस्टिस पी सेम कोसी की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एसईसीएल प्रबंधन को आदेश दिया है कि गिरिजा बाई को उसके पिता की जगह अनुकंपा नियुक्ति दे।