राजीव गांधी अन्याय योजना के नाम पर किसानों के साथ सिर्फ छल : बृजमोहन अग्रवाल
रायपुर। भाजपा विधायक एवं पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने किसानों के धान के कीमत पर ₹1000 प्रति एकड़ कटौती को किसानों के साथ अन्याय व छल बताते हुए कहां के यह योजना राजीव गांधी किसान अन्याय योजना हैं। जिसमें सिर्फ और सिर्फ किसानों के साथ छल कपट व अन्याय किया जा रहा है। 25 सौ रुपये में एक-एक दाना धान खरीदी की बात करने वाली सरकार पहले एक-एक दाना धान खरीदने के वादा से मुकरी अब ₹25 सौ रुपये क्विंटल की दर से धान का दाम देने से मुकर रही है।
अग्रवाल ने कहां की कांग्रेस ने किसानों को 25 सौ रुपया प्रति क्विंटल धान खरीदने का सब्जबाग दिखाकर वोट लिया था, पर चुनाव जीतते ही दाना-दाना धान खरीदने के वादे को15 क्विंटल प्रति एकड़ कर दिया। 25 सौ रुपये के बजाय किसानों से केंद्र सरकार द्वारा घोषित दर पर ही मोटा धान को 1868 रुपये व पतला धान को 1888 रुपये क्विंटल में ही खरीदा गया। शेष अंतर की की राशि के लिए एक राजीव गांधी किसान अन्याय योजना लाया गया जिसके तहत पिछले साल भी अंतिम किस्त में किसानों के प्रति एकड़ सौ रुपए प्रति एकड़ तक की कटौती की गई व इस बार किसानों को मिलने वाली राशि में से सीधे-सीधे 1000 रुपये प्रति एकड़ की कटौती की जा रही है, आखिर प्रदेश के किसानों के साथ ऐसा छल व लूट क्यों?
अग्रवाल ने कहा कि छल-कपट एवं किसानों के साथ अन्याय का कांग्रेस का इतिहास रहा है कांग्रेस जब विपक्ष में थी तब कांग्रेस पार्टी सदन से लेकर सड़क तक हल्ला करती थी कि प्रदेश के 45 लाख किसानों का धान भाजपा नहीं खरीद रही है। सत्ता में आने के बाद कांग्रेस पार्टी ने 45 लाख की बात तो छोड़ दो पंजीकृत 21 लाख 52 हजार 982 किसानों का धान भी नहीं खरीदा सरकार ने 20 लाख 52 हजार 494 किसानों का धान ले देकर खरीदा और सरकार यह भी बताएं की प्रदेश के 25 लाख किसान कहां गायब हो गए, क्यो 45 लाख किसानों की धान नही खरीदी जा रही है? क्यो 45 लाख किसानों को राजीव गांधी किसान अन्याय योजना का 10 हजार रुपए एकड़ नही दिया जा रहा है?
अग्रवाल ने कहा कि सरकार की मंशा अब धान खरीदी की नहीं रही है। धान खरीदने से यह सरकार भाग रही है। इसलिए सरकार धान को छोड़कर अन्य फसल कोदो, कुटकी, मक्का, गन्ना, सोयाबीन, अरहर लगाने पर प्रति एकड़ 10 हजार रुपया देने का झांसा फिर किसानों को दे रही है और यह प्रयास कर रही है कि किसान धान की फसल ना लें और यह धान खरीदी से बच जाए।
अग्रवाल ने कहा कि सरकार या बताएं कि प्रदेश में कितने क्षेत्रों में कितने एकड़ो में कोदो, कुटकी, अरहर, सोयाबीन, गन्ना व मक्का की खेती की जा रही है कितना उत्पादन हो रहा है सरकार के पास ना तो कोई कार्ययोजना है और नहीं कोई नीति है सिर्फ एक ही नीति है किसानों के साथ अन्याय वा छल करने की।